आजादी का पर्व स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और बलिदान की याद दिलाता है:- योगेश तिवारी
आजादी का पर्व स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और बलिदान की याद दिलाता है:- योगेश तिवारी
ग्राम भिम्भौरी व करामाल में आयोजित आजादी के पर्व व बेमेतरा में निकाली गई तिरंगा यात्रा में शामिल हुए किसान नेता
जिला ब्यूरो बिनोद कुमार
गर्वित मातृभूमि/बेमेतरा:- आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर किसान नेता योगेश तिवारी ने ग्राम भिम्भौरी व करामाल में ध्वजारोहण किया । प्रजापिता ब्रम्हा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बेमेतरा में निकाली गई तिरंगा यात्रा में शामिल हुए । तिरंगा यात्रा में समाजसेवी ताराचंद माहेश्वरी, वत्सला संस्था से ज्योति सिंघानिया, बहन शशि दीदी आदि उपस्थित थे । ध्वजारोहण पश्चात राष्ट्रगान हुआ । इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने भारत माता की जय और वन्देमातरम के नारे लगाए । किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनके द्वारा बलिदान किए गए जीवन की याद दिलाता है। हमारे वीरों ने जिस दर्द से वह मुश्किल समय व्यतीत किया है, वह हमें याद दिलाता है कि आज हम जिस आज़ादी का आनंद ले रहे हैं, वह लाखों लोगों का खून बहाकर हासिल की है। यह भारत के प्रत्येक नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना को भी जगाता है। यह वर्तमान पीढ़ी को उस समय के लोगों के संघर्षों को करीब से समझती है और उन्हें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराती है। स्वतंत्रता दिवस लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करता है। यह लोगों को एकजुट करता है और उन्हें यह महसूस कराता है कि हम एक राष्ट्र हैं ।
अनेकता में एकता भारत का सारतत्व और शक्ति है
तिरंगा यात्रा के दौरान किसान नेता ने संस्था की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से सभी वर्ग के लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत होती है । अनेकता में एकता भारत का प्रमुख सारतत्व और शक्ति है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करते हैं, जहां सत्ता आम आदमी के हाथ में है। हर साल 15 अगस्त को हम उस दिन को मनाते हैं जब हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गए, जिसका अर्थ है कि हम खुद पर शासन करने के लिए स्वतंत्र थे और किसी और के द्वारा शासित नहीं थे।
आयोजन में भारी तादात में ग्रामीण रहे उपस्थित
ग्राम भिम्भौरी में राकेश परगनिहा, खेमलाल पाटिल, विजय धीवर, लखन चक्रधारी, संतोष पाटिल, रामाअवतार पाटिल, सोहन पाटिल, सनत वर्मा, प्रवीण पाटिल, विक्रम पाटिल, राजेंद्र पाटिल, निहाल परगनिहा, अंशु पाटिल, सतीश पाटिल, जितेंद्र पाटिल, बिट्टू पाटिल, प्रकाश पाटिल, भोजेंद्र पाटिल, यशवंत परगनिहा, बसंत पाटिल, टूमन पाटिल, भागीरथी पाटिल, कुलेश्वर पाटिल, श्रवण साहू, प्रमलाल साहू, गुलशन पाटिल, बेरेन्द्र पाटिल, ग्राम करामाल में मनोज सिन्हा, लखन चक्रधारी, ओमप्रकाश पांडे, वासुदेव साहू, तिलक सिन्हा,सेवक यादव, जितेन्द्र साहू, पीलाराम सिन्हा, रामकुमार सिन्हा, सेवक यादव, मेघनाथ सिन्हा, प्रेमलाल पाडें, तुला राम साहू, शुभम सिन्हा, कन्हैया बारले, बलराम वर्मा उपस्थित थे ।