ग्रामीण क्षेत्रों में बिना फार्मासिस्ट के विभाग के शह पर संचालित हो रहे हैं मेडिकल
ग्रामीण क्षेत्रों में बिना फार्मासिस्ट के विभाग के शह पर संचालित हो रहे हैं मेडिकल
लोगों की जान से कर रहे हैं खिलवाड़, अप्रशिक्षित लोग विक्रय कर रहे हैं दवा, नही होती जांच
गर्वित मातृभूमि/जैजैपुर:- क्षेत्र में बिना फार्मासिस्ट के दवा विक्रय का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते दवा दुकानों में अप्रशिक्षित लोग बैठे हुए हैं। पूरे जिले में सैकड़ों दवा दुकान ऐसे हैं जहाँ फार्मासिस्ट कभी नही रहते हैं।
गौरतलब हो कि मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत छपोरा में संचालित एक दवा दुकान की है जहाँ एक बंगाली द्वारा माँ जशोदा मेडिकल का संचालन किया जा रहा है और फार्मासिस्ट का नाम कांसीराम मनहर है जिसे प्रशासन ने दवा दुकान चलाने की अनुमति दी हुई है लेकिन कभी दवा दुकान में नही रहता है।जिन दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बिना विक्रय नही किया जा सकता है उसे भी बेखौफ होकर अप्रशिक्षित लोग बेच रहे हैं जबकि दवाओं की रखरखाव एवं बेचने का काम केवल फार्मासिस्ट ही कर सकता है।
डोज को लेकर भी सवाल
दवाओं के अनाधिकृत व्यक्तियों को एलोपैथी दवाओं के डोज की कोई जानकारी नही है लेकिन किसी मेडिकल प्रेक्टिशनर की भांति मनमर्जी डोज बताते हुए लोगों को दवा देते हैं।इससे लोगों को मनमाने डोज से तत्कालिक लाभ मिल जाता है पर इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं जिससे किडनी लिवर की गम्भीर बीमारियां भी बढ़ रही है।