गणेशोत्सव पर्व मनाने की तैयारी जोर – शोर से किया जा रहा है समितियों द्वारा जोर-शोर से किया जा रही है।
गणेशोत्सव पर्व मनाने की तैयारी जोर – शोर से किया जा रहा है समितियों द्वारा जोर-शोर से किया जा रही है।
जिला ब्यूरो बिनोद कुमार
गर्वित मातृभूमि/बेमेतरा/नारायणपुर:- ग्राम नारायणपुर नगर सहित क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गणेशोत्सव पर्व मनाने की तैयारी समितियों द्वारा जोर-शोर से की जा रही है। बुधवार31 अगस्त को गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन के साथ पर्व मनाया जाएगा। इस बार प्रतिमा स्थापना में किसी तरह से प्रशासनिक प्रतिबंध नहीं है, प्रतिमा की ऊंचाई के साथ ही कोविड गाइडलाइन से प्रशासनिक प्रतिबंध हटा दिया गया है, इस कारण नगर में इस बार एक दर्जन से अधिक बढ़ी प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि महंगाई की मार से गणेश जी भी प्रभावित हुए हैं,
मूर्तिकार ऑर्डर लेकर बड़ी प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। प्रतिमा निर्माण के आलावा रंग-रोगन की कीमत अधिक होने के कारण मूर्तिकार कम मूर्ति बना रहे हैं। नगर के ग्राम भोपसरा के मूर्तिकार ने बताया कि लगभग 150 मूर्ति का निर्माण गत 2 माह से कर रहे हैं जिसमें गणेश जी के साथ -साथ दुर्गा माता शंकर जी की मूर्ति बनाई जा रही है। लगभग तीन फीट की मूर्ति तीन हजार तक की किमत तय किए गए हैं जिसमें अधिकांश ऑर्डर की मूर्ति है। ज्ञात है कि प्रशासन द्वारा मिटटी की ही मूर्ति निर्माण का निर्देश जारी किया गया है क्योंकि मिट्टी की मूर्ति विसर्जन के बाद घुल जाता हैं परंतु प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पानी में नहीं घुल पाता व पर्यावरण की दृष्टि से भी ठीक है।
गणेश चतुर्थी 2022 पर बना शुभ संयोग: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन गणपति को समर्पित है। इस साल गणेश चतुर्थी31अगस्त बुधवार को हैं। 10 दिवसीय गणेशउत्सव पर्व बुधवार से शुरू होगा। बुधवार के दिन अपने भक्तों के बीच गणेश जी का आगमन बेहद शुभ है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 अगस्त की दोपहर से शुरू होगी और 31 अगस्त को दोपहर 3:23 बजे समाप्त होगी अर्थात 31 अगस्त की दोपहर क़रीब साढ़े तीन बजे तक गणेश जी की मूर्ति की स्थापना का शुभ समय रहेगा। गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले गणपति के लिए रखे जाने वाले व्रत का संकल्प लें और उसके बाद मध्यकाल में किसी चौकी पर लाल कपड़ा या आसान बिछाकर गणपति की मूर्ति प्रतिमा स्थापित करें इसके बाद गणपति को फुल ,फल, पान सुपारी आदि चढ़ाने के बाद उनका मनपसंद भोग यानि मोदक चढ़ाई और गणेश चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने पर भविष्य में कलंक या फिर कहें तमाम तरह के झुठे आरोप लगने का ख़तरा रहता है. इसलिए इस दिन भूलकर भी चंद्रमा न देखें।