December 23, 2024

जांबाज पत्रिका के संपादक एस.आर खिलजी का निधन


जांबाज पत्रिका के संपादक एस.आर खिलजी का निधन

• दिल का दौरा पड़ने से थमी सांसे, पैतृक गांव में किया सुपुर्द ऐ खाक
• पत्रकारों में शोक की लहर अपूर्णिय क्षति बताया

गर्वित मातृभूमि/कोटा:- हाड़ौती के वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जांबाज पत्रिका के प्रधान संपादक सलीमुर्रहमान खिलजी का 60 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जिन्हें पैतृक गांव मोड़क में सुपुर्द ऐ खाक किया गया जहां कई समाजसेवी और पत्रकार उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। गांव में खिलजी का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन और रिश्तेदार बिलख पड़े। उनके सहयोगी रवि सामरिया ने बताया की 24 अगस्त की शाम उनके बेटे ने फोन पर कहां की दोपहर में अचानक उनकी तबियत बिगड़ी उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां हार्ट की प्रॉब्लम होने से परिजन उन्हें कोटा हार्ट हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बावजूद इसके चिकित्सकों ने उन्हें बचाने के बहुत प्रयास किए लेकिन वह विफल रहे। वह लम्बे समय से शुगर, बीपी और हृदय रोग से पीड़ित थे जिसका वह नियमित उपचार भी ले रहे थे।

• खोजी और दंबग पत्रकार के रुप में मिली पहचान :

बेहतर लेखन क्षमता और शब्दों को महारथी सलीमुर्रहमान खिलजी संपादक, प्रकाशक, मुद्रक और प्रंबधक जैसी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। सलीमुर्रहमान ख़िलजी कोटा के मोड़क क्षेत्र से रिपोर्टर रहे। वह प्रिंट मीडिया में शब्दों के जादूगर माने जाते थे। पत्रकारिता का सच उजागर करने के मामले को लेकर कई बार वह संघर्षरत रहें। प्रतिदिन देर रात तक समाचार संकलन करना और पाठकों तक समाचार प्रति पहुंचाने का नैतिक कर्तव्य वह निरंतर निभा रहे थे। सलीमुर्रहमान ख़िलजी पत्रकारिता के फन में माहिर थे। सलीमुर्रहमान ख़िलजी ने वर्ष 1995 से खुद का दैनिक अख़बार सांध्य जांबाज़ पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। नियमित प्रकाशन खबरों की पैनी नज़र व अल्फ़ाज़ों का बेहतर प्रस्तुतिकरण सलीमुर्रहमान ख़िलजी की पत्रकारिता की खासियत रही। वह खोजी पत्रकारिता के रुप में मशहूर थे। ख़िलजी प्रेस क्लब कोटा एवं मीडिया हाउस व ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन में भी पदाधिकारी रहे और पत्रकारों की सियासत में भी अगवा रहे। सलीमुर्रहमान ख़िलजी ने खुद अपने बल पर जांबाज़ पत्रिका को सांध्य के अलावा प्रातः कालीन अखबार के रूप में खुद की ऑफसेट मशीन पर प्रकाशन शुरू किया। सलीमुर्रहमान ख़िलजी कई लघु समाचार पत्रों की तरफ से पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे कई प्रशिक्षु पत्रकारों के उस्ताद भी रहे। युवा व तुर्क पत्रकार रवि सामरिया उनके बेहद करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं। जो साल 2012 से जांबाज पत्रिका समाचार पत्र का संपादकीय प्रभार देख रहे हैं।

• ज़िम्मेदारी और कामयाबी के साथ चलते रहे :

पत्रकारिता में खबरों को कैसे हांसिल करे, कैसे लिखे, कैसे संपादित करे, अख़बार प्रकाशन का प्रबंधन केसा हो, विज्ञापन नीति केसी हो, वार्षिक ब्योरा कैसे भेजा जाए, अख़बार वितरण व्यवस्था बेहतर कैसे की जाएं इन सभी कामों को खुद अकेले सलीमुर्रहमान ख़िलजी ज़िम्मेदारी और कामयाबी के साथ करते रहे। सलीमुर्रहमान ख़िलजी अपनी जीवन शैली में सादा विचार और मौलिक सिद्धांत पर चलते रहे। उन्हें करीब से जानने वाले बताते हैं कि वह अन्याय के खिलाफ अंतिम छौर तक लड़ते थे। उनकी संपादकीय का पाठक प्रतिदिन बेसब्री से इंतजार करते और बड़े जोश से पड़ते। खिलजी अपने जीवन काल में बड़ी चुनौतियों का सामना कर एक उचित मुकाम तक पहुंचें। उन्होंने पत्रिका-भास्कर जैसे समूह के मुकाबले 1 करोड़ से अधिक वहन कर कलर अखबार छापाई की मशीन स्थापित कर अपनी प्रतिभा और जुनून को साबित किया। वह माफियाओं, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुहिम चलाते रहे। सरकारी कारिनदों के लापरवाही हो या प्रभाग विभाग की सूचनाएं वह हर और सजग और सचेत भूमिका में डटे रहे।

• अपना पूरा जीवन पत्रकारिता में खपा दिया :

खिलजी से जुड़े लोगों को यह यकीन नहीं हो रहा कि क़लम का वह सिपाही जिसने विपरित परिस्थितियों में भी डटे रहकर कभी झुकना नहीं सीखा, कभी अपने ज़मीर को मरने व झुकने नहीं दिया ऐसा महान कलम का धनी हमारे बीच से चला गया। जिसने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता में खपा दिया। पूरा जीवन संघर्ष में रहा, जीवन में कई उतार-चढ़ाव आये, साजिशे भी रची गई, लेकिन कभी हौसला कम नहीं हुआ। हाड़ौती क्षेत्र की वह जांबाज कलम आज थम गई, जिनकी बाज सी निगाहें खबरों पर हरदम जमी रहती थी, उनकी निगाहें ना तो कभी थकती, ना कभी किसी से डरती थी, ना उनकी आंख कभी किसी के सामने झुकती थी। ऐसे कलम के धनी जांबाज पत्रिका के संस्थापक संपादक सलीमुर्रहमान खिलजी आज हमारे बीच नहीं रहे। इसका हमें बड़ा दुख है। इनके यूं चले जाने कि कमी कोटा ही नहीं समुचे हाड़ोती के पत्रकारो को खलेगी।

• मौन सभा और नम आंखों दी श्रद्धांजलि :

वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी सलीमुर्रहमान खिलजी के निधन पर ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन के कोटा संभाग प्रभारी रवि सामरिया एवं जिलाध्यक्ष सुनीता सिंह ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे पत्रकारिता की अपूर्णिय क्षति बताया। दुख की इस घड़ी में मीडिया हाउस और सूचना इंडिया न्यूज़ चैनल द्वारा कोटा में आत्म शांति मौन भी रखा गया है। हाड़ौती के कई नेता और अफसर अधिकारीयों ने भी खिलजी के निधन पर शोक जताया।

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