पशुओं में होने वाले लम्पी त्वचा रोग के प्रति सतर्कता एवं बचाव के संबंध दिशा निर्देश
पशुओं में होने वाले लम्पी त्वचा रोग के प्रति सतर्कता एवं बचाव के संबंध दिशा निर्देश
जिला ब्यूरो बिनोद कुमार
गर्वित मातृभूमि/बेमेतरा:- 14 अगस्त 2022/राजस्थान एवं गुजरात में गौवंशीय पशुओं में एलसीडी रोग फैलने की जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही छत्तीसगढ़ राज्य एवं बेमेतरा जिले में लम्पी त्वचा नियंत्रण हेतु सतर्कता अनिवार्य है। उप संचालक पशुधन विकास विभाग बेमेतरा डॉ राजेन्द्र भगत ने बताया कि लम्पी त्वचा रोग एक विषाणु जनित बीमारी है । यह सामान्यतः गौवंश को प्रभावित कर रही है। यह बीमारी मच्छरों, मक्खियों, जूँ के माध्यम से फैलती है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण पशुओं को बुखार आना, आँखों एवं नाक से स्त्राव होना, मुँह से लार निकलना, पूरे शरीर पर गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दुग्ध उत्पादन में कमी, चारा एवं दाना खाने में कठिनाई इत्यादि है। सामान्यतः मानसून के समय ये बीमारी अधिक फैलती है।
पशु पालकों को इस बीमारी संबंधी निम्नानुसार सावधानी बरतनी चाहिए जैसे की रोग ग्रस्त पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखा जावे, पशुगृह की नियमित निर्जन्तुकरण किया जावे । स्वस्थ पशुओं एवं पशुगृह में नियमित जूँ – किलनी नाशक दवा का छिड़काव किया जावे। रोग ग्रस्त पशुओं के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को हमेशा दस्ताने एवं मास्क पहनकर पशुओं के समीप जाना चाहिए । असामान्य बीमारी के लक्षण पाये जाने पर निकटस्थ पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय में सूचना दी जानी चाहिए । पशुगृह से जुड़े सभी को स्वच्छता संबंधी सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए । रोग ग्रस्त पशु की मृत्यु होने पर उसे स्वच्छता के सभी नियमों का पालन करते हुए गहरे गड्ढे में चूना डालकर दफनाया जावे । रोग ग्रस्त क्षेत्र के 10 किमी की परिधि में आने वाले सभी पशु बाजारों को आगामी आदेश तक बंद किया जाना है । रोग ग्रस्त क्षेत्रों में पशु मेला, पशु प्रर्दशनी, पशु व्यापार को तुरंत प्रभाव से बंद किया जावे । पशुधन विकास विभाग जिला बेमेतरा द्वारा पशुओं में लम्पी त्वचा रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जिला स्तर पर एवं प्रत्येक विकासखण्ड में किसी भी विषम परिस्थिति में त्वरित कार्यवाही हेतु रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है तथा निर्देश दिये गये हैं कि अपने विकासखण्ड एवं संस्था क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण एवं परीक्षण किया जावे ।