December 23, 2024

छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन सम्पन्न…

छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की काव्य-गोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन सम्पन्न…

उमाशंकर दिवाकर गर्वित मातृभूमि बिलासपुर – 16 जून 2024 को कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क बिलासपुर में छत्तीसगढ़ कलमकार मंच मस्तूरी की सामान्य सभा की बैठक के बाद पुस्तक विमोचन एवं काव्य-गोष्ठी का सुव्यवस्थित एवं सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम कलमकारों की टीम द्वारा कानन पेंडारी जंगल सफारी का भ्रमण किया गया। खुशगवार मौसम में प्राकृतिक सुषमा और वन्य प्राणियों से भरपूर यह कानन काफी मनमोहक लग रहा था। एक तरफ जहाँ पक्षी, सर्प और मत्स्य संसार लोगों को आकर्षित कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर हंसों की जल-क्रीड़ा अविस्मरणीय थी। शेर की दहाड़ से कानन पेंडारी के सम्पूर्ण दर्शक रह-रह कर रोमांचित हो उठते थे। बाघ, चीतल, चौसिंगा, मगर, हिप्पोपोटोमस, जंगली बरहा, नील गाय, हिरणों के झुण्ड, शुतुरमुर्ग, इमू और काले मूषक की चहलकदमी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर बरबस ही खींच लेती थी । कई प्रकार के झूले में बच्चों को झूलते देखना, विशालकाय हाथी के मुँह से निकलना बेहद रोमांचित करने वाला क्षण रहा है।कानन पेंडारी का नैसर्गिक सौंदर्य और हरीतिमा से आच्छादित वातावरण बहुत मनमोहक लग रहा था। सभी कलमकार आनन्द में सराबोर शनैः शनैः बढ़ रहे थे, तभी कलमकारों के कदम मुख्य राह में स्थित एक सेड के नीचे ठहर गए। वहॉं पर्याप्त संख्या में कुर्सियाँ लगी हुई थीं। सर्वसम्मति से निश्चय किया गया कि आज की काव्य-गोष्ठी, पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह का कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किया जाय।कार्यक्रम के उद्घोषक की कमान सम्हालते हुए नवागढ़-बेमेतरा से पधारे विख्यात गायक- कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा सर्वप्रथम बिलासपुर, रायपुर, कांकेर, बेमेतरा, मुंगेली एवं कोरबा जिलों से पधारे हुए कलमकारों को पुष्प माला पहनाकर तथा महिला कलमकारों को पुष्प-गुच्छ भेंट कर सम्मान कराया गया। तत्पश्चात उद्घोषक द्वारा सभी कलमकारों एवं दर्शकगणों को अपने-अपने स्थान पर खड़े होने का आग्रह कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का ससम्मान वाचन कराया गया। कार्यक्रम को गति देते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति ने उपस्थित कलमकारों का अभिनन्दन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर सारगर्भित प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में सामान्य सभा की बैठक उपरान्त तीन पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न होगा। भारत देश के 46 कलमकारों की रचनाओं से सुसज्जित “विश्वात्मा” का विमोचन होगा। यह इस अर्थ में एक अनूठा संकलन हैं कि इसमें गद्य और पद्य में विश्व के लगभग सवा सौ महान हस्तियों के बारे में विवरण है। छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में प्रकाशित यह 14वाँ राष्ट्रीय साझा संकलन है। इसके अलावा मेरे स्वंय की काव्य कृति- ‘परख’ तथा पेशे से नर्सिंग सेवाएँ दे रही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर, जिला- उत्तर बस्तर कांकेर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से पधारी डॉ. राखी गुड़िया की काव्य कृति- ‘नित नेह की डोरी’ का विमोचन सम्पन्न होगा। पश्चात साहित्यकारों की काव्य-गोष्ठी आयोजित होगी और 51 साहित्यकारों को “कलमकार साहित्य समता सम्मान 2024” का सम्मानपत्र एवं मेडल प्रदान किए जाएंगे। अब मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 46 तथा सम्मानित होने वाले कलमकारों की संख्या 823 हो जाएगी। यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है। सत्गुरु के आशीर्वाद और आप सबके प्रेम, सहयोग और सद्भावना से यह सिलसिला निरन्तर जारी रहेगा। छत्तीसगढ़ कलमकार मंच की सामान्य सभा की बैठक हुई। एजेंडावार चर्चा करके सर्व सम्मति से अनेक प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें द्वितीय वार्षिक अधिवेशन के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापन, मंच को वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार प्राप्ति पर आर्थिक सहयोग के लिए आभार प्रदर्शन, मंच के तत्वावधान में नियमित रूप से साझा संकलनों का प्रकाशन एवं कलमकारों को सम्मानित करना, मंच के लिए भूमि आबंटन, मंच के सदस्यों की सक्रियता एवं पुनर्गठन, मंच की स्थाई सदस्यता पर चर्चा और सतनाम धर्मियों के पवित्र धामों एवं रावटी स्थलों का चिन्हांकन प्रमुख हैं।साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति में करतल ध्वनि के बीच 4 पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न हुआ। इन पुस्तकों में विश्वात्मा-राष्ट्रीय साझा संकलन, परख-काव्य संग्रह, नित नेह की डोरी- काव्य संग्रह तथा कला और संस्कृति विषय पर पुस्तकें शामिल हैं। वर्थी वेलनेस फाउंडेशन से छत्तीसगढ़ कलमकार मंच को प्रदान किये गए “”राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार 2024” का सम्मानपत्र, मेडल एवं ट्रॉफी मंच के समस्त कलमकारों को ससम्मान सौंपा गया। पश्चात कवियों द्वारा अपनी मनभावन रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। पूरा मंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। कानन पेंडारी के भ्रमण में आए लोग काव्य पाठ के दौरान उपस्थित होकर रसास्वादन करने लगे। उस राह से गुजरने वाले लोगों के कदम कुछ देर के लिए वहॉं पर ठिठक जाते थे। वे कविताओं के रस में डूब जाते थे, फिर आगे की राह पकड़ लेते थे। कवियों के काव्य पाठ पूर्ण होने पर उन्हें फूलमाला एवं मेडल पहनाकर, सम्मानपत्र एवं पुस्तकें भेंट की गईं। छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम डॉ. प्यारेलाल आदिले, प्राचार्य जे.बी.डी. कॉलेज कटघोरा जिला-कोरबा के मुख्य आतिथ्य, डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, उपसंचालक छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता तथा डॉ. राखी गुड़िया कांकेर के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रोफेसर प्यारेलाल आदिले ने कहा कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफल रहा है। इसके संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन द्वारा 54 पुस्तकें प्रकाशित कराना तथा 14 साझा संकलनों का सम्पादन करना अति असाधारण कार्य है। जबकि अभी आपकी दर्जन भर पुस्तकें प्रकाशन की कतार में हैं। सही अर्थों में आप विश्वात्मा हैं। आप पर अनेक पुस्तकें लिखी जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष जुगेश कुमार बंजारे, मणिशंकर दिवाकर गदगद, नवीन कुमार कुर्रे, बुंदराम जांगड़े, कार्तिक पुराण घृतलहरे, सुरजीत क्रान्ति, डॉ. राखी गुड़िया, मंजूलता मेरसा, विनोद जांगडे, पी.आर. कुर्रे, इत्यादि कलमकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

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