देवेंद्र, शैलेश से लेकर भानु तक टिकट के दावेदार पर कौन लगाएगा भाजपा की नैया
गर्वित मातृभूमि से श्री कांत जसवाल बैकुण्ठपुर /कोरिया जिले का बैकुंठपुर विधानसभा पूरे सरगुजा का हाईप्रोफाइल विधानसभा माना जाता है यहां पर अच्छी अच्छी रणनीतियां फेल हो जाती है और खराब रणनीतियां भी पास हो जाती है, कुछ ऐसा ही पिछले विधानसभा में देखने को मिला है, इस विधानसभा का शुरूआत से इतिहास को यदि खंगाला जाए तो यह विधानसभा हर तरफ से चुनाव परिणाम को रोचक बनाता है। स्व पंडित ज्वाला प्रसाद उपाध्याय से लेकर कोरिया कुमार स्वर्गीय डॉ रामचन्द्र सिंहदेव तक और फिर भइयालाल राजवाड़े से लेकर वर्तमान विधायक तक, कोरिया कुमार ने तो एक बार निर्दलीय लड़कर ही भारी मतों से चुनाव जीत लिया था, वहीं सरगुजा पैलेश को कांग्रेस की टिकट पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी, कोरिया कुमार के चुनाव न लड़ने पर एकबार द्वारिका प्रसाद का बीजेपी से विधायक बन गए थे, जबकि उस समय कांग्रेस की लहर चलती थी, कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा का चुनाव हमेशा रोचक रहा है और हर बार परिणाम अप्रत्याशित ही आते रहें हैं, पिछले चुनाव में दो बार के विधायक व कैविनेट मंत्री और जन सरोकारों के लिए प्रसिद्ध भइयालाल राजवाड़े को भी हार का मुंह देखना पड़ा था जो साबित करता है कि बैकुंठपुर विधानसभा में परिणामों को लेकर कोई भी कुछ पहले से कहने की स्थिति में नहीं रहता है।
भाजपा में दावेदारों की संख्या पिछली बार के मुकाबले ज्यादा है
बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा को और कांग्रेस को बारी बारी जनता ने अवसर दिया और कभी भी यह विधानसभा किसी एक दल की होकर नहीं रही,अब पुनः एक बार फिर 2023 का विधानसभा चुनाव सामने आने वाला है और भाजपा में दावेदारों की संख्या पिछली बार के मुकाबले ज्यादा है, भाजपा में विधायक पद के दावेदारों की बढ़ती संख्या भाजपा को फिर नुकसान पहुंचा सकती है, यह दावेदारों की अधिक संख्या देखकर संकेत मिल रहे हैं, कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा के जो दावेदार सामने हैं उनमें पहले नंबर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री भइयालाल राजवाड़े, देवेन्द्र तिवारी, शैलेश शिवहरे, भानु पाल और हाल फिलहाल ही भाजपा में नए-नए शामिल हुए डॉ राकेश शर्मा भी अब इसमें शामिल होते दिख रहे हैं, डॉ राकेश शर्मा विधायक के लिए तो कम पर सांसद के लिए ज्यादा प्रबल प्रत्याशी माने जा रहें हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रथम सदस्यता ग्रहण करते ही इन्हें 2024 में सांसद प्रत्याशी चुन लिया जाएगा, कोरिया जिले के बैकुंठपुर के सारे दावेदार रायपुर में नए प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर अपनी टिकट फाइनल कराने की जुगत लगाते भी नजर आ रहें हैं।
भाजपा को पिछली बार भी कई दावेदारों के खींचतानी में करना पड़ा था हार का सामना
बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा की पिछली हार का कारण भी कहीं न कहीं कई दावेदारों की वजह से आपसी खींचतान में हुई हार मानी जाती है वहीं यदि फिर दावेदार ज्यादा रहे तो वही स्थिति निर्मित होगी इससे इंकार नहीं किया जा सकता, भाजपा के पास संगठन मजबूत है और मजबूत संगठन के बीच गुटबाजी भी हावी है, जिन नामों पर लगातार दावेदार होने को लेकर कयास लगाए जा रहें हैं वह ऐसे ही नहीं लगाये जा रहें हैं सभी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहें हैं और अपनी अपनी दावेदारी साबित भी कर रहें हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में भइयालाल राजवाड़े को लेकर जनता का रुख सकारात्मक नजर आ रहा है लेकिन उम्र के कारण टिकट मिलने में मुश्किल आ सकती है उन्हें इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता और यदि उनके लिए ना हुई तो किसे मिलेगा टिकट इसको लेकर ही सभी अन्य प्रयासरत हैं।
भाजपा से जीतने वाले प्रत्यासी हो सकते है भइयालाल राजवाड़े
भइयालाल राजवाड़े जीतने वाले प्रत्यासी होंगे इस संभावना से कोई इंकार भले ही नहीं कर रहा हो इसे अन्य भी दावेदार मानते हैं लेकिन वह इस प्रयास में है कि टिकट कटने की स्थिति में उन्हें मौका मिलेगा इसलिए वह प्रयास कर रहें हैं। बैकुंठपुर विधानसभा की वर्तमान विधायक के कार्यकाल मे उनका जनसंपर्क क्षेत्र भ्रमण बिल्कुल कम रहा इसको लेकर भी भाजपा से दावेदारी करने वाले जीत को लेकर आश्वस्त नजर आते हैं और टिकट की मांग करते नजर आते हैं। बैकुंठपुर विधानसभा का 2023 का चुनाव रोचक इसलिए भी रहने वाला है कि भाजपा से भइयालाल राजवाड़े को टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय प्रत्याशी बतौर भी कुछ बड़े प्रत्यासी चुनाव लड़ सकते हैं और अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। भाजपा के लिए 2023 का चुनाव बड़ा महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि भाजपा हर हाल में चुनाव जीतना चाहेगी और ऐसे में वह ऐसा प्रत्यासी ही मैदान में उतारेगी जो जितने वाला हो ऐसे में भइयालाल राजवाड़े का टिकट कटेगा लगता नहीं है।
बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा एक से अधिक दावेदारों को कैसे संतुष्ट करेगी
बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा के एक से अधिक दावेदारों को भाजपा कैसे संतुष्ट करेगी यह भी देखने वाली बात होगी,वैसे सत्ताधारी दल से भी कई दावेदार हो सकते हैं इसका भी अंदेशा है और सुनने को भी मिल रहा है लेकिन वर्तमान विधायक का टिकट कटेगा यह लगता नहीं है। भाजपा के अन्य दावेदारो में देवेंद्र तिवारी ने अपनी दावेदारी के लिए बैकुंठपुर में घर बना लिया है और बैकुंठपुर के निवासी हो गए हैं और उन्हें संगठन पर विश्वास है और उसी के सहारे वह टिकट की दौड़ में हैं, वही शैलेश शिवहरे का भी जनसम्पर्क तेज है और नगरपालिका में कब्जा कर वह अपनी दावेदारी को मजबूत बना चुके हैं, वहीं भानुपाल भी पार्षद का चुनाव जीतकर अपनी दावेदारी को मजबूत कर चुके हैं नए नए भाजपा में शमील हुए, डॉ राकेश शर्मा की दावेदारी विधायक के लिए है कि नहीं यह तो पता नहीं लेकिन वह सांसद के लिए टिकट की मांग कर सकते है ऐसी सूचना मिल रही है, वैसे डॉक्टर साहब का सार्वजनिक जीवन व जनसरोकारों से कभी कोई वास्ता नहीं रहा है और बैकुंठपुर शहर से बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उनको स्वीकार करने वालों की संख्या भी नगण्य है। डॉक्टर साहब की दावेदारी कहीं से भी मजबूत नजर नहीं आती और उनके भरोशे विधानसभा और लोकसभा दोनों में भाजपा की नैया पार होगी लगता नहीं है।