भिंभौरी पित्र पर्व के अवसर में ग्राम भिंभौरी में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार भिंभौरी के दिव्य आत्माओं (65 कलाकारों ) के पुण्य स्मृति में दो दिवसीय पुरखा के सुरता मानस तिहार का आयोजन
गर्वित मातृभूमि से दुर्गम दास की रिपोर्ट बेरला–भिंभौरी पित्र पर्व के अवसर में ग्राम भिंभौरी में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार भिंभौरी के दिव्य आत्माओं (65 कलाकारों ) के पुण्य स्मृति में दो दिवसीय पुरखा के सुरता मानस तिहार का आयोजन ग्राम भिभौरी में किया गया। द्वितीय दिवस के कार्यक्रम में पूर्व विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मंत्री अवधेश सिंह चंदेल के विशिष्ट आतिथ्य में कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक चंदेल जी ने कहा ग्राम भिंभौरी की पहचान कला संस्कृति एवं ग्रामीण एकता के कारण बनी हुई है अपने विभिन्न विधाओं के कारण ग्राम की पहचान है। भिंभौरी की माटी में जन्मे सभी कलाकार जो अनेक विधाओं से परिपूर्ण रहा है और वर्तमान में भी अनेक कलाकारों का योगदान भिंभौरी और आसपास के क्षेत्र को भी इन कलाकारों के माध्यम से सेवा प्रदान किया जा रहा है यहां के कलाकारों के कारण भिंभौरी का नाम सभी क्षेत्रों में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है यहां की माटी की शक्ति ना सिर्फ कलाकारों की पहचान के लिए है बाकी अन्य विधाओं में अन्य क्षेत्रों में भी माटी की ताकत है पहचान है विनोद कुमार साहू के संयोजन में पुरखा के सुरता कार्यक्रम सफल होने जा रहा हैं पुरखा हमारी ताकत है हमारी धरोहर है जिनके कारण हमारी पहचान बनी है भिंभौरी के 65 कलाकार जो अनेक विधाओं में अपने आप को स्थापित किया। और उन कलाकारों के कारण हमारी एक अलग पहचान भी बने हुए हैं। जिनको हम आज याद करके अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं मैं ईश्वर से कामना करूंगा ऐसे दिव्य आत्माओं को भगवान हमेशा अपने शरण में स्थान दे । और दिव्य आत्माओं के अनेक कार्यों को याद करते हुए हम उनके द्वारा किए गए कार्यों का अनुसरण करें उनके कार्यों को हम याद करें उनके द्वारा दी गई समाज में उल्लेखनीय योगदान को हम हमेशा सहेज कर रखें ताकि आगे चलकर के समाज में लोगों के बीच में निश्चित रूप से वह अनुकरणीय बना रहे । समाज में हमें जो ताकत मिली है पूर्वजों से जो हमको संस्कृति मिली है। जो हमको व्यवहार उनसे प्राप्त हुआ है। समाज में काम करने की जो हमको प्रेरणा मिली है। परिवार में कैसे रहे। व्यवस्था को हम कैसे बनाए रखें हम अपने पूर्वजों से प्राप्त किए सारी ताकत एवं प्रेरणा को संजोकर रखे ताकि हमारा मार्ग प्रशस्त होता रहे । मैं उन कलाकारों दिव्य आत्माओं को भी याद करना चाहूंगा जिनके योगदान के कारण जिनके विभिन्न विधाओं में पारंगत होने के कारण आज भिंभौरी में दो दिवसीय पुरखा के सुरता नाम से हमको कार्यक्रम करने के लिए प्रेरणा मिला। स्वर्गीय कोदूराम वर्मा जी धनुर्धर के रूप में एक अलग पहचान था । छत्तीसगढ़ एवं पूरे देश में स्वर्गीय कोदूराम वर्मा जी का नाम था। स्वर्गीय कोदूराम जी न सिर्फ धनुर्धर थे अनेक विधाओं में पारंगत भी थे और लोगों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से छत्तीसगढ़ की परंपरा से जोड़ कर रखना उनका हमेशा लोगों के बीच सुझाव भी होता था। स्वर्गीय रामनारायण परगनिहा जी सांस्कृतिक कार्यक्रम गंवई के फूल के माध्यम से छत्तीसगढ़ में एक अलग ही पहचान उन्होंने बनाया था।आज हम उनको स्मरण कर रहे हैं। भिंभौरी के माटी में जन्मे कुमारी काजल सेन 14 वर्ष की उम्र में 1,000 से अधिक मंचो पर अपनी प्रतिभा बिखेर चुकी हैं नृत्य के माध्यम से अपने परिवार एवं गांव का नाम रोशन कर रही है । मैं उस बेटी को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भविष्य में आगे बढ़ते ऐसी में हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं ।दो दिवसीय सफल कार्यक्रम के लिए सभी ग्राम वासियों को सभी कलाकार भाइयों को बहनों को और विशेष रूप से विनोद साहू को मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि ऐसे कार्यक्रम हमेशा होता रहे ताकि हम अपने पूर्वजों से हम अपने कला से हम अपने विधा से अपनी संस्कृति से हमेशा जुड़े रहे कार्यक्रम को विशेष सहयोग एवं संरक्षण देने वालों में श्री शालिक राम वर्मा प्रेम लाल वर्मा विनोद साहू को विशेष धन्यवाद देता हूं एक बार पुनः ईश्वर से कामना करता हूं कि हमेशा इस क्षेत्र में प्रभु की कृपा बनी रहे । दो दिवस कार्यक्रम के समापन अवसर में श्री सालिक राम वर्मा, प्रेम लाल वर्मा,पोषण वर्मा, रोशन वर्मा, चंद्र विजय धीवर, श्याम वर्मा, देव सिंह साहू, दुर्गा प्रसाद टिकरिहा,राजू साहू, संदीप परगनिहा, खिवराज धीवर,राजेंद्र वर्मा, कमलेश वर्मा ,गिरजा शंकर सहित भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे कार्यक्रम के संयोजक विनोद साहू ने सभी ग्राम वासियों को कलाकार भाइयों बहनों को प्रत्यक्ष एवं अध्यक्ष सहयोग प्रदान करने वाले सभी सम्मानित जनों का एवं इस कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने वाले आसपास के क्षेत्र के भी लोगों का ग्रामीणों का मैं आभार व्यक्त करता हूं ।