जीवन में सफलता और असफलता तो प्रायः होती ही रहती है।
जीवन में सफलता और असफलता तो प्रायः होती ही रहती है।
गर्वित मातृभूमि/रायपुर:- “कभी कोई व्यक्ति पढ़ाई आदि के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त कर लेता है। कोई व्यक्ति ऊंची डिग्री प्राप्त कर लेता है। कोई खेल कूद में प्रथम स्थान प्राप्त करता है। किसी को अच्छी नौकरी मिल जाती है। इसी प्रकार से अन्य अन्य क्षेत्रों में भी कुछ लोग उत्तम स्थान प्राप्त कर लेते हैं।”
“परंतु कहीं कहीं कुछ लोग अपने उद्देश्य में असफल भी हो जाते हैं।”यह तो संसार का व्यवहार प्रायः देखने को मिलता रहता है।
जब कोई व्यक्ति अपने कार्य अथवा उद्देश्य में सफल हो जाता है, तब उनके मित्र परिचित रिश्तेदार संबंधी आदि बहुत से लोग उसकी घंटे भर तक प्रशंसा करते रहते हैं। वह व्यक्ति भी अपनी प्रशंसा सुनकर बहुत प्रसन्न होता है। *”परंतु उसी क्षेत्र में जो लोग असफल हो जाते हैं, अथवा प्रथम स्थान प्राप्त नहीं कर पाते, वे कुछ उदासी का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में उनका उत्साह बढ़ाने की बहुत आवश्यकता होती है।” “यदि उस समय उनका उत्साह न बढ़ाया जाए, उनको ढांढस न बंधाया जाए, तो कभी कभी वह घटना बहुत अधिक हानिकारक भी सिद्ध हो जाती है। वह असफल व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है, और कभी-कभी बहुत गलत कदम भी उठा लेता है।”
“ऐसी स्थिति में सफल होने वाले व्यक्ति की प्रशंसा आप भले ही कम करें, उससे कोई हानि नहीं होगी।” “परंतु जो व्यक्ति असफल हो गया हो, यदि उसका उत्साह न बढ़ाया जाए, तो बहुत बड़ी हानि हो सकती है।” “इसलिए उसका उत्साह अवश्य बढ़ाएं। क्योंकि उसको इस बात की बहुत अधिक आवश्यकता होती है।”
“यदि आप घंटे भर तक भी किसी सफल व्यक्ति की प्रशंसा करें, तो उसका मूल्य कम है।” “और जो व्यक्ति असफल हो गया, उसका उत्साह वर्धन करने के लिए यदि आप 2 / 4 मिनट का समय भी लगाएं, उसको निराशा से बचाएं, तो आपके उन शब्दों का मूल्य, घंटे भर तक की गई प्रशंसा से अधिक होगा, और वह व्यक्ति डिप्रेशन में जाने से बच जाएगा। कोई गलत कदम उठाने से भी बच जाएगा।”
“अतः सफल व्यक्ति की अपेक्षा असफल व्यक्ति पर अधिक ध्यान दें, उसका उत्साह बढ़ावें, उसे डिप्रेशन से बचाएं, और बहुत सा पुण्य कमाएं।”