December 23, 2024

खुद्दारी से जीना केवल राजस्थान सिखाता है…

खुद्दारी से जीना केवल राजस्थान सिखाता है…

आसमानी आफत के बीच काव्य रस ने भिगोया, बारिश के व्यवधान के बावजूद हुआ कवि सम्मेलन

गर्वित मातृभूमि/कोटा:-
आसमान से बरसती बूंदों से कुछ देर व्यवधान के बाद मेला दशहरा में अटल राष्ट्रीय कवि सम्मेलन शुरू हुआ तो देशभर से आए कवियों ने रात भर काव्य पाठ से भिगोया। हालांकि बारिश के चलते विजय श्री रंगमंच के स्थान पर श्रीराम रंगमंच पर करना पड़ा।

इस दौरान मेला समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा, मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह, सदस्य पवन मीणा, सोनू कुरेशी, अनिल सुवालका, पार्षद देवेश तिवारी, अंशु समेत अन्य निगम पदाधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। संचालन कवि अजातशत्रु ने किया।

काव्य पाठ करते हुए अतुल ज्वाला ने ‘ मुंड कटे और रुण्ड लड़े, इतिहास हमें सिखाता है… खुद्दारी से जीना केवल राजस्थान सिखाता है.. ” गाकर राजपुताने की महिमा का बखान किया। हास्य कवि देवेंद्र वैष्णव ने “ये हिंदुस्तान हमारा है.. ” सुनाई। कवि भूपेंद्र राठौर ने “एक बार फिर पंडित का घर काश्मीर में टूटा है, लाल किले से अच्छे दिन का नारा सबसे झूठा है.. ” गाकर कश्मीर की व्यथा का बखान किया।

प्रवीण राही ने सबकी बीवी ऐसी है.. के द्वारा गुदगुदाया। कविता किरण ने ” कविता की फुलवारी है, किरणों की केसर क्यारी है… गाकर नारी शक्ति की ताकत का अहसास कराया। कवि संजय शुक्ला ने ” हमारे देश की मिट्टी.. ” गाकर ओजस्वी रंग भरे। सुनील व्यास ने शहरी बनने के लिए हम भाईयों ने खानदानी खेत बांट लिए.. सपना सोनी ” मेरे मन की धरा पर मधुर भाव है.., ओम सोनी ने इस माटी को नमन करें… सुनाकर दाद बटोरी।

नरेश निर्भीक ने सैनिक पर कविता सुनाकर देशभक्ति के रंग घोले। प्रवीण पंवार ने नारी शक्ति को समर्पित तू अनन्य.. सुनाई। डॉ आदित्य ने प्राण जिनने दिए हैं.. अमित शर्मा ने युवा देश सुनाई। शशांक नीरज ने मैं जुगनू हूँ अंधेरी रात में.. निशामुनि गौड़ ने मैं दशरथ का राम.., अजात शत्रु ने कविता जिंदाबाद सुनाई। रणजीत सिंह ने हम राजस्थान के लोग… कवि बलवंत ने एक वो भारत था.. अशोक चारण ने तिरंगा कविता सुनाई।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *