December 23, 2024

युक्तियुक्तकरण से शिक्षा गुणवत्ता हो जाएगी तार-तार:- राधेश्याम साहू

युक्तियुक्तकरण से शिक्षा गुणवत्ता हो जाएगी तार-तार:- राधेश्याम साहू

सूरजपुर- एक ओर जहां सरकार सबकी शिक्षा पर जोर दे रही है,वही दूसरी ओर अधिकारी सरकार को ठेंगा दिखा, अनाप शनाप आदेश कर बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का प्रयास कर रहे हैं।छ. ग.प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ रामानुजनगर के ब्लाक अध्यक्ष राधेश्याम साहू ने कहा कि यह युक्तियुक्तकरण की नीति सर्वथा गलत है एकतरफ तो इससे शिक्षा का स्तर पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा, तो वही दूसरी तरफ शिक्षक भी प्रभावित व परेशान होंगे।युक्तियुक्तकरण की नई नीति में शिक्षा के अधिकार कानून का पालन भी नही किया गया है।ब्लॉक अध्यक्ष रामानुजनगर ने बताया कि अभी शासन के द्वारा युक्तियुक्तकरण व ऑनलाइन अवकाश के बारे में आदेश,निर्देश जारी किए हैं,जिसके तहत एक ही परिसर में स्थित शालाओं को उच्च शालाओं में मर्ज किया जाना है । साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में 10 से कम व शहरी क्षेत्रों में 30 से कम दर्ज वाले शालाओं को बंद किया जाना है। नए नियम के अनुसार कनिष्ठ के जगह वरिष्ठ को अतिशेष करना हास्यास्पद व अनैतिक है।विद्यालय मर्ज होने से प्राथमिक व मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के पद औचित्यहीन हो जाएगा।ऑनलाइन अवकाश में आकस्मिक अवकाश को जोड़ा जाना समझ से परे है वो भी स्कूल खुलने से पूर्व ही किया गया आवेदन मान्य होगा अन्यथा उस दिन का अवैतनिक कर दिया जाएगा,जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है आकस्मिक मतलब अचानक कार्य पड़ जाना या परेशानी आ जाना,यदि कोई शिक्षक के घर मे अचानक किसी का स्वास्थ्य खराब हो जाये अथवा दुर्घटना हो जाये तो पहले हॉस्पिटल जाएगा कि पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा।
शालाओं में स्वीकृत सेटअप अनुसार ही पदस्थापना किया जाता हैं ,और शिक्षा विभाग का सेटअप 2008 से ही स्वीकृत व प्रभावशील हैं लेकिन इस युक्तियुक्तकरण में सेटअप को नजरअंदाज किया जाना नियम विरुद्ध है । प्राथमिक शालाओं में 60 बच्चों की दर्ज संख्या में प्रधानपाठक सहित दो शिक्षक जो की 5 कक्षाओं के लिए प्रति कक्षा में चार विषय के हिसाब बीस का कालखंड हो जाएगा जो कि दो शिक्षकों के लिए संभव नहीं है ,वही बड़ी कक्षाओं के लिए विषयवार शिक्षक नही रहने से भी इसी प्रकार की समस्या आएगी,इसके साथ ही बड़े पैमाने पर आफलाइन, आनलाइन जानकारी, बैठक, प्रशिक्षण, सर्वे इन सब कार्यो को कराया जाना जिससे निश्चित ही शिक्षा के गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा,वही दस से कम दर्ज वाले शालाओं को बंद करने या एक ही परिसर में शालाओं के समायोजन पर अनुशासन व्यवस्था कमजोर होगा।
संयुक्त शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तकरण का विरोध करते हुए इस आदेश पर रोक लगाने के साथ सहायक शिक्षक,व्याख्याता, प्राचार्य सहित लंबित पदोन्नति को पूर्ण करने एवं स्वतन्त्र विभागीय स्थानांतरण करने के पश्चात ही युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही 2008 के प्रचलित सेटअप अनुसार करने की मांग की हैं। साथ ही सत्ता पक्ष के नेताओ से भी अपील की है कि जान बूझ कर सरकार की छवि धूमिल करने वालों की पहचान कर शिक्षा गुणवत्ता बनाये रखने की दिशा में उचित पहल करें।

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