पशु किसान क्रेडिट कार्ड ऋण में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची जाँच टीम
पशु किसान क्रेडिट कार्ड ऋण में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची जाँच टीम
प्रारंभिक जांच में मिली कई खामियां।
समिति प्रबंधक से लेकर बैंक प्रबंधक पर लग रहे कमीशनखोरी के आरोप।
गर्वित मातृभूमि/भैयाथान:- सहकारिता मंत्री के गृह जिले अन्तर्गत शिवप्रशादनगर सहकारी समिति में पशु किसान क्रेडिट कार्ड ऋण के नाम पर किये गए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद कलेक्टर ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की है। एसडीएम सागर सिंह सहित लीड बैंक मनीजर शिबू इपेन , उप पंजीयक जी.एस. शर्मा व सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी गिरजाशंकर साहू की चार सदस्यीय टीम ने बीते गुरुवार को जिला सहकारी बैंक भैयाथान एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सोनपुर में जब अचानक दबिश दी तो कर्मचारियों में हड़कंप मच गई । वहीं पशु किसान क्रेडिट कार्ड ऋण के गड़बड़ी में सामिल जिम्मेदार अधिकारी हतप्रभ हो गये और ऋण से जुड़े दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने का काफी प्रयास किया परंतु असफल रहे। जांच टीम सहकारी बैंक भैयाथान से पशु ऋण से जुड़े आवश्यक दस्तावेज संकलन कर सोनपुर सहकारी समिति पहुंचे जहां शिवप्रशादनगर समिति अन्तर्गत स्वीकृत पशु ऋण से जुड़े व अन्य आवश्यक दस्तावेज को जप्त किये। तदुपरांत बसदेई चौकी पुलिस के साथ पशु ऋण प्राप्त किसानों के घर पहुंचे जहां उनसे आवश्यक पूछताछ की और पंचनामा तैयार किया।
क्या है मामला ……?
दरअसल 11 अक्टूबर के जनदर्शन में सोनपुर समिति अंतर्गत किसानों ने
कलेक्टर से इस बात की शिकायत की थी कि यहाँ के समिति प्रबंधक जो शिवप्रशादनगर समिति के भी प्रभारी प्रबंधक हैं पक्षपाती रवैये के कारण छः माह पूर्व जमा किये गये पशु किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की स्वीकृति अब तक नही हो पाई है वहीं समिति प्रबंधक के द्वारा कूटरचित दस्तावेज के सहारे शिवप्रशादनगर समिति अंतर्गत करोड़ो का ऋण ऐसे सैकड़ों किसानों का कूटरचित दस्तावेज के सहारे स्वीकृत करा दिया है जो नियम विरुद्ध है एवं एक ही परिवार से 4 से 5 लोगों को पशु ऋण का लाभ दिया गया है, उक्त कृत्य में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भैयाथान के शाखा प्रबंधक की भी भूमिका संदेहास्पद होने की बात कहते हुए किसानों ने कलेक्टर से शिकायत की थी, और जांच कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग किये थे।
भ्रष्टाचार की पूर्ण संभावना ——-
सूत्रों की माने तो जांच दल के द्वारा पशु किसान क्रेडिट कार्ड में हुए भ्रष्टाचार की बारिकी से जांच की जा रही है । सहकारी बैंक व सहकारी समिति से प्राप्त दस्तावेज तथा किसानों के बयान के आधार पर देखा जाये तो प्रथम दिवस के जांच में ही भ्रष्टाचार होने की पुष्टि की जा चुकी है। पशु क्रेडिट कार्ड के नाम से गलत तरीके से लगभग 2.5 करोड़ की राशि का लेनदेन करने का मामला सामने आया है किसानों ने जांच दल के समक्ष अपने बयान में समिति प्रबंधक व बैंक शाखा प्रबंधक के साथ -साथ कुछ रसूखदारों पर कमीशनखोरी करते हुए राशि बंदरबांट का आरोप लगाया है । साथ ही जांच के दौरान इस बात की भी पुष्टि की जा चुकी है कि जिस दुधारु पशु के नाम पर ऋण प्रदाय किया गया है वह पूर्ण रूप से नियम विरुद्ध है । जांच दल को किसानों के घर मे एक भी दुधारू पशु नही मिलने की बात कही जा रही है , हालाकि अभी विस्तृत जांच होना बाकी है। आने वाले दिनों में जांच के दौरान एक बड़ी राशि के बंदरबाट का मामला भी सामने आ सकता है। वहीं सूत्र तो यह भी बतातें हैं कि त्योहार सीजन होने से जांच टीम छुट्टी में चली गयी है जिसके कारण कुछ दिनों के लिए जांच को रोका गया है। इस दौरान इस गड़बड़ी में शामिल लोगों के द्वारा ऋण प्राप्त हितग्राहियों के घर-घर जाकर उन्हें जांच टीम को किस प्रकार बयान देना है के बारे में बताया जा रहा है। अगर आने वाले दिनों में जांच टीम को एक जैसा ही बयान मिलता है तो यह कोई आश्चर्य की बात नही होगी।
होगी कार्यवाही-------
सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान जिस प्रकार का तथ्य एवं साक्ष्य सामने आया है उसके आधार पर बहुत जल्द भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर एक बड़ी कार्यवाही देखने को मिलेगी। हालाकि कुछ कथित रसूखदार इस जांच को प्रभावित करने एवं किसी प्रकार कि कार्यवाही न हो उसके लिए युद्ध स्तर पर जोर आजमाइश करने में लगे हैं। परंतु अपनी इस प्रयास में वे सफल होते हैं या फिर दोषियों पर जिला प्रशासन सख्त कार्यवाही करता है यह देखना दिलचस्प होगा।
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प्रारंभिक जांच में कई खामियां पायी गयी है ,पशु ऋण के तहत जितनी राशि प्रदाय किया गया है उतनी पशु किसानों के पास नही है, जिसका भौतिक सत्यापन किया गया है। प्रथम दिवस के जांच में मात्र चार-पांच किसानों से ही पूछताछ की गई है, विस्तृत जांच अभी जारी है, जांच उपरांत दोषियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
श्री सागर सिंह
एसडीएम एवं जांचअधिकारी
भैयाथान