December 25, 2024

बस्तर से आबकारी मंत्री और बस्तर में शराब प्रेमियों से लूट का खुला खेल

बस्तर से आबकारी मंत्री और बस्तर में शराब प्रेमियों से लूट का खुला खेल

0 शराब प्रेमियों से सुपरवाइजर करते है अवैध उगाही
0 बोतलों के प्रिंट रेट से होती है ज्यादा की वसूली,

0 शराब की सभी बोतलों पर मिलाया जाता है पानी


*अमर सदाना पत्रकार*

गर्वित मातृभूमि/जगदलपुर:- छत्तीसगढ़ में आबकारी मंत्री कवासी लखमा बस्तर सुकमा से आते है और छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों में सरकार का नियंत्रण है । छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब के सभी बोतलों पर निर्धारित मूल्यदर तय कर दिया है ,प्रत्येक बोतलों में अधिकतम मूल्य का लेबल भी लगाया जाता है ताकि निर्धारित मूल्य पर ही शराब बेची जाये …बावजूद उसके पूरे बस्तर संभाग में ओवररेटिंग किया जा रहा है,
इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुकान के सुपरवाइजर आबकारी अधिकारी व प्लेसमेंट कंपनी की साठगांठ से लाखो की अवैध वसूली को हर रोज अंजाम दिया जाता है ? सभी नियमो को दरकिनार कर शराब की सभी बोतलों में एमआरपी से अधिक दाम लेकर लगातार शराब प्रेमियों की जेबें काटे जा रहे है,साथ ही साथ अधिक मुनाफा के लिए शराब के सील पैक बोतलो को खोलकर पानी मिलाया जाता है ।
ऐसे बहुत से शराब दुकान शहर से लगे हुए है और सभी आला अफसरों का इसी दुकानों के सामने से रोज आना -जाना है परंतु शराब दुकान संचालक लगातार दबंगई के साथ बेख़ौफ़ होकर अपनी मनमानी किये जा रहे है ।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल ये है,कि आखिर इन्हें संरक्षण कौन दे रहा है ??
अब इस मामले को लेकर जिम्मेदार अफसरों की भूमिका की जांच होनी चाहिए अगर जल्द ही जिम्मेदारों पर कार्यवाही नही होती तो मामला आगामी विधानसभा में उठना तय है ।
सबसे ज्यादा बिकने वाला गोवा स्पेशल शराब जिसकी कीमत 120 रुपया निर्धारित है जिसे 130 से लेकर 140 तक पर प्रत्येक दुकानों पर बिकते हुए देखा जा सकता है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर पूरे बस्तर संभाग में देशी विदेशी मंदिरा दुकान मिलाकर 38 दुकाने है सभी दुकानों में ओवररेटिंग का खेल खेला जा रहा है तो लाखों की राशि किसके जेब मे जाती है ?
मामले में दुकान के सुपरवाइजर ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि कंपनी वाले कहते है अगर ओवरेटिंग नही करते हो तो हटा दिया जाएगा हमे प्रेशर रहता है तो करना पड़ता है… आबकारी प्रभारी लोग भी सेटिंग में है तभी चल रहा। लाजमी सी बात है कि इस पैसे का हिस्सा कंपनी से लेकर आबकारी के प्रभारियो व उच्च अधिकारियों तक पहुंचता होगा ? तभी विगत लंबे समय से इस खेल को पूरे बस्तर में खुलेआम खेला जा रहा है।

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