शारदीय नवरात्रि पर्व की समापन पर जवारा विसर्जन
शारदीय नवरात्रि पर्व की समापन पर जवारा विसर्जन
गर्वित मातृभूमि/सारंगढ़:- शारदीय नवरात्रि के पर्व पर नव दिन नव रात्रि तक देवी पूजा अर्चना की जाती हैं ततपश्चात नवमी के दिन जवारा विसर्जन किया जाता है और देवी माँ को गंगा स्नान करा कर पुनः मंदिर में विस्थपित किया जाता है इसी कड़ी में नवमी के दिन कोसीर के प्रशिद्ध कुशलाई मंदिर व मल्दा की मल्दिहिंन दाई के नाम से प्रसिद्ध देवी का विसर्जन किया जाता है वही पूरे नव दिन नव रात तक शाम को महाआरती का आयोजन किया जाता है और रात्रि में माता जसगीत गाकर जागरण किया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है श्रद्धालुओं के द्वारा मंदिर तक कर नापते हुए पहुँचते है और अपने मन वांछित फलों की प्राप्ति होती है और इस तरह से जवारा विसर्जन तथा गंगा स्नान कराया जाता हैं जिसमे सैकड़ो के संख्या में महिलाओं व पुरुषों एवं बच्चों की संख्या होती है फिर पुनः मंदिर में प्रवेश कर कलश को स्थापित किया जाता है वही बात करें जवारा विसर्जन में कुछ महिलाओं के द्वारा माता जसगीत में झुपते हुए नदी तालाब तक जाते हैं ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं झुपते हुए जाते हैं उनमें देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और इस तरह से नव दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि का समापन किया जाता है।