December 22, 2024

छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन सम्पन्न” देखिए खास खबर……

गर्वित मातृभूमि छत्तीसगढ़ बिलासपुर :- 18 अगस्त 2024 को कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क बिलासपुर में राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार प्राप्त समिति- छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन एवं काव्य-गोष्ठी का सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम कलमकारों की टीम द्वारा कानन पेंडारी जंगल सफारी का भ्रमण किया गया। खुशगवार मौसम में प्राकृतिक सुषमा और वन्य प्राणियों से भरपूर यह कानन काफी मनमोहक लग रहा था। एक तरफ जहाँ पक्षी, सर्प और मत्स्य संसार लोगों को आकर्षित कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर हंसों की जल-क्रीड़ा अविस्मरणीय थी। शेर की दहाड़ से कानन पेंडारी के सम्पूर्ण दर्शक रह-रह कर रोमांचित हो उठते थे।
सभी कलमकार आनन्द में सराबोर शनैः शनैः बढ़ रहे थे, तभी कलमकारों के कदम मुख्य राह के निकट स्थित एक सेड के नीचे ठहर गए। वहॉं पर्याप्त संख्या में कुर्सियाँ लगी हुई थीं। सर्वसम्मति से निश्चय किया गया कि आज की काव्य-गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किया जाय।
कार्यक्रम के उद्घोषक की कमान सम्हालते हुए नवागढ़-बेमेतरा से पधारे विख्यात गायक- कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा सर्वप्रथम बिलासपुर, रायपुर, बेमेतरा, मुंगेली एवं बलौदाबाजार जिलों से पधारे हुए कलमकारों का पुष्प माला तथा पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मान कराया गया। तत्पश्चात सभी कलमकारों एवं दर्शकगणों को अपने-अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का ससम्मान वाचन कराया गया।


कार्यक्रम को गति देते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति ने उपस्थित कलमकारों का अभिनन्दन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर सारगर्भित प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आज दो पुस्तकों – “एक पैगाम तेरे नाम” राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह तथा मेरी 56वीं काव्य कृति- “चक्रवात” का विमोचन सम्पन्न होगा। “एक पैगाम तेरे नाम” में देश के 54 साहित्यकारों के जीवन परिचय एवं उनकी श्रेष्ठ रचनाओं का संकलन है। इसमें छत्तीसगढ़ी लिखने के नियमों का भी समावेश है, जो कलमकारों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। एकल काव्य संग्रह -“चक्रवात” में ज्ञानवर्धक, प्रेरक एवं मनोरंजक 101 कविताओं का समावेश है। इसे पढ़कर कलमकार अनुप्राणित होंगे। इसके पश्चात काव्य-गोष्ठी आयोजित होगी और 55 साहित्यकारों को “कलमवीर साहित्य सम्मान 2024” का सम्मानपत्र एवं मेडल प्रदान किये जाएंगे। इसे मिलाकर मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 48 तथा सम्मानित होने वाले कलमकारों की संख्या 878 हो जाएगी। यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है।
अध्यक्ष के उद्बोधन पश्चात साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति में करतल ध्वनि के बीच उपरोक्त दोनों पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न हुआ। पश्चात कवियों द्वारा अपनी मनभावन रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कानन पेंडारी के भ्रमण में आए लोग राह से गुजरते समय काव्य पाठ के दौरान वहाँ रुककर आनन्द लेते रहे। बारी-बारी से काव्य पाठ पूर्ण होने पर साहित्यकारों को मेडल पहनाकर सम्मानपत्र एवं पुस्तकें प्रदान की गईं। कक्षा तीसरी के छात्र कुश डहरिया और दूसरी के छात्र आरव द्वारा भी मनभावन बालगीतों की प्रस्तुति दी गई।

छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम पंडित कुँवर दास डहरिया व्याख्याता बलौदाबाजार की अध्यक्षता, डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, उपसंचालक छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्य आतिथ्य तथा श्री विजय देशलहरे प्रधान संपादक गर्वित मातृभूमि राष्ट्रीय समाचार पत्र के देशलहरे ने भी कलमकार संघ के समस्त कलमकारो को छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आज दो पुस्तकों – “एक पैगाम तेरे नाम” राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह तथा 56वीं काव्य कृति- “चक्रवात” का विमोचन पर ढेर सारी शुभकांमनाए दी साथ आगामी भविष्य में छत्तीसगढ कलमकार मंच देश दुनिया तथा वर्तमान समय पर हो रही सच्ची ज्वलंत मुद्दो पर भी एक व्यंग लिखकर समाज को जागरूक करेगे कह धन्यवाद ज्ञापित किया वही विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पंडित कुंवर दास ने सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफल रहा है। इसके संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की 56 पुस्तकें प्रकाशित होना तथा 15 साझा संकलनों का सम्पादन करना एक रिकॉर्ड है। यह भावी पीढ़ी के लिए “मील का पत्थर” साबित होगा। कलमकारों की रुचि, प्रेम और सद्भाव अत्यन्त प्रशंसनीय है।


विशिष्ट अतिथि श्री *विजय कुमार देशलहरे* गर्वित मातृभूमि प्रधान संपादक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैंने अब तक सैकड़ों कार्यक्रमों में शिरकत की है। लेकिन छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संयोजन में यह कार्यक्रम स्व-प्रचार से कोसों दूर है, जो अति प्रशंसनीय है। यहाँ ज्ञान और स्वरों की अमृत वर्षा हो रही है। इस कार्यक्रम में शामिल होकर मैं अत्यन्त गौरवान्वित हूँ तथा कलमकारों के जोशो-जज्बे का कायल हूँ। मुझे सम्मान देने के लिए मंच के प्रति आभारी हूँ। कोई भी कवि छत्तीसगढ़ी रचनाएँ समाचार पत्र में प्रकाशन के लिए मेरे पास भेज सकते हैं। कहते हुए कार्यक्रम के आयोजक सहित छत्तीसगढ कलमकार मंच के समस्त पदाधिकारो को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छत्तीसगढ ही नही अपितु किसी भी राज्य या पुस्तक विमोचन की वो हर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने का वचन दिया
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष जुगेश बंजारे धीरज, नवीन कुमार कुर्रे, मोहन बंजारे सत्ऋषु, ज्वाला विष्णु कश्यप, बुंदराम जांगड़े, कार्तिक पुराण घृतलहरे, देव मानिकपुरी, सुरजीत क्रान्ति, श्रीमती मंजूलता मेरसा, श्रीमती लक्ष्मी डहरिया, श्रीमती सुनीता जांगड़े, चैतराम टण्डन, अश्वनी पात्रे, पुनऊ राम मधुकर, श्वेता डहरिया, विजय महिलांग इत्यादि साहित्यकारों द्वारा कविता पाठ किया गया। कार्यक्रम का सफल एवं प्रभावी संचालन गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

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