December 23, 2024

ठेका मजदूर खंबे में चढ़कर कर रहा था काम जो करेंट के चपेट में आने से हुई मौत

मिथलेश ठाकुर(गर्वित मातृभूमि) सूरजपुर

सूरजपुर/भटगांव:– बिजली की करंट लगने के कारण एक ठेका मजदूर की मृत्यु होने की खबर सामने आई है जिसमें लोगों ने ठेकेदार आर पी जायसवाल पर लापरवाही पूर्वक मज़दूरों से कार्य कराने का आरोप लगाया है जिसकी जांच भटगांव पुलिस द्वारा की जा रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार किशुन कुमार आत्मज राम प्रसाद उम्र लगभग 20 वर्ष निवासी बिसाही पोडी ठेकेदार के अंडर में विद्युत का कार्य तीन-चार महीनो से कर रहा था रोज की तरह किशुन गुरुवार को अपने काम पर गया हुआ था शाम को करीब 6 बजे फोन के माध्यम से किशुन के परिजनों को सूचना दी गई की किशुन को करंट लग गया है।

सूचना पाते ही परिजन घटनास्थल पर पहुंचे जहां से उन्हें जानकारी मिली कि उसे एसईसीएल अस्पताल में ले गए हैं। परिजनों ने एसईसीएल अस्पताल भटगांव जाकर देखा तो किशुन की मृत्यु हो चुकी थी।

मिली जानकारी के अनुसार किशुन पोल पर चढ़कर कार्य किया करता था वहीं क्षेत्र में ठेकेदार द्वारा विद्युत विस्थापन का कार्य कराया जा रहा है जिसमें किशुन भी ठेका मजदूर के रूप में कार्य कर रहा था घटना दिवस के दिन भी किशुन कार्य पर गया हुआ था जहां शाम को उसे जोरदार करंट लग गया।

घटना के बाद लोगों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि अकुशल मज़दूरों से एवं सुरक्षा उपकरणों के अभाव में ठेकेदारों द्वारा क्षेत्र में कार्य कराया जाता है जिससे मज़दूरों को जान का खतरा हमेशा बना रहता है ऐसे ठेकेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना न हो।

लोगों ने आरोप लगाया है कि ठेका मजदूरों से ठेकेदार आर पी जायसवाल द्वारा बिना सेफ्टी किट काम करा रहे हैं, जिससे करंट की चपेट में आकर कर्मचारियों की मौत हुई है जबकि ऐसे अधिकारियों और ठेकेदारों की मनमानी की जानकारी मुख्यालय के अधिकारियों को भी होती है लेकिन इनकी भी मनमानी की एक वजह ये ऐसे जिम्मेदार और लापरवाह ठेकेदार पर कार्यवाही करने से हाथ कांपने लगता है या फिर और वजह होता है जहां ऐसे लापरवाह ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाती जो लापरवाह ठेकेदार अफसरों से हाई एप्रोच के कारण वे ठोस कार्रवाई होने से साफ साफ बच जाते है जो इसे बड़े बड़े हादसे जिससे किसी गरीब परिवार का जीने का सहारा छीन लिया जाता है और इसके बाद भी जिम्मेदार जांच करने का आश्वावासन देकर मामला पेंडिंग में डाल देते है और ऐसे लापरवाह ठेकेदार अधिकारी-कर्मचारी की लॉबी अपनी मनमानी शुरू कर देती है।

बिजली कंपनी में काम की अधिकतर जिम्मेदारी प्राइवेट ठेकेदारों के हाथ में है। लाइन सुधारने के अलावा नई लाइन लगाने, खंभा लगाने और मीटर शिफ्टिंग का काम भी इन लोगों के द्वारा किया जाता है। काम के दौरान कर्मचारियों को सेफ्टी उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए जाते हैं। दिखावे के लिए ठेकेदार के पास सेफ्टी किट रहती है, जो अधिकारियों के विजिट के दौरान काम करने वाले लोगों को उपलब्ध कराई जाती है।

अब देखना यह होगा कि क्या जिम्मेदार ठेकेदार आर पी जायसवाल पर कार्यवाही होती है जिसके लापरवाही से एक मासूम और गरीब परिवार का जीने का सहारा ही छीन लिया गया या फिर जांच के नाम पर लीपा पोती करके घटना को ही रफा दफा कर दिया जाता है ?

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