December 23, 2024

जैजैपुर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का भरमार, जिम्मेदार मौन

भोले भाले ग्रामीण लोगों की जान से कर रहे खिलवाड़

जांजगीर चांपा/:- जैजैपुर क्षेत्र में चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज करने यहां झोलाछाप डॉक्टर तैयार बैठे हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टरों को स्थानीय कमीशनखोरो द्वारा प्रोत्साहित कर इनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों के पास उपचार के लिए पहुंचे मरीजों की हालत जब बिगड़ती है तो इन डॉक्टरों द्वारा या तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैजैपुर भेज दिया जाता है अथवा जिला अस्पताल जांजगीर जाने की सलाह दी जाती है। मजेदार बात यह है कि क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे इस गोरखधंधे की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भी है, बावजूद इसके इनके ऊपर कार्यवाही ना होना प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर अनेकों सवाल खड़ा करता है। उल्लेखनीय है कि जैजैपुर क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रहीं हैं। इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र के लगभग सभी गांव में बिना रजिस्ट्रेशन वाले झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक चला रहे हैं। इतना ही नहीं क्लीनिकों के नाम बड़े शहरों के क्लीनिकों की तर्ज पर रखते है, जिससे लोग आसानी से प्रभावित हो जाते है। मरीज अच्छा डॉक्टर समझकर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है। जैजैपुर क्षेत्र के कुटराबोड़ में विराजमान झोलाछाप डॉक्टर इन दिनों सुर्खियों में है जो गांव के भोले भाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर उपचार के नाम पर मोटी रकम ऐंठकर लोगों को लूटने में व्यस्त है। और स्थानीय लोगों को इसकी भनक तक नहीं है। झोलाछाप डॉक्टर के इस कृत्य से जहां स्थानीय लोगों को पैसे की बर्बादी हो रही है। वहीं लोगों की जान भी जोखिम में पड़ रही है। इस झोलाछाप डॉक्टर का लक्ष्य सिर्फ चंद पैसे कमाना है। यही वजह है कि आए दिन गरीब तबके के लोग इसके शिकार हो जाते हैं। ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं। यदि शीघ्र ही इन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इनकी संख्या बड़ी तादाद में बढ़ जाएगी और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे आम जनमानस को फर्जी डॉक्टर के चुंगल में फंसने से बचाया जा सके।

बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं झोलाछाप:-
जैजैपुर क्षेत्र में इन दिनों झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। जैजैपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। उमस भरी गर्मी के कारण इन दिनो उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं। झोलाछाप इन मर्जों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 200 से 500 रुपए तक होती है।

स्वास्थ्य विभाग नहीं करता कार्रवाई:-
झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से अब तक कई लोगों की असमय जान चली गई है। हसौद में संचालित बंगाली क्लीनिक में पिछले वर्ष उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने स्थाई तौर पर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की। करीब दो-तीन महीने पूर्व क्षेत्र के ग्राम रीवाडीह में संचालित एक बंगाली क्लीनिक को स्वास्थ्य अमले द्वारा सील करने की औपचारिकता निभाई गई है। ग्रामीण क्षेत्र में एक बार भी प्रशासन की कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और प्रशासन दूर से ही इन्हें देख रहा है।

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