करें योग रहे नीरोग
करें योग रहे नीरोग
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को दुनिया भर में मनाया गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा था, क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और दुनिया के कई हिस्सों में इसका विशेष महत्व है।इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 का विषय ” महिला सशक्तीकरण के लिए योग ” है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इस अवसर पर योग के अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।इसी कड़ी में विश्व के जन-जागरूकता के लिए यह रचना समस्त मानवों को उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए सादर समर्पित है।भारत का मान है बढ़ाया,विश्व ने योग दिवस मनाया।प्रातः हमने जब आसन लगाया,शरीर की आन्तरिक उर्जा जगाया।आलस को बहुत दूर भगाया,सभी आसन मन को भी भाया।।योग ही बनाया निरोगी काया,तन की समस्या दूर भगाया।हर मर्ज की दवा सस्ते में पाया,जब से दोस्त योग को बनाया।।जिसने भी योग को अपनाया,शरीर हष्ट-पुष्ट,स्वस्थ बनाया।सारे काम बिना थके हो पाया,चेहरा हमेशा ही खिलखिलाया।।जहां की खुशियां उसने है पाया,योग का आसन जिसने लगाया।एकता का सूत्रधार भी कहलाया,भारत से विश्व श्रृंखला बनाया।।शारीरिक शिक्षा का अलख जगाया,घर-घर योग का प्रकाश फैलाया।बच्चा बुढ़ा सबने इसे अपनाया,अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जब आया।।—————————————✍🏻प्रस्तुतकर्ता✍🏻 भागवत प्रसाद बानीव्याख्याताशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आनंदगांव, विकासखंड- बेरला, जिला-बेमेतरा छत्तीसगढ़