मोदी की महंगाई से गरीब मजदूर की रोटी थाली से जा रही संसाद प्रतिनिधि कांग्रेस
मोदी की महंगाई से गरीब मजदूर की रोटी थाली से जा रही संसाद प्रतिनिधि कांग्रेस
श्री कांत बैकुठपुर
गर्वित मातृभूमि/ बैकुठपुर:- संसाद प्रतिनिधि श्री रवि प्रताप सिह बाबा ने कहा है की महंगाई से देश का हर वर्ग, हर घर पीड़ित नजर आ रहा है। 2014 के पहले जिस महंगाई को भाजपा डायन बताती थी आज उसी महंगाई डायन को मोदी सरकार पाल पोस रही है। 100 दिनों में महंगाई कम करने का वादा कर देश भर की जनता का वोट बटोरने वाली मोदी सरकार अब महंगाई पर चर्चा करने से भाग रही है और महंगाई को राष्ट्रवाद की संज्ञा दिया जा रहा है। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल, डीजल पर आंशिक मूल्य वृद्धि होने पर भाजपा के नेता और नेत्रियां आलू-प्याज की माला पहन कर महंगाई का दुखड़ा रोते थे और आज महंगाई पर चर्चा करने पर भाजपा की नेत्रियां कहती है प्याज और लहसुन नहीं खाती।
2014 के पहले देश में महंगाई बढ़ने के लिए प्राकृतिक परिस्थितियां जिम्मेदार होती थी लेकिन 2014 में मोदी के शपथ लेने के बाद देश में महंगाई सरकार निर्मित आपदा हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल पर 3 रू. 48 पैसा और 9 रू. 54 पैसा एक्साइज ड्यूटी लिया जाता था, मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगभग 19 रू. 48 पैसा, 15 रू. 54 पैसा के करीब एक्साइज ड्यूटी ले रही है। 1947 के पहले नमक पर फिरंगी टैक्स लेते थे, आजादी के 75 साल बाद मोदी भाजपा की सरकार दूध, चावल, दाल, आटा, नमक पर 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है जिसके चलते देश में महंगाई बढ़ी है। जूता, चप्पल, स्टेशनरी और कपड़ा पर टैक्स नहीं लिया जाता था उस पर भी 8 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। कृषि यंत्रों रसायनिक खाद उर्वरक पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी वसूली जा रही है। देश में कोई ऐसा वस्तु नहीं है जिस पर मोदी ट्रैक्स ना लगा हो। कांग्रेस शासनकाल पर 400 रू. में मिलने वाला रसोई गैस मोदी सरकार 1100 रू. प्रति सिलेंडर बेच रही है।
मोदी के विदाई के साथ ही देश की जनता को महंगाई से मुक्ति मिलेगी। केंद्र में भाजपा की सरकार बनना ही देशवासियों के लिए आपदा से कम नहीं है। भाजपा के पास देश की जनता के लिए ना तो नीति है, ना तो नियत है, पूरी भाजपा की केंद्र सरकार 2 लोगों के लिए काम कर रही हैं। बाकी देश के 135 करोड़ जनता मोदी प्रायोजित महंगाई से पीड़ित और प्रताड़ित है। कांग्रेस पार्टी जनता की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक उठा रही है। महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन गति से चल रहा है जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
महंगाई में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों का योगदान 2014 तक 2 से 3 प्रतिशत होता था, जो आज बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गया है, उसके पीछे मोदी सरकार की मुनाफाखोरी की भूख ही जिम्मेदार है। 2014 की तुलना में डीजल पर प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज लगभग आठ गुना अधिक है। 2014 तक 400 रुपए के गैस की सिलेंडर पर सवा सौ से 160 रुपए सब्सिडी भी मिलती थी, अब सिलेंडर 1100 का और सब्सिडी अघोषित रूप से खत्म। आवासीय किराए पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलने का प्रावधान किया गया है यदि जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति, कंपनी या संस्थान के द्वारा घर किराए पर लिया गया हो। यही नहीं प्रतिदिन 1000 रुपए से कम किराए के होटल के कमरों पर भी अब 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है मोदी सरकार। अस्पताल के कमरे के किराए से लेकर कफन के कपड़े तक, पूजन सामग्री दूध दही से लेकर दाल, चावल, आटा सभी पर निर्ममता पूर्वक कर वसूल रही है मोदी सरकार।