कमरतोड़ महंगाई में शासकीय एवं निजी निर्माण कार्य बाधित
कमरतोड़ महंगाई में शासकीय एवं निजी निर्माण कार्य बाधित
गर्वित मातृभूमि महेंद्र भारती गरियाबंद / फिंगेश्वरः– पिछले लगभग डेढ़ माह के अंदर निर्माण काम में आवश्यक छड़ का भाव पहली बार 7000 क्विंटल के पार पहुंच गया है। इससे इस अंचल में चल रहे अनेक शासकीय एवं निजी निर्माण कार्य के थम जाने के आसार है। आवास बनाने वालों ने बताया कि छड़ के साथ साथ सिमेंट भी 300 और रेत, ईट के भाव भी लगातार बढ़ रहे है। कारोबारी बता रहे है कि रूस-युक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध के कारण निर्माण सामग्री में आई आश्चर्यजनक बेताहाशा मंहगाई के कारण निर्माण कार्य बहुत महंगा हो गया है। छड़ ने तो महंगाई का सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिया है। चिल्हर बाजार में मात्र 10-12 दिन पहले 6500 क्विंटल में उपलब्ध छड़ आज 7000 से ऊपर बताई जा रही है। निर्माण बेचने वाले कारोबारियों के अनुसार तो आने वाले दिनों में इनकी दरें में और बढ़ोतरी की संभावना बरकरार है। आज फैक्ट्री में ही छड़ 67000 में 69000 प्रति टन बताई जा रही है। इससे रिटेल में 7000 में 7200 क्विंटल का भाव है। इससे कई निर्माण कार्य खटाई में पड़ जाएंगे। फिलहाल सीमेंट 290-300 है परन्तु इसमें भी बढ़ने की संभावना है। छड़ की बात करें तो पहली बार कीमत इस स्तर पर पहुंची है। कारोबारियों ने बताया कि पिछले वर्ष त्यौहार के सीजन में छड़ का भाव 6500 तक पहुंच गया था। उस समय कोयले में भाव बढ़ने की कारण तेजी आई थी। परन्तु बाद में कोयले का दाम कम हो जाने पर छड़ की कीमते कम होना शुरू हुआ और जनवरी से फरवरी तक भाव 6200 से 6600 के मध्य रहा परन्तु आज रूस-युक्रेन युद्ध के कारण भाव 7000 के पार पहुंच गया है। युद्ध के आगे चलने और 5 राज्यों में चुनाव उपरांत पेट्रोल-डीजल में होने वाली वृद्धि के कारण छड़, सीमेंट के भाव और तेजी से बढ़ी की पूरी संभावना है।