April 21, 2025

वर्तमान की चुनौतियों के लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी को अपनाना ज़रूरी: प्रो अंजली अवधिया। देखिए खास खबर….

उमाशंकर दिवाकर गर्वित मातृभूमि रायपुर /गरियाबंद/ नयापारा – आईएसबीएम विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय और IQAC सेल के संयुक्त तत्वावधान में “जैव विविधता, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सतत विकास के लिए संगणकीय नवाचार’ (ABGT 2025) विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ। इस संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव प्रो. अंजली अवधिया तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रो. आर पी. राजवाड़े उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद महलवार ने की। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ बीपी भोल एवं शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ एन कुमार स्वामी तथा छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ सुभाशीष बिस्वास ने भी संबोधित किया।

मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव प्रो. अंजली अवधिया ने कहा कि चाहे बात जलवायु परिवर्तन की हो, किसी दवा के शरीर में असर की, या फिर किसी इंजीनियरिंग सिस्टम की मजबूती की। इन सब को पूरी तरह समझना, विश्लेषण करना और भविष्यवाणी करना आसान नहीं होता। ऐसे में संगणकीय मॉडलिंग एक बहुत उपयोगी उपकरण के रूप में सामने आती है। हरित तकनीक वर्तमान की मुख्य ज़रूरतों में से एक है जिसे अपनाकर प्रदूषणमुक्त समाज निर्मित किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने भौतिकी को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने पर ज़ोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी कला वीथिका की सराहना की।
मुख्य वक्ता के रूप में श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रो. आर पी. राजवाड़े ने कहा कि जल संसाधन में हानिकारक तत्वों को कम करने तथा फास्फोरस की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए हरित टेक्नोलॉजी को अपनाना आवश्यक है।

विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ शुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि गणितीय मॉडल के माध्यम से हरित तकनीक को मजबूत बनाया जा सकता है।

प्रतिभागियों में सश्मिता, टोकेश्वरी, तेमेश पार्कर को उत्कृष्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन का पुरस्कार दिया गया, साथ ही हेमन्त पांडेय, पुषापति नवीन और सुनील कुमार साहू को उत्कृष्ट ओरल प्रजेंटेशन का पुरस्कर दिया गया। डॉ. माधवी तिवारी: उत्कृष्ट शोध पुरस्कार, डॉ. अंकुर दहायत: युवा शोधकर्ता पुरस्कार, डॉ. ज्योत्सना: युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, डॉ. नंदकिशोर यादव: युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया।

मालूम हो कि कार्यक्रम के पहले दिन इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ जिसके मुख्य अतिथि अमिटी विश्वविद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आर.के. पांडे तथा मुख्य वक्ता प्रसिद्ध बोनसाई विशेषज्ञ डॉ. चंद्रलेखा पांडे उपस्थित थी। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और छात्रों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ एन कुमार स्वामी तथा डॉ पूनम वर्मा ने किया तथा आयोजन सचिव के रूप में सुनील कुमार साहू थे। इस कार्यक्रम का संचालन बीसीए के छात्र दिशांत साहू और कामिनी साहू ने किया।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *