राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर खंड भैयाथान में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन कर पथ संचलन निकाला गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर खंड भैयाथान में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन कर पथ संचलन निकाला गया।
*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे प्रदेश कांग्रेस सचिव अखिलेश प्रताप सिंह*
गर्वित मातृभूमि/भैयाथान:- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को खंड भैयाथान में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन कर पथ संचलन निकाला गया। जहां जगह जगह नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
ज्ञात हो कि संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन की गई थी। तब से लेकर आज तक विजयादशमी के दिन आरएसएस अपना स्थापना दिवस मनाता आ रहा है जिसको लेकर शाखाओं द्वारा पथ संचलन निकाला जाता है। इस वर्ष संघ की स्थापना का यह 97 वा वर्ष है शुक्रवार को नगर भैयाथान में स्वयं सेवकों द्वारा आर एस एस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के उपस्थिति में शस्त्र पूजन भी किया गया तथा हाई स्कूल ग्राउंड से नगर में पथ संचलन किया गया। पथ संचलन में ध्वज वाहिनी घोष और घोष दंड शामिल थे, पथ संचलन में सभी स्वयंसेवक हाथों में दंड लिए कदमताल मिलाते हुए चल रहे थे पथ संचलन का जगह-जगह पुष्प वर्षा से नगर वासियों द्वारा भव्य स्वागत भी हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस सचिव अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सबसे पहले मैं हिंदू हूं।हिंदू होने के नाते सनातन धर्म के लिए संघ व स्वयं सेवकों का राष्ट्र व हिंदुत्व के प्रति कार्य सराहनीय है। सभी को साथ लेकर चलना संघ का मुख्य उद्देश्य है जो तारीफ के काबिल है। मैं आपके सेवा व सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहूंगा।
मुख्य वक्ता सिद्धि विनायक पांडेय ने कहा कि शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान होना समाज के लिए आवश्यक है।हम तो अपने स्वाभिमान संस्कृति को 10 वर्ष में भूल जाते हैं इसलिए हमे अपने धर्म के प्रति जागृत रहना होगा। पूरे भारतवर्ष को एक समाज के रूप में प्रतिष्ठित करना संघ की सोच है। संघ इसी के लिए नित्य साधना कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक समाज, राष्ट्र और जन समूह को अपना इतिहास ठीक प्रकार से समझना चाहिए। जो समाज या राष्ट्र अपने इतिहास की गलतियों से सीख नहीं लेता, उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने इतिहास की गलतियां दोबारा न हों इसके लिए संघ की स्थापना की थी।