सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नीति नहीं नक्सलवाद के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की की जा रही है हत्या- चंद्रदीप कोर्चो
सरकार के पास नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नीति नहीं नक्सलवाद के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की की जा रही है हत्या- चंद्रदीप कोर्चो
सूरजपुर/ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सूरजपुर जिला महासचिव चंद्रदीप कोर्चो ने वर्तमान में बीजापुर के पीडिया जंगलों पर हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के पास नक्सवाद को खत्म करने के लिए कोई विशेष ठोस नीति नहीं है। कोर्चो ने कहा प्रदेश में भाजपा सरकार बने सिर्फ पांच महीने होने जा रहा है लेकिन नक्सली हिंसा खत्म नहीं हो रहा है वहीं स्थानीय ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने जा रहे हैं तो उन्हें नक्सली समझकर मारा जा रहा है मुठभेड़ में कई निर्देश स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों की जाने गई है बस्तर संभाग के कई जिलों में नक्सली हमले प्रतिदिन हो रही है लेकिन सरकार के पास नक्सली हिंसा को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है .मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना। तब कांग्रेस सरकार आई उसके बाद लगातार 15 वर्ष तक भाजपा सरकार रही फिर पांच वर्ष कांग्रेस सरकार थी वर्तमान में केंद्र व प्रदेश में भाजपा सरकार है लेकिन आज तक नक्सवाद उन्मूलन को रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है। हर बार दोनों राष्ट्रीय दल नक्सली समस्या को लेकर कई बड़े वादे करते हैं परन्तु पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही सारे वादे भूल जाते हैं। तमाम ऐसे सवाल हैं जो नागरिकों के मन में उठ रहे हैं। जिसका जबाब मैं सरकार से पूछना चाहता हूं अभी तक देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में भारी मात्रा में खनिज संपदा, वन संपदा, जलसंपदा से परिपूर्ण है यह क्षेत्र अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है जहाँ लगभग 90 प्रतिशत आदिवासी मूलनिवासी पिछड़ी जनजाति के लोग निवारस्त करते हैं, जो अपने जल,जंगल, जमीन व संस्कृति को बचाने और प्रकृति संतुलन को बनाए रखकर ,जीवन यापन कर रहे हैं .सरकार द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में स्पेशल पुलिस फोर्स बटालियन भेजकर आम जनता को परेशान किया जाता है वहीं आम नागरिकों को नक्सली बताकर एनकाउंटर किया जाता है, ऐसे तमाम घटनाएं निर्दोष आदिवासियों के साथ हो रहा है, गोंगपा प्रदेश सरकार से अपील करता है उच्य स्तरीय समिति गठन करें और जितने निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर एनकाउंटर किया गया है, उनके परिवार वाले को सरकारी नौकरी व एक करोड़ मुआवजा दिया जाए। वहीं बीजापुर के पीडिया जंगलों में मुठभेड़ पर निर्दोष आदिवासियों की जान गई है उसका उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो सके।