फिंगेश्वर थाना प्रभारी के संरक्षण में तेजी से बढ़ रहा कच्ची महुआ शराब का अवैध कारोबार
फिंगेश्वर थाना प्रभारी के संरक्षण में तेजी से बढ़ रहा कच्ची महुआ शराब का अवैध कारोबार
खास बात – बड़े विक्रेताओं से कमीशन लेकर संरक्षण छोटे कोंचियों पर जबरन कार्रवाई
युवा पत्रकार महेंद्र भारती
गर्वित मातृभूमि गरियाबंद :- फिंगेश्वर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में कच्ची महुआ शराब की नदियां बह रही है। जगह-जगह कुटीर उद्योग की भांति कच्ची महुआ शराब बनाने और बेचने का धंधा फलफूल रहा है। एक और जहां इसकी रोकथाम के लिए फिंगेश्वर थाना छोटे-मोटे शराब कोचियाओ पर मनमाने तरीके से बढ़ा चढ़ाकर कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपे हुए शासन प्रशासन का ध्यान अपनी कार्यवाही की ओर आकर्षित करा रही है तो वहीं दूसरी ओर मासिक दर से कमीशन रूपी प्रसाद लेकर बड़े शराब माफियाओं को फिंगेश्वर थाना प्रभारी द्वारा खुलेआम संरक्षण भी दिया जा रहा है, जो जन चर्चा का विषय बना हुआ है। यही कारण है कि फिंगेश्वर थाना क्षेत्र के दर्जन से अधिक स्थानों पर कच्ची दारू का उत्पादन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। फिंगेश्वर थाना के ग्राम रक्सा, कोसमखुटा, छुहिया, बेलर, कुंडेल, तरीघाट, कौनदकेरा, जोगीडीपा, सहित दर्जनों गांवों में कच्ची महुआ शराब की फैक्ट्रियां धधक रही हैं इसके साथ ही साथ क्षेत्र में संचालित सभी ढाबों तथा कुछ होटलों में खुलेआम शराब परोसा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि फिंगेश्वर थाना क्षेत्र इन दिनों अवैध शराब बनाने तथा बिक्री के लिए सुर्ख़ियों में बना हुआ है। उससे कहीं ज्यादा चर्चा का विषय फिंगेश्वर थाना की कार्यशैली है, जिनके द्वारा क्षेत्र में अवैध महुआ शराब कारोबारियों को कच्ची महुआ शराब बनाने एवं बिक्री के लिए मौखिक लाइसेंस बांटने का अनोखा कार्य किया जा रहा है। जहां तक थाना का काम अवैध शराब निर्माण, भंडारण, परिवहन एवं बिक्री पर रोकथाम करना होता है। मगर जब खुद रक्षक ही भक्षक बनकर अवैध कार्यों से होने वाली मोटी कमाई का भोग करने लगे तो विभागीय मंत्री सहित राज्य सरकार की किरकिरी लाजमी है। ऐसा ही कार्य इन दिनों फिंगेशवर क्षेत्र में पदस्थ थाना प्रभारी द्वारा किया जा रहा है, जो फिंगेश्वर एवं राजिम क्षेत्र में जन चर्चा का प्रमुख विषय है। पान ठेला से लेकर गली मोहल्ले व होटलों चौक चौराहे पर वृत्त प्रभारी के कार्यशैली की चर्चा आम जनमानस के मुख से सुना जा सकता है। जन चर्चाओं के अनुसार फिंगेश्वर थाना प्रभारी द्वारा अवैध शराब निर्माण एवं बिक्री करने वालों थोक विक्रेताओं से मासिक अवैध वसूली किया जा रहा है। जिसमें बड़े शराब कोंचियों द्वारा मासिक दर से 10 से 15 हजार रुपए का चढ़ावा थाना प्रभारी को चढ़ाया जा रहा है। जिसके एवज में थाना प्रभारी उन्हें खुलेआम शराब निर्माण एवं बिक्री का अनुमति प्रदान कर रहा हैं। हैरत की बात यह है कि इन थोक विक्रेताओं को संरक्षण देने तथा उनके कारोबार को सकुशल बनाए रखने फिंगेश्वर थाना प्रभारी द्वारा इन बड़े विक्रेताओं के दिशा निर्देशन पर चीलहर व छोटे विक्रेताओ के पास छापेमारी किया जाता है और 2 से 4 लीटर महुआ शराब बरामद होने पर उस विक्रेता को गैर जमानती मामला बनाकर जेल भेजने की धमकी देते हुए डरा धमका कर कार्यवाही करने का धौंस दिखाकर 50 से 60 हजार रुपए की अवैध वसूली भी की जाती है। जो चीलहर विक्रेता रुपए देने में सक्षम होते हैं उनके ऊपर जब्ती शराब की मात्रा के आधार पर कार्यवाही किया जाता है तथा जो विक्रेता रुपए देने में असक्षम होते हैं उनके कब्जे से जब्ती कच्ची महुआ शराब की मात्रा को कागजी कार्रवाई में बढ़ाकर गैर जमानती मामला बनाकर जेल भेज दिया जाता है। मजेदार बात यह है कि अवैध वसूली करने के बाद उन शराब कोंचियाें को शराब बेचने के लिए दबाव भी बनाया जाता है जिससे कि मासिक दर से इनसे कमीशन लेकर थाना प्रभारी द्वारा मोटी कमाई की जा सके। ऐसा ही कुछ बड़ा मामला जल्द ही प्रकाश में आने वाला है जो फिंगेश्वर थाना की काली करतूतों का पर्दाफाश करेगा।