अधर्म पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयादशमी परआये हम सब मिलकर अपने अंदर के रावण को मारे __प्रवक्ता कांग्रेस वीरेंद्र सिंह बघेल
अधर्म पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर
आये हम सब मिलकर अपने अंदर के रावण को मारे __प्रवक्ता कांग्रेस वीरेंद्र सिंह बघेल
गर्वित मातृभूमि/गौरेला पेन्ड्रा मरवाही:- प्रवक्ता कांग्रेस वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहां है की
हम बाहर रावण का पुतला तो जलाते है लेकिन अंदर उसे पोषित करते है। वो तो सतयुग था जिसमें केवल एक रावण था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की। यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना मुश्किल है। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। जिस प्रकार एक अंधकार का नाश करने के लिए एक दीपक ही काफी होता है वैसे ही अपने अंदर के रावण नाश करने के लिए एक सोच ही काफी है।
ना जाने कई सदियों से पूरे देश में रावण का पुतला हर साल जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण की मृत्यु सालों पहले हो गयी थी तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? आज तो कई रावण हैं। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरों पर चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनको ख़त्म करने के लिए साल में एक दिन काफी नहीं है इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने धनुष से मारा था, आज हम सभी को राम बनकर उसे संस्कारों से, ज्ञान से और अपनी इच्छा शक्ति से मारना होगा।
दशहरा के त्यौहार के दिन मां दुर्गा की पूजा होती है और भारत के विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े मैदान में रावण के बड़े-बड़े पुतले बनाए जाते हैं जैसे भगवान राम की वेशभूषा में लोग तीर धनुष के सहारे आग लगाते हैं और उसके बाद रावण के अंदर रखा हुआ पटाखा फूटता है और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ लोग नाचते हुए इस त्यौहार का आनंद उठाते है। हर साल दशहरा का त्यौहार मां दुर्गा की पूजा और रावण की प्रतिमा के अंत से मनाया जाता है
मेरी तरफ से जिला प्रदेशवासियो को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं
सिया रामचंद्र की जय हो