गर्वित मातृ भूमि का चाबुक चला तो छाल रेंजर मर्सकोले पहुंचे सूरजपुर मोहली,,,,, भ्रष्ट अधिकारियों में मची खलबली, डर के मारे किये लंबित भुगतान
गर्वित मातृ भूमि का चाबुक चला तो छाल रेंजर मर्सकोले पहुंचे सूरजपुर मोहली,,,,, भ्रष्ट अधिकारियों में मची खलबली, डर के मारे किये लंबित भुगतान
श्रीकांत जायसवाल ब्यूरो चीफ कोरिया
गर्वित मातृभूमि कोरिया :- विगत दिनों गर्वित मातृ भूमि ने वन विभाग सूरजपुर के भ्रष्टाचारियों के “पोल खाते” प्रसारित किए थे, उनका असर बहुत जल्दी हुआ। गरीब मजदूरों का रुका हुआ भुगतान डर के मारे फटाफट करना पड़ा । अब वहां कैसी खलबली और दौड़ धूप मची हुई है, पढ़िए निम्नलिखित खोजी समाचार में,,, छत्तीसगढ़ के वन विभाग को छत्तीसगढ़ का हरा हण्डा कहा जाता है, जहां पर, धन, वैभव, सुख, से लेकर अधिकारी सभी चीजों का आनंद लेते हैं! विगत कुछ दिनों पहले वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल परिक्षेत्र भुवनेश्वर मर्सकोले के उड़ते तोते का समाचार छापा गया था। सरगुजा क्षेत्र में भ्रष्टाचार कर लाखों का पोटला बांधकर अपना स्थानान्तरण बिलासपुर वृत्त के धरमजयगढ़ वन मंडल में करा लिया है। सरगुजा वृत्त के मोहली से उड़ान भरकर धरमजयगढ़ पहुँचा रेंजर, लेकिन वहां मजदूरों की मजदूरी का भुगतान लटका कर चले आये थे !
रेंजर भुवनेश्वर मर्सकोले के भ्रष्टाचार की हल्की सी झलक ही दिखायी थी, जिससे उनकी आंखों की नींद ही उड़ गयी और रातों रात वे जा पहुंचे सूरजपुर जिले के मोहली गांव, जहां बचे हुए लंबित मजदूरी का भुगतान अब जाकर उनके द्वारा किया व करवाया जा रहा है ! उनके खेमे में हाय तौबा हाय तौबा मची हुई है । यह रेंजर शासन के नियम और कानून के हिसाब से नहीं चलता है, शायद यही कारण हो सकता है कि ये जहां पर जाते हैं वहां पर ही तलवार लटक जाती है! ऐसा ही हाल अभी धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल परिक्षेत्र में में है, दूसरों के इशारे में कार्य करने वाले अपंग हो जाते हैं, इसलिये स्वविवेक से कार्य करना चाहिये। कुड़ेकेला में पदस्थ डिप्टी रेंजर सुखदेव राठिया उप वनक्षेत्रपाल जो पदोन्नति पश्चात जिला लघु वनोपज संघ ( जिला यूनियन/ फेडरेशन ) में प्रतिनियुक्ति पर चला गया था किन्तु रेंजर मर्सकोले ने उन्हें 8 महीनों तक भार मुक्त नहीं किया और उसी कुर्सी पर बिठाकर रखा हुआ था । इस तरह उन्होंने भ्रष्टाचार को चरम सीमा तक पहुंचाने का काम किया और मलाई गपकते रहे थे, किन्तु जब गर्वित मातृ भूमिकी नजर में आते ही सारा मामला उजागर हो गया, तो सबकी आंखें खुल गईं, रेंजर और डिप्टी रेंजर दोनों मिलकर शासन की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रहे थे जिस पर बस्तर गर्वित मातृ भूमि ने पानी फेर दिया !
सुखदेव राठिया डिप्टी रेंजर भी हरामखोरी के पैसों का स्वाद जमकर चख लिये हैं, इसलिये कुर्सी छोड़ना नहीं चाह रहे थे, फेवीकोल लगाकर बैठे थे कि मैं चलूं तो कुर्सी चले, क्योंकि छाल परिक्षेत्र छोड़कर सुखदेव राठिया कहीं भी नहीं जा सकता है, इसलिये छाल परिक्षेत्र में ही निगाह टिकाकर बैठा है! समय आने पर भुवनेश्वर मर्सकोले रेंजर को किनारे लगाकर खुद ही रेंजर बनकर बैठने का सपना वे संजोए हुए हैं, जिसके मूर्त रूप लेते ही मर्सकोले कसमसाते रह जायेगा, ऐसा प्रतीत हो रहा है! बस्तर बन्धु जल्द ही सुखदेव राठिया उप वनक्षेत्रपाल का नया मामला उजागर करने वाला है, जो मामला सबको झकझोर कर रख देगा! बस्तर बन्धु की क़लम रुकने वाली नहीं है! सूरजपुर क्षेत्र में अभी बहुत कुछ भ्रष्टाचार के मामले दबे पड़े हैं । वन विभाग के उच्चाधिकारी जो सब जानते हैं उन्हें उजागर कर दोषियों पर एक्शन लें अन्यथा बड़े अफसर भी लपेटे में आ सकते हैं।