December 23, 2024

जिला अस्पताल का जायजा लेने पहुंची कायाकल्प की टीम, किसान नेता ने जांच दल के समक्ष प्रबंधन की पोली खोली

2 करोड रुपए की दवाई खरीदी समेत अन्य गड़बड़ियों से कराया अवगत

शासन से प्राप्त फंड के दुरुपयोग के लगाया आरोप, मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर किए जाने की दी जानकारी

उमाशंकर दिवाकर की खास खबर…

गर्वित मातृभूमि (बेमेतरा) दुर्गम दास की खास खबर…  जिला अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान नेता योगेश तिवारी ने मोर्चा खोल दिया है ।  हर स्तर पर उच्च अधिकारियों को जिला अस्पताल में हो रही गड़बड़ियों से अवगत कराया जा रहा है । गुरुवार को कायाकल्प योजना के अंतर्गत निरीक्षण के लिए पहुची स्वास्थ्य विभाग की टीम को किसान नेता ने जिला अस्पताल की वस्तु स्थिति से अवगत कराया । उन्होंने टीम के सदस्यों को बताया कि बेमेतरा जिला अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है । यहां के जिम्मेदार सिर्फ अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं, उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए पहुच रहे मरीजो के स्वास्थ्य से कोई सरोकार नही है । हालात काफी खराब है । आलम यह है कि सिजेरियन प्रसव के प्रकरणों को रेफर किया जा रहा है । सरकारी स्वास्थ्य कर्मी प्राइवेट अस्पतालो का संचालन कर रहे हैं । जहां मरीजो को रेफर किया जा रहा है । टीम में डॉ अलका गुप्ता संयुक्त संचालक, डॉ एसके बिझवार उपसंचालक, प्रेम वर्मा ओएसडी संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं, वरुण साहू राज्य सलाहकार एनएचएम, ऋषिकेश रात्रेे संभागीय सलाहकार क्वालिटी, डॉ कविता बघेल सीनियर प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शामिल थे । 

शासन से प्राप्त राशि का बंदरबांट, दस्तावेज गायब

 जिला अस्पताल में शासन से प्राप्त राशि के दुरुपयोग की जानकारी स्वास्थ्य टीम को दी गई । किसान नेता ने बताया कि शासन से प्राप्त फंड, जेडीएस फंड, दवाइयों की खरीदी का भौतिक सत्यापन और दस्तावेजों की जांच में बड़े खुलासे होंगे । उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में वर्ष 2021-22 में हुए लेन देन सम्बंधी सारे दस्तावेज गायब है । दो करोड़ रुपए की दवाइयों की खरीदी अस्पताल प्रबंधन की ओर से की गई है, जिसकी जानकारी देने में प्रबंधन नाकाम रहा है । 

छोटे कर्मियों पर कार्रवाई कर की गई खानापूर्ति

किसान नेता ने बताया कि जिला अस्पताल में महिलाओं की निजता भंग होने का मामला भी गम्भीर है । इसमें सिर्फ छोटे कर्मचारी पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की गई है । महिला वार्डो में कैमरे लगवाने के लिए जिम्मेदार सिविल सर्जन पर आज तक कार्रवाई नही हुई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है । 

उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अस्पताल से नदारद रहती है सीएस

किसान नेता ने बताया कि बीते एक महीने से सिविल सर्जन जिला अस्पताल से नदारद रहती है । अस्पताल मे कुछ क्षण के लिए आती है, वो भी उपस्थिति दर्ज करने, इसके बाद अस्पताल से चली जाती है । अस्पताल प्रमुख के अनुपस्थिति में सारी व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई है । मरीजो को अपेक्षित सुविधा और इलाज नही मिल रहा है । केंद्र सरकार से कोविड के दौरान स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त फंड भेजा गया, जिसका सिर्फ बंदरबांट किया गया । 

प्रसव के प्रकरणों को कर रहे रेफर

दो दिन पहले ग्राम फरी की महिला को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया, करीब 6 घण्टे बाद महिला को जिला मुख्यालय स्थित प्राइवेट अस्पताल में रेफर किया गया । जहां प्रसव के लिए महिला के परिजनों से 35 हजार रुपए लिए गए । इसी प्रकार ग्राम ओटेबन्द के एक युवक का हाथ फ्रेक्चर होने पर जिला अस्पताल लाया गया, करोड़ो की दवाई खरीदी करने वाले अस्पताल प्रबंधन के पास पट्टी नही मिली । जिसे बाहर से मंगाया गया ।

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