कांग्रेसियों को हटाकर भाजपाई पार्षदों को पीआईसी की सदस्यता देने पर नगर पंचायत अध्यक्ष को ब्लॉक अध्यक्ष ने जारी किया नोटिस, नपं अध्यक्ष कहने लगी यह तो मेरा विशेषाधिकार है
कांग्रेसियों को हटाकर भाजपाई पार्षदों को पीआईसी की सदस्यता देने पर नगर पंचायत अध्यक्ष को ब्लॉक अध्यक्ष ने जारी किया नोटिस, नपं अध्यक्ष कहने लगी यह तो मेरा विशेषाधिकार है
गर्वित मातृभूमि/गुरूर:- नगर पंचायत गुरूर में हाल ही में गठित प्रेसिडेंट इन काउंसिल में भाजपा समर्थित तीन पार्षदों को शामिल किए जाने से नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू फिर चर्चा में आ गई है। जो कि कांग्रेस समर्थित हैं। कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने मिलकर उन्हें समर्थन देकर अध्यक्ष बनाया था लेकिन अब वहां उल्टा खेल चल रहा है। प्रेसिडेंट इन काउंसिल में शामिल कांग्रेस पार्षदों को हटाकर उनकी जगह पर तीन भाजपाई पार्षदों को शामिल किया गया है। जिससे दोनों पार्टी में खलबली मची है। भाजपा में इसलिए मची है क्योंकि यही भाजपाई पार्षद कुछ दिन पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष का विरोध कर रहे थे। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे। दूसरी ओर कांग्रेस में इस बात से नाराजगी है कि कांग्रेसी पार्षदों को हटाकर भाजपाइयों को शामिल कर लिया गया है। मामले में राजनीतिक मोड़ लेते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गुरूर के अध्यक्ष तामेश्वर साहू ने नगर पंचायत अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। उन्हें लिखित में उपस्थित होकर जवाब पेश करने कहा है। तो इधर नगर पंचायत अध्यक्ष पीआईसी मेंबर बनाए जाने को अपना विशेष अधिकार बता रही है। उनका कहना है कि मैं अपने हिसाब से किसी को भी शामिल कर सकती हूं। मामला राजनीतिक तूल पकड़ता दिख रहा है।
इन सदस्यों को किया गया है शामिल जो है भाजपाई समर्थित
छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 धारा 70 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका (प्रेसिडेंट इन काउंसिल के कामकाज का संचालन व पदाधिकारियों की शक्तियों एवं कर्तव्य) का नियम 1998 में तहत पीआईसी के कामकाज का संचालन तथा पदाधिकारियों का शक्तियों एवं कर्तव्य के निर्वहन के लिए इन पार्षदों को सदस्य, अध्यक्ष नगर पंचायत गुरुर द्वारा बनाया गया है। यह प्रेसिडिंग इन काउंसिल के सदस्य संबंधित विभाग के प्रभारी कहलाएंगे। इनमें 5 सदस्य शामिल किए गए। जिसमें प्रमुख प्रमोद सोनवानी को खाद्य नागरिक आपूर्ति स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग व ललिता जमाडार को राजस्व तथा बाजार विभाग दिया गया है। जो कि कांग्रेसी पार्षद है। इनके बाद के 3 पार्षद भाजपा समर्थित है। जिन्हें पीआईसी में शामिल किया गया है। उनमें प्रमुख रूप से चंद्रलता होमेन्द्र साहू, पुनर्वास नियोजन,विधि, सामान्य प्रशासन विभाग, अनुसूईया ध्रुव शिक्षा महिला एवं बाल कल्याण विभाग, जितेश्वरी मोहन निषाद आवास, पर्यावरण, लोक निर्माण एवं जल कार्य विभाग के प्रभारी बनाए गए हैं।
क्या कहता है नियम
वैसे तो पीआईसी मेंबर बनाने के लिए पार्टी नहीं देखी जाती है। मूल रूप से पार्षद को ही शामिल किया जाता है। यह अध्यक्ष के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे किसे सदस्य बनाए। इसमें भाजपा कांग्रेस नहीं देखा जाता। इसमें अपने पसंद के पार्षदों को शामिल कर सकते हैं। हालांकि अगर स्वयं किसी एक पार्टी के हैं तो प्राथमिकता अपनी पार्टी को देनी रहती है। और दूसरे पार्टी के पार्षद को सदस्य बना रहे हैं तो उक्त सदस्य बने पार्षद पी आई सी की बैठक में लिए गए निर्णय पर आपत्ति नहीं कर सकेंगे। अगर आपत्ति करते हैं तो उनकी आपत्ति खारिज मानी जाती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपाई पार्षदों को सदस्य बनाया भी है तो वे उनके अधीन ही रहेंगे। अध्यक्ष के फैसले को टाल नहीं सकेंगे।
मामले में किसने क्या कहा
जारी किया गया है नोटिस, समझाने का करेंगे प्रयास
गुरुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तामेश्वर साहू ने कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा पीआईसी में कांग्रेसी पार्षदों को दरकिनार कर भाजपाइयों को शामिल किया गया है। जो गलत है। उन्हें पार्टीगत नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। उन्हें समझाने का भी प्रयास किया जाएगा।
पीआईसी का गठन मेरा विशेषाधिकार है
नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने कहा कि पीआईसी में किसे सदस्य बनाना है किसे नहीं यह मेरा विशेषाधिकार है। पहले मैंने जिन कांग्रेसी पार्षदों को उसमें जोड़ा था उनके द्वारा हर एजेंडे को गिराने की कोशिश की गई। विकास कार्य रोक दिया जाता था। तीन करोड़ का मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति विकास कार्य थे, लेकिन उन्हें भी नहीं होने दिया गया। ऐसे में कर भी क्या सकती थी। लगातार मुझे प्रताड़ित किया गया। इसलिए मैंने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए पीआईसी में फेरबदल कर दो कांग्रेस पार्षदों और तीन भाजपाई पार्षदों को रखा है। मेरा लक्ष्य नगर विकास की प्राथमिकता है।