महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा तथा विकास से सभ्य समाज का निर्माण :मुर्मू
गर्वित मातृभूमि से दुर्गम दास की रिपोर्ट
गुवाहाटी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा तथा विकास सभ्य समाज का संकेत है। राष्ट्रपति ने यह बात यहां विकास के विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास या उदघाटन करते हुए कही।इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रसिद्ध शक्ति पीठ माता कामाख्या का दर्शन किये।इस क्षेत्र में प्रारंभ की गई स्वास्थ्य, शिक्षा, रेलवे, सड़क निर्माण, पेट्रोलियम और महिला सशक्तिकरण से संबंधित विविध परियोजनाओं की सफलता की कामना करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से व्यापार और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, परिवहन सुविधाओं में वृद्धि होगी और असम सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।राष्ट्रपति ने कहा कि बेहतर अवसंरचना किसी भी राज्य के विकास का आधार होती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का केंद्र बिंदु है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि केंद्र सरकार इस क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं और कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दे रही है।राष्ट्रपति ने कहा कि असम का विकास समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास का इंजन सिद्ध हो सकता है।उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है। उन्होंने इस बात पर गौर किया कि असम भारत में कच्चे तेल के कुल उत्पादन में 13 प्रतिशत का योगदान देता है। साथ ही भारत के कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन का 15 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र से आता है।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मोइनरबॉन्ड में आज जिस अत्याधुनिक डिपो का उद्घाटन किया गया, वह पूरी बराक घाटी के साथ-साथ त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम की पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार साबित होगा।राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार असम समेत सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क और रेल संपर्क पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सड़क और रेलवे से संबंधित जिन विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन किया गया है, उनसे क्षेत्र में व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलने के अलावा पर्यटन के अवसरों में भी वृद्धि होगी।राष्ट्रपति ने कहा कि असम में महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न सेवाओं को और मजबूती प्रदान करने के लिए आज शुरू किए गए 3000 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र एक सराहनीय कदम है। उन्होंने चाय बगान श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 100 मॉडल सेकेंडरी स्कूलों के शिलान्यास पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।एल.एस।