केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने देश की जनता से एक बार फिर छल किया है-जफर हैदर
केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने देश की जनता से एक बार फिर छल किया है-जफर हैदर
मो0 सुल्तान सूरजपुर
*सूरजपुर/01 फरवरी 2024-* प्रदेश कांग्रेस सदस्य जफर हैदर ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा केंद्र की मोदी सरकार का लोकसभा चुनाव के ठीक पहले का आखिरी अंतरिम बजट पेश किया गया, इस बजट से देश की आम जनता, किसान, गरीब, मजदूर, महिला और युवा वर्ग एक उम्मीद और एक आस लेकर बैठा था कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास होगा, परंतु हर वर्ग पूरी तरह से हताश और निराश है क्योंकि वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए इस अंतरिम बजट का पिटारा पूरी तरह खाली है, किसी के हाथ कुछ भी नहीं लगा। देश का बजट सिर्फ आय और व्यय का ब्यौरा नहीं होता, बल्कि यह वर्तमान सरकार का एक“ पॉलिसी डॉक्युमेंट“ होता है, सरकार आने वाले दिनों में देश की आम जनता के जेब में किस प्रकार पैसा डालने का काम करेगी और उनके हितों के लिए किस प्रकार के निर्णय लेगी एवं योजनाएं बनाएगी इसका स्पष्ट आईना होती है। परंतु केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया यह अंतरिम बजट पूरी तरह दिशा विहीन, उद्देश्य विहीन, और बिना रोड मैप का बजट है, जिस देश की आम जनता को कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला।
प्रदेश कांग्रेस सदस्य जफर हैदर ने कहा कि एक तरफ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स कलेक्शन में तीन गुना वृद्धि हुई है, परंतु देश की आम जनता को सीधा फायदा पहुंचने के लिए आयकर छूट की सीमा में 1 रूपए की भी वृद्धि नहीं की,देश की आम जनता,व्यापारी,नौकरी पेशा, देश की महिला और युवा यह आस लगाए बैठा था,की इनकम टैक्स के लिमिट बढ़ाने से उनका सीधा फायदा पहुंचेगा, परंतु केंद्र की मोदी सरकार ने फिर उनको निराश किया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 30 से 40 प्रतिशत कम होने के बाद भी देश की आम जनता को 1 रू. की भी राहत पेट्रोल और डीजल में नहीं दी गई, इन 10 सालों में केंद्र सरकार द्वारा देश की आम जनता से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज के रूप में 36 लाख करोड़ रुपए की वसूली की गई। 2014 की तुलना में वर्तमान में क्रूड आयल लगभग आधे दाम पर है लेकिन मोदी सरकार के मुनाफाखोरी के चलते आम जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। पेट्रोलियम उत्पाद पर सेंट्रल एक्साइज में रियायत का कोई प्रावधान इस बजट में नहीं है। सभी जन कल्याणकारी योजनाओं मनरेगा, उर्वरक सब्सिडी खाद्य सब्सिडी, पेट्रोलियम सब्सिडी, के बजट में लगातार कमी इस बात का प्रमाण है, कि केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में सिर्फ और सिर्फ उनके पूंजी पति मित्र हैं देश की आम जनता नहीं।
देश की आम जनता को 11 करोड़ से ज्यादा रोजगार देने वाले वाले एमएसएमई सेक्टर के हितों के लिए कोई घोषणा केंद्र सरकार ने नहीं की.केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का ही नतीजा है कि 90 प्रतिशत एमएसएमई स्थापना के 3 वर्ष के भीतर ही बंद हो जा रही है। 4 जनवरी 2024 को कैग की रिपोर्ट आई, इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया की नवंबर 2023 तक केंद्र के 15 प्रमुख विभागों द्वारा बजट में आवंटित राशि का मात्र 17.8 परसेंट खर्च किया गया, 82 परसेंट राशि खर्च ही नहीं की गई, इससे केंद्र सरकार की नीयत नीति मंशा और मंशा पूरी तरह स्पष्ट है. देश की आम जनता को फिर से झूठ सब्जबाग दिखाकर केंद्र की मोदी सरकार ठगने वाली है।