वसीयत बनाकर जमीन दलाली का एक और बड़ा खेल, तहसीलदार और दलालों की मिलीभगत
वसीयत बनाकर जमीन दलाली का एक और बड़ा खेल, तहसीलदार और दलालों की मिलीभगत
गर्वित मातृभूमि/गौरेला.पेण्ड्रा मरवाही/ पेण्ड्रा:- तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा तहसील कार्यालय अपने भ्रष्ट कारनामो पर नित नए आयाम गढ़ रहा है ताजा मामला पेण्ड्रा तहसील का है जहाँ पुष्तैनी जमीन को हड़पने की बदनीयत से पेण्ड्रा निवासी संतोष ठाकुर , मोहम्मद यूसुफ खान, विजय राठौर, बिल्लू साहू, आकाश साहू , जो जमीन के बड़े दलाल है जिनके साथ तहसीलदार शेषनारायण जैसवाल दवारा मिलिभगत कर कोटा निवासी अपने रिश्तेदार बाबूलाल साहू के साथ मिलकर दरसराम गोंड के नाम में फर्जी कुटरचित वसीयत बनाकर उसका सही के रूप में इस्तेमाल कर पंजीकृत बैनामा का निष्पादन कर दिया जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता ने राजस्व के अधिकारियों समेत पुलिस अधीक्षक एवं जिलादंडाधिकारी को देकर न्याय की गुहार लगाई है .
दरअसल मामला यह है कि ग्राम पेण्ड्रा तहसील पेण्ड्रा जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही
स्थित भूमि खसरा नंबर 2072/1 रकबा 8 डिसमिल जो शिकायतकर्ता के पूर्वजों की भूमि है जो राजस्व अभिलेखों में कल्लू पिता टिंगाली जाति कोल के नाम से दर्ज होती चली आ रही है . वही कल्लू पिता टिंगाली की मृत्यु वर्ष 1960 में हो गई थी और उसका इकलौता वारिस संतलाल कोल है . संतलाल कोल ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे पिछले सप्ताह पता चला की उसकी पुश्तैनी जमीन को किसी दरसराम नाम के आदमी ने अपने नाम में चढ़वाकर लिखन सिंह के पास बिक्री कर दिया है जिसके संबंध में जांच पड़ताल करवाने पर और संबंधित व्यक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि पेण्ड्रा निवासी भू माफिया संतोष ठाकुर, मो यूसुफ खान, विजय राठौर, आकाश साहू, बिल्लू साहू, के द्वारा तहसीलदार पेण्ड्रा शेषणारायण जायसवाल की मदद से कोटा निवासी अपने रिश्तेदार बाबूलाल साहू के माध्यम से दरसराम गोंड के नाम से फर्जी जाली और कूटरचित वसीयत बनाकर जिसमे बाबूलाल साहू गवाह बना है जमीन को दरसराम के नाम चढ़ाया गया है और फिर उसके बाद गोपाल सिंह भैना के नाम से मुख्तयार नाम बनवाकर जमीन को 40 लाख रुपया में लिखन सिंह पैकरा के पास बिक्री किया गया है।
तब शिकायतकर्ता द्वारा अपने मित्रों के साथ इस संबंध में गोपाल सिंह जिसके नाम से मुख्तयार नामा बनवाकर भूमि बिक्री की गई है उससे बातचीत की गई और बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है जिसमे वह स्पष्ट रूप से किसी दरसराम गोंड को नही जानता कह रहा है और पूरा षडयंत्र संतोष ठाकुर द्वारा किया गया है कबूल कर रहा है इसी प्रकार दरसराम से बातचीत की गई और उसका वीडियो रिकॉर्डिंग की गई जिसमे वह स्पष्ट कह रहा है की उसको बिल्लू साहू और संतोष ठाकुर द्वारा आदिवासी की जमीन तुम्हारे नाम से खरीदना है ऐसा कहकर गुमराह किया गया और उसके घर तहसीलदार के साथ आकर कोरे कागज में उसका हस्ताक्षर लिया गया कहा जा रहा है इसके अलावा वह किसी कल्लू कोल नामक आदमी को नही जानता ना ही उसका पेण्ड्रा के किसी आदमी से कोई जान पहचान है ना ही वह कभी पेंड्रा तहसील कभी जीवन में गया है।
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि भू माफियाओं के साथ मिलीभगत करके तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल द्वारा पुश्तैनी जमीन को हड़पने की बदनीयत से जाली फर्जी कूटरचित वसीयत का निर्माण कोटा जाकर करवाया गया है और बिना तहसील में किसी के आए गए अपने शासकीय पद का दुरुपयोग कर नामांतरण आदेश पारित किया गया है। जबकि लिखन सिंह पैकरा नाम मात्र का क्रेता है जिसके नाम से जमीन खरीदी गई है क्योंकि वह गरीबी रेखा कार्ड धारी व्यक्ति है उक्त जमीन को उसके नाम से आकाश साहू और विजय राठौर द्वारा लिया गया है जिसे आकाश साहू दावा स्वयं कबूला गया है जिसकी भी ऑडियो रिकॉर्डिंग की गई है।
उक्त पुश्तैनी जमीन को जिन लोगो के द्वारा एक राय होकर आपस में षडयंत्रपूर्वक मिलीभगत करके फर्जी जाली और कूट रचित वसीयत के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया गया है ये सभी व्यक्ति इस इलाके के जाने माने भू माफिया हैं उनके विरुद्ध कूटरचना करके जमीन हड़पने की कई शिकायतें हैं जिसपर आज पर्यन्त तक कार्यवाही न होने से इन जमीन माफियाओ के हौसले बुलंद है. वही इस पूरे मामले में पेण्ड्रा में पदस्थ तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल की भूमिका बिलकुल संदिग्ध है क्योंकि वह इन भू माफियाओं के साथ कोटा जाकर कोरे कागज में दरसराम का हस्ताक्षर लिया और पुरे प्रकरण का निष्पादन तहसील से बाहर सिर्फ 3 दिन की आदेश पत्रिका में कर दिया गया है।
उक्त गंभीर मामले में शासन को चाहिए कि उच्च स्तरीय जाँच दल का गठन कर जांच कराए जाने की आवश्यकता है उक्त जांच से यह स्पष्ट होगा कि कैसे एक सरकारी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भूमाफ़ियाओ को उपकृत करने में लगे हुए है