सरकार की राशन की दुकान का अनाज चोरी में सेल्समैन,ड्रायवर और हम्माल व मकान मालिक पर हुई एफआईआर दर्ज
सरकार की राशन की दुकान का अनाज चोरी में सेल्समैन,ड्रायवर और हम्माल व मकान मालिक पर हुई एफआईआर दर्ज
गर्वित मातृभूमि/मध्यप्रदेश/झाबुआ:- जिले में सरकारी अनाज की चोरी का मामला बढ़ता ही जा रहा हैं अभी कुछ दिनों पहले मूंग चोरी का मामला सामने आया था और अब यहाँ गेंहू ओर चावल के 31 कट्टे चोरी कर काला बाजारी में बेचने हेतु एक निजी मकान में उतारने का मामला सामने आया हैं मेघनगर ब्लाक के ग्राम ढाढनिया की आदर्श महिला बहुउद्देशीय सहकारी सह सस्था मर्या. शासकीय उच्चित मूल्य की दुकान से अनाज की गाड़ी खाली कर आधा अनाज राखड़िया दुकान पर खाली होने जा रहा था की ग्राम डुंडका में सरपँच और ग्रामीणों ने अवैध सरकारी अनाज को राजू ताहैड के निजी घर पर सरकारी गेंहू और चावल के कट्टों को खाली होते पकड़ा और मोके से अधिकारियों को सूचना दी
सूचना मिलते ही कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुरेश तोमर एवं तहसीलदार रविंद्र चौहान द्वारा एसडीएम तरुण जैन के निर्देशानुसार मौके पर दल के साथ जाकर 31 कट्ठे अनाज के एक निजी मकान से जप्त कर पंचनामा बना कर जाँच शुरू कर दी और गुरुवार को रात्रि में मेघनगर थाने में एफ आई आर दर्ज की गई जिसमें आरोपी सेल्समैन वीरेंद्र पिता बाबूलाल बोरा निवासी नयागांव जागीर(फत्ताटोडी),राजू पिता टीहीया ताहैड निवासी ढूंढका , सुनील पिता रमेशचंद्र वसुनिया निवासी तड़वी फलिया मेघनगर एवं मीठीया पिता खाजी रावत निवासी काजली डूंगरी जो की गाड़ी ड्राइवर है के विरुद्ध अपराध धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। इस पूरे खेल में इन चारों के द्वारा मिलकर शासन की योजना पर पानी फेरा जा रहा था जिसको लेकर उन पर मामला पंजीबद्ध किया गया
*यह हैं पूरा मामला*
मेघनगर वेयर हाउस से सरकारी अनाज की गाड़ी भर कर गाड़ी ढाढनिया में उचित मूल्य की दुकान पर पहुँची और वही से आदि गाड़ी राखडिया उचित मूल्य की दुकान पर खाली होने जा रही थी कि इनके द्वारा प्लान बनाकर मध्य में ही डुंडका के एक निजी मकान पर खाली करवा रहे थे जिसकी भनक ग्रामीणों को लगते ही उन्होंने इसकी सूचना विभागीय अधिकारी को दी सूचना मिलते ही प्रशासन अमला पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे वहा जब्ती में 31 अनाज के कट्टे के साथ पंचनामा रिपोर्ट तैयार की
यह तो पकड़े जाने पर एक छोटी सी घटना सामने आई है। लेकिन इस तरह के खेल पूरे जिले में कई सोसाइटीया संचालित हैं और उन सोसाइटी के अंतर्गत कई शासकीय उचित मूल्य की दुकान हैं और यहाँ पदस्थ कई सेल्समैनो की तनख्वाह मात्र 7000 से 8000 हैं किंतु वास्तव में देखा जाए तो यह सेल्समैन करोड़पति बन गए हैं।तो सोसायटी मैनेजर की तो बात ही क्या यदि इन सब की भी सख्ती से जांच की जाए तो गरीबों को मिलने वाला अनाज नियमित उन्हें मिलता रहेगा अन्यथा इसी तरह सेल्समैन मिलीभगत कर शासन को चुना लगता रहेगे ओर गरीबो के मुह का निवाला छीनते रहेंगे । क्यो की सेल्समैन के साथ कही न कही अधिकारियों की भी साठगांठ हैं तभी तो यहाँ इन सेल्समैनो के हौसले बुलंद होते जा रहे है। और सेल्समैन सरकारी अनाज की चोरिया खुले आम कर गरीबो का पेट काट उन के हिस्से का अनाज काला बाजारी कर बेच रहे है अभी कुछ दिन पूर्व ऐसा ही एक मामला जिला कलेक्टर के पास जनसुनवाई में भी आया था जिसमे समूह संचालक द्वारा शिकायत की गई थी कि सेल्समेन द्वारा अनाज नही दिया जा रहा है ऐसे मामले को जिला कलेक्टर महोदय सज्ञान में लेकर इसी तरह की कार्यवाही को अंजाम देते रहेंगे तो निश्चित ही गरीबो को उनके हक का राशन नसीब हो सकेगा