संविदाकर्मियों के सत्याग्रह सप्ताह, आज तिरंगा रैली के साथ समापन
संविदाकर्मियों के सत्याग्रह सप्ताह, आज तिरंगा रैली के साथ समापन
गर्वित मातृभूमि/मुंगेली:- प्रदेश में संविदाकर्मियों का सत्याग्रह आज पूरे प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में तिरंगा रैली के साथ समाप्त हुआ. तिरंगा रैली सभी जिला मुख्यालयों के मुख्य प्रशासनिक कार्यालयों में जाकर ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त हुई. इसी क्रम में जिला मुंगेली में वृहद रूप से रैली निकाल 1000 हजार से अधिक संविदाकर्मी अवकाश पर रहे और नियमित कमर्चारियों की हडताल से चरमराई सरकारी व्यवस्था पूरी तरह ढह गई. लोगों को अपने जरुरी कामों के लिए भटकना पड़ा. हालाँकि सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने इसके लिए आमजनता से क्षमा प्रार्थना करते हुए हडताल को अपनी मज़बूरी बताया और इसके लिए सरकार की असंवेदनशीलता को जिम्मेदार बताया.
उल्लेखनीय है कि सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में मंगेली के 54 विभागों के समस्त संविदा कर्मचारी 26 अगस्त को एक दिन की हड़ताल के माध्यम से शासन को अपने नियमितीकरण, 62 वर्ष की जॉब सिक्योरिटी एवं वेतन वृद्धि 28 प्रतिशत जैसी मांगों के लिए रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर राहुल देव (IAS) को सौपा गया जिला संयोजक ताकेश्वर साहू, प्रिया यादव अजय से क्षत्रिय नितिन चंद्राकर अमित दुबे चंद्राकर नीतू दिवाकर देव बर्मन जितेश भारद्वाज किरण प्रधान श्रीकांत लास्कर, प्रदेश सचिव एवम परमेश्वर कौशिक शामिल रहे।
हड़ताल सह तिरंगा यात्रा रैली में सभी विभागों जिसमें स्वास्थ, पंचायत, मनरेगा शिक्षा, महिला बाल विकास जैसे प्रमुख विभाग सम्मिलित रहे,।इससे पूर्व संविदा कर्मचारियों द्वारा अगस्त ध्यानाकर्षण सप्ताह के माध्यम से 22 अगस्त से लेकर 25 अगस्त के दौरान अपने कार्यालयों में तिरंगा पट्टी लगाकर शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए कार्य कर रहे थे. ज्ञातव्य हो कि पूरे प्रदेश में लगभग 35 हजार की संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. ये कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं सहित, पंचायत, मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण और जनसरोकारों से जुड़े विभागों में कार्यरत हैं, लेकिन इन्हें इनका नैसर्गिक अधिकार आज तक नहीं मिला है. इनके द्वारा लम्बे समय से नियमितीकरण की मांग की जा रही है किन्तु कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा-पत्र में नियमितीकरण करने की घोषणा के बावजूद 4 सालों में कुछ ख़ास पहल नहीं की है.
महासंघ जिला संयोजक ताकेश्वर साहू ने बताया कि हमारी सर्वप्रथम और एकमात्र मांग नियमितीकरण है लेकिन नियमितीकरण की कार्रवाई होते तक तात्कालिक व्यवस्था के तहत छ.ग. सिविल सेवा भर्ती नियम (संविदा) २०१२ में निम्नानुसार संशोधन किया जाए, वेतन निर्धारण हेतु वरिष्ठता को आधार बनाया जाए, सभी विभागों में वेतन में एकरूपता लाई जाए, वर्तमान में अलग-अलग विभागों में एक ही पद के लिए अलग-अलग वेतन निर्धारित हैं, वर्तमान में विभागों में रिक्त पदों पर संविदाकर्मियों का संविलियन तथा नियमित वेतनवृद्धि का प्रावधान किया जाए.
श्रीकांत लास्कर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने कमर कासी है और निकट भविष्य में सरकार को हमारे ऐसे और भी सत्याग्रहों का सामना करना पड़ेगा, असर ना होने पर महात्मा गांधी की तरह करो या मरो का नारा देकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.
हड़ताल एवं रैली में मुख्य रूप से शामिल हुए मनीष तंबोली आशीष राजपूत भानु प्रताप भुवन साहू धनंजय सिंह कीर्ति गायकवाड प्रोग्राम साहू संजीव सक्सेना अमृत निर्मलकर रमेश मेरसा राजू नेताम मनोज गुप्ता दिनेश पांडे योगेश सोनी ज्योतिराज सोनू जटवार सुंदर दिवाकर सत्येंद्र गेंदले पवन चंद्राकर सुशील लव सिंह ठाकुर पवन निर्मलकर योगेश आहिरे अर्चना राही अमित खंडेकर राघवेंद्र निर्मलकर नम्रता पाल विनोद नेहा सिंह सोनिया परमेश्वर साहू बलराम ताकत विश्वनाथ चंद्राकर दुर्गा शंकर तिवारी कमलेश कुमार देव कुमार मार्को ज्योति साहू रामदुलार केदार साहू प्रकाश यादव निलेश मिश्रा प्रवीन चतुर्वेदी गायत्री राजपूत चंद्रशेखर श्रीवास राजेंद्र दीनदयाल बंजारे सुमित जायसवाल धीरज सुभाष लहरें संजय सोनकर रमाकांत मरकाम रुकमणी कुशराम भुवन प्रसाद साहू जैसे बहुँत से संविदा साथी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।