मुन्ना भाई के हाथों में अस्पताल संचालन… जुगाड़ की डिग्री से चल रहा है यह अस्पताल …स्वास्थ्य विभाग गहरी निद्रा में
मुन्ना भाई के हाथों में अस्पताल संचालन… जुगाड़ की डिग्री से चल रहा है यह अस्पताल …स्वास्थ्य विभाग गहरी निद्रा में
युवा पत्रकार महेंद्र भारती
गर्वित मातृभूमि गरियाबंद /राजिम :– छत्तीसगढ़ प्रदेश में नर्सिंग होम एक्ट को लागू किए हुए अब 8 साल से भी ज्यादा वक्त हो चुके हैं लेकिन नर्सिंग होम एक्ट को पालन कराने में प्रशासन नाकाम ही साबित होते नजर आ रही हैं वहीं अब नर्सिंग होम एक्ट आला अधिकारियों की कमाई का जरिया भी बन चुका है यही वजह है कि आपको झोलाछाप डॉक्टर हर गली मोहल्ले पर आपको देखने को मिल जाएंगे और इस एक्ट का धज्जियां उड़ाते भी नजर आएंगे .
हद तो तब हो जाती है जब झोलाछाप डॉक्टरों की टीम द्वारा जुगाड़ के डिग्री से अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं. भले ही अस्पताल का लाइसेंस डिग्रीधारी डॉक्टर का क्यों ना हो लेकिन यहां का मैनेजमेंट और मरीजों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर ही करते हैं. अस्पताल का लाइसेंस पूरी तरीके से जुगाड़ पर चल रहा हो लेकिन मरीजों से पैसे लेने का तरीका लूट खसोट का होता है.
ऐसा ही मामला गरियाबंद जिले के राजिम में देखने को मिला जहां राजिम में माता लक्ष्मी अस्पताल के नाम से संचालित अस्पताल भरी डिग्री धारी डॉक्टर के नाम पर लाइसेंस क्यों ना लिया गया हो लेकिन यहां का मैनेजमेंट और मरीजों का देखरेख झोलाछाप डॉक्टर ही करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उदय चंद्रवंशी जो कि अल्टरनेटिव से बीएएमएस की डिग्री धारी है वहीं इस अस्पताल में विकास शर्मा नावापारा पारागांव निवासी है जिसकी भी डिग्री जुगाड़ की है यानी यूं कहें तो अस्पताल प्रबंधन इन दोनों मुन्ना भाई के हाथ में है. अब सोचिए ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे होता होगा. आसपास के ग्रामीण शहर इसलिए इलाज कराने आते हैं कि शहर में डिग्री धारी डॉक्टर उनका इलाज करेंगे उनका सही इलाज होगा बड़े अस्पताल जाने पर लगता है कि यहां पर इलाज सही डॉक्टर के हाथों सही इलाज होगा लेकिन उन्हें क्या पता की इलाज करने वाले डॉक्टर ही झोलाछाप हैं. इस अस्पताल में डिग्री धारी डॉक्टर को सिर्फ उनकी डिग्री का उपयोग करने के लिए और अस्पताल को लाइसेंस दिलाने के लिए रखा गया है लेकिन पूरा यहां का जिम्मेदार मुन्ना भाई हैं. हैरानी की बात यह भी है कि इस अस्पताल को नर्सिंग होम एक्ट के तहत क्लीनचिट भी दे दी गई है वहीं इस अस्पताल में सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है लेकिन आप अंदाजा लगाइए कि सरकारी सिस्टम भी कितनी कमजोर हो चुकी है जो सिर्फ कागजों पर ही ऐसे अस्पतालों को संचालित करने के लिए अनुमति दे दे रहे हैं.
कोरोना काल के दौरान मची थी यहां लूट
आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ इलाज के नाम पर लुटा जा रहा था. जबकि प्रदेश में सरकार ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज पर निर्धारित शुल्क तय किए थे लेकिन सरकार के नियम कानूनों को दरकिनार कर यहां पर मरीजों के जेब पर डाका डाला जा रहा था. लेकिन इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी जिसका फायदा अस्पताल प्रबंधन ने जमकर उठाया.
लापरवाही ने ली कई मरीजों की जान
जिस अस्पताल का संचालन मुन्ना भाई के हाथ में हो तो आप अंदाजा लगाइए कि वहां की मरीजों का इलाज कैसे होगा और यही वजह है कि यहां पर आए दिन मरीजों की जान पर जान बनाती है लापरवाही के चलते कई मरीज तो काल के गाल में समा चुके हैं कई अपनों से बिछड़ चुके हैं और कईयों ने इलाज के दौरान अपनी खेती बाड़ी से लेकर जमीन जायजाद भी गिरवी रख चुके . अगर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की सही तरीके से जांच की जाए तो यहां लापरवाही के कारण कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है.
वही मिली जानकारी के अनुसार इसी बिल्डिंग में पूर्व में संचालित अस्पताल जिसे विधायक के हस्तक्षेप के बाद बंद करा दिया गया था लेकिन पूर्व में संचालित अस्पताल में आने वाले मरीजों का फायदा उठाने के लिए नाम बदलकर अब मुन्ना भाई यहां पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं. अब देखना होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस अस्पताल और संचालन करने वाले मुन्ना भाइयों के ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं ।