December 23, 2024

महिलाओं के मान-सम्मान से ही होती है हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की पहचान: मुख्यमंत्री

महिलाओं के मान-सम्मान से ही होती है हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की पहचान: मुख्यमंत्री

श्री कांत जायसवाल कोरिया

 गर्वित मातृभूमि/बैकुठपुर:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता।

         मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की परंपरा, पर्व-त्यौहार, संस्कृति के विभिन्न रंगों में, अपने संसाधनों के प्रति आदर भाव में, अपने स्वाभिमान और अस्मिता के स्वभाव में अपनी जननी और अपनी धरती के प्रति आस्था और श्रद्धा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान पर बात की। भूमि और संपत्ति पर कानून के अनुसार महिलाओं को समान स्वामित्व और नियंत्रण का अधिकार है। उन्होंने शासन के नीतिगत निर्णयों की जानकारी दी जिससे महिलाओं को अचल संपत्ति पर अधिकार मिले। अचल संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष में 50 हजार से अधिक पंजीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हें मिली। सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होम गार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिला हेल्पलाईन 181 का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जा रहा है ताकि माताओं, बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले। जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्रामसभा सदस्य के रूप में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। छत्तीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासों को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इंडिया-इंडेक्स रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

          मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित संस्था छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा स्व-सहायता समूहों को ऋण देने का प्रावधान है। इस संस्था के माध्यम से लगभग 39 हजार समूहों को 9 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए जा चुके हैं। इस तरह महिलाओं को अपने व्यवसाय के लिए अधिक आर्थिक सहायता देने के इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश में तीन वर्षों में 478 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें 1 हजार 167 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है तथा इनमें 6 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के लिए 52 इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है। हमने समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 कर दिया है। छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के माध्यम से 121 उत्पादों का प्रसंस्करण और विक्रय हो रहा है। स्व-सहायता समूहों द्वारा भी वनोपजों की प्रोसेसिंग के माध्यम से 200 उत्पादों का विपणन किया जा रहा है। इन सब कार्यों में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है।

         मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता, छत्तीसगढ़ में बेटियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था, सरकारी नौकरी में बेटियों के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षण, और अनुसूचित क्षेत्र में जिला काडर के लिए योग्यताएं शिथिल करने की जानकारी दी। उन्होंने ‘महतारी जतन योजना’ के माध्यम से 1 लाख 71 हजार गर्भवती बहनों को गर्म भोजन तथा रेडी-टू-ईट, टेक होम राशन देने, ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ के तहत दूसरी बेटी के जन्म पर भी 5 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता के प्रावधान, ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त और ‘दाई-दीदी क्लीनिक योजना’ महिलाओं तक चलित वाहनों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पूरे अस्पताल का सेटअप बनाकर, उन्हें बसाहटों और मोहल्लों में भेजे जाने की जानकारी दी।

         मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ पर चर्चा करते हुए बताया कि एन.एफ.एच.एस. 5 के आंकड़े के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 31.3 प्रतिशत है। अर्थात लगभग 2 वर्षों में कुपोषण की दर 9 प्रतिशत तक कम करने में सफलता हासिल की गई है। इस तरह अब छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से भी कम हो गई है। इस अभियान के कारण 1 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण से तथा 1 लाख से अधिक महिलाएं, एनीमिया से बाहर आई हैं और स्वस्थ जीवन जी रही हैं। उन्होंने श्रोताओं से बातचीत के दौरान कहा कि ‘नवा छत्तीसगढ़‘ हमारी बेटियों की सफलता की कहानियों से गढ़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने शासन द्वारा महिलाओं के लिए नई सुविधाएं और अवसर जुटाने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहने की बात कर महिलाओं को सफलता के नए आयाम छूने के प्रति प्रोत्साहित 

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