सड़क बदहाल आवागमन में जनता हो रहा बेहाल…
सड़क बदहाल आवागमन में जनता हो रहा बेहाल…
गर्वित मातृभूमि/ सुरेश सिंह पाटले जिला ब्यूरो चीफ मुंगेली-
कोदवाबानी के ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधि ने मुंगेली कलेक्टर से गुहार लगाया है कि कोदवाबानी से निपनिया जाने वाले सड़क लगभग 03 किलो मीटर तक की हालत बहुत ही खराब है जिससे राहगीरो को बहुत ही मुश्किलो से गुजरना पड़ रहा है। गड्ढामुक्त किए जाने को लेकर किए जा रहे तमाम दावे के बाद भी सड़क की दशा नहीं सुधर रही है। सड़क पर हुए गड्ढों से राहगीरों के पांव छिल जा रहे हैं। बदहाल सड़क पर जनता बेहाल हो रही है तो जिम्मेदार अनजान बने हैं। सड़क की बदहाली से एक ओर जहां लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं क्षतिग्रस्त सड़कों पर चलने से लोगों के वाहन बार-बार खराब हो रहे हैं। वैसे तो मरमत के लिए कार्य तो शुरू कर चुके थे पर रोड़ को ठेकेदार के द्वारा चार माह पहले से उखाड़ कर छोड़ दिया गया है जिससे और राहगीरो के मुश्किले बढ़ गया है। ग्राम कोदवाबानी से निपनिया भदेरकापा गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर चार माह से रोड़ को ठेकेदार के द्वारा उखाड़ दिया गया है। आज तक पिच नहीं कराया जा सका है। इस कारण जगह-जगह उखड़ी-बिखरी गिट्टियों व जानलेवा गड्ढों से कब कौन हादसे का शिकार हो जाए कहा नहीं जा सकता। वही एक और रास्ता कोदवाबानी से कुर्सी के लिए रास्ता गया है उनकी भी हालत बहुत ही खराब है साथ मे रास्ते का पुल भी टूटा पड़ा हुआ है ,अभी के बरसात में राहगीर उस रास्ते से तो गुजर ही नहीं पाएंगे जिस पर साशन प्रसाशन ध्यान नहीं दे रहे है।बोले ग्रामीणसड़क की खराबी से साइकिल, बाइक व पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। इससे लोग परेशान हैं। सड़क का पूर्ण रूप से निर्माण होना चाहिए।इस मार्ग से कई गांव के लोग जुड़े हैं। जिनका प्रतिदिन आवागमन होता है। टिव्सन करने वाले छात्र-छात्राएं भी इसी सड़क से सायकल से मुंगेली आते-जाते है अब तो बरसात भी लग गया है, बरसात के दिन में और बहुत ही समस्या से लोगो को गुजरना पड़ेगा। सड़क को तत्काल पिच कराया जाय, सड़क पर बिखरी बड़ी-बड़ी गिट्टियों के कारण चलना मुश्किल है। साइकिल व बाइक के टायर बार-बार खराब हो जा रही हैं। सड़क की मरम्मत हो जाती तो लोगों को राहत मिलत जाता।शासन सड़कों के निर्माण के प्रति गंभीर है। ग्रामीण अंचल की सड़कों के मरम्मत व निर्माण में लापरवाही हो रही है। अवगत कराने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।