डी ए व्ही स्कूल जाँता में पालक,बालक शिक्षक संगोष्ठी के साथ भव्य वैदिक हवन यंग सम्पन्न.देखिए खास खबर….
‘माता-पिता अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं” -प्रचार्य जायसवाल
विजय कुमार देशलहरे गर्वित मातृभूमि छत्तीसगढ़ बेमेतरा :- दाढ़ी:-बेमेतरा जिला का एक मात्र डी ए वी स्कूल में आज पालक बालक शिक्षक संगोष्ठी में का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 300 पालकों ने स्कूल पहुंचकर अपने पाल्य की पैरोड़ीक टेस्ट 1 व यनिट टेस्ट परीक्षा का रिजल्ट जाने व बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर बातचीत की। विद्यार्थियों की पढ़ाई स्तर अच्छा व बेहतर से बेहतर हो इसके लिए हम किस तरह से छात्र को आगे बढ़ा सके इसके लिए स्कूल में यह भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जिसमें पालकगण व अभिभावकों ने बढ़- चढ़कर भाग लिया प्राचार्य पी.एल.जायसवाल ने बताया कि छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु हमे तीनो कड़ी को मजबूत होना अनिवार्य हैं पालक-बालक-शिक्षक आपस में मिलकर ही हम छात्रों की उज्ज्वल भविष्य की गणना कर सकतें हैं। छात्रों के प्रति मेहनत करने व आगे बढ़ाने के लिए विद्यालय के शिक्षक प्रयासरत व सदैव तत्पर हैं। विद्यार्थियों की बेहतर शिक्षा में सुधार कैसे करें
माता-पिता और शिक्षक का एक ही लक्ष्य होता है, बच्चे की सफलता। माता-पिता, शिक्षक और बच्चे की साझेदारी स्कूली प्रक्रिया को समृद्ध और प्रभावी बनाती है।
“माता-पिता अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं”। उनका सहयोग बच्चे की पढ़ाई और विकास को प्रभावित करता है।
एक सफल अभिभावक के सहयोग के लिए, आपको शिक्षकों के साथ निरंतर बातचीत करने की आवश्यकता होती है। माता-पिता और शिक्षक दोनों अपने अवरोधों को दूर करते हैं और एक साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए तैयार रहते हैं, अभिभावकों को आसानी से शिक्षकों के साथ बातचीत कर सकते हैं। प्राचार्य जायसवाल ने जानकारी साझा किया बताया कि रिजल्ट को बेहतर बनाने ,पालकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए यह भव्य बैठक का आयोजन पालक बालक शिक्षक संगोष्ठी किया गया व इसमें रिजल्ट सहित बच्चों की प्रोग्रेस पर चर्चा की गयी ।पालकों की बैठक का मुख्य उद्देश्य रिजल्ट सुधारना, बच्चों की नियमित उपस्थिति पर जोर देना ,शिक्षा स्तर को बढ़ाना, विद्यार्थियों की प्रोग्रेस पर चर्चा के साथ साथ पालकों से सुझाव भी लिया गया। साथ ही स्कूल में वैदिक हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमें विशेष रुप से जानकारी साझा किया कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी के नाम से ही दयानंद एंग्लो वैदिक (डी ए वी) विद्यालय प्रारंभ हुआ है।महर्षि दयानंद जी आर्य समाज के संस्थापक है।संस्था में समय -समय पर वैदिक हवन यज्ञ व संस्कार को लेकर नैतिक शिक्षा की पढ़ाई निरंतर होते रहता है
आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य पी एल जायसवाल, ललित देवांगन, अखिलेश पटेल, अनिल चंद्रवंशी, निशु गुप्ता, आयुशी जैन,रेणुका पटेल, राजा तन्तुवेय, गोविंद साहू, उमेश साहू, विमल साहू,देविका जैन, दीपिका वर्मा, सरिता साहू, सविता साहू,सुमित्रा पटेल, कैलाश सिंह राजपूत, मनीषा सोनी, छोटू राम साहू,रितिका साहू, नम्रता चतुर्वेदी, मधुस्मिता बेहेरा, अभिषेक दूबे, सुखदेव, नरेश, युवराज,विजय चंद्राकर, रूखमणी, रामेश्वरी आदि सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किए।