नवापारा खदान को बंद करने के आदेश के विरोध में एचएमएस संगठन और कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन। खदान के बंद होने से करीब 600 कोयला श्रमिकों पर विस्थापन का खतरा
नवापारा खदान को बंद करने के आदेश के विरोध में एचएमएस संगठन और कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन। खदान के बंद होने से करीब 600 कोयला श्रमिकों पर विस्थापन का खतरा
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर/भटगांव:– भटगांव क्षेत्र के अंतर्गत नवापारा यू.जी. खदान को आगामी 31 दिसंबर से बंद करने के प्रबंधन के आदेश के विरोध में बुधवार को एचएमएस संगठन के नेतृत्व में कर्मियों ने जमकर हंगामा किया।
मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नवापारा भूमिगत खदान को 31 दिसम्बर को बंद करने की तैयारी एसईसीएल प्रबंधन द्वारा की जा रही है इसके विरोध में एचएमएस संगठन द्वारा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञात हो कि एसईसीएल भटगांव क्षेत्र की कई खदानें बंद होने की कगार पर है वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग सहित सीटीओ की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इन खदानों को बंद किया जा सकता है जिसकी शुरुआत 31 दिसंबर को नवापारा खदान को बंद कर सकती है खदान के बंद होने की स्थिति में क्षेत्र से लोगों का विस्थापन भी होना जाहिर है जिससे भटगांव व जरही क्षेत्र की आबादी भी कम हो जाएगी वही बंद होने जा रही खदान के एसईसीएल कर्मचारियों को भी स्थानांतरण की चिंता सताए जा रही है।
भटगांव महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एचएमएस संगठन के नेताओं के साथ कर्मियों ने कंपनी के नियम और खदान बंद करने के जारी आदेश को लेकर विरोध में प्रदर्शन किया। एचएमएस संगठन के नेताओं के साथ कर्मचारियों ने एक जुलूस के साथ भटगांव क्षेत्र का भ्रमण करते हुए सल महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एक सभा के रूप में विरोध प्रदर्शन करते हुए संगठन और कर्मचारियों के द्वारा अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशक एसईसीएल के नाम भटगांव एसईसीएल एपीएम को ज्ञापन सौंपा।
एचएमएस संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा कहा गया कि प्रबंधन एक साजिश के तहत खदान को बंद करना चाहता है। प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। सवाल उठाया कि प्रबंधन अगर डीजीएमएस के आदेश से खदान को बंद करने का निर्णय लिया है तो खदान को डेढ़ माह पूर्व ही बंद हो जाना चाहिए था। डीजीएमएस तो एक बहाना है, अपनी कमी को छिपाने के लिए प्रबंधन दूसरे के कंधे का सहारा ले रही है।
एचएमएस संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रबंधन नीति के खिलाफ कार्य कर रही है। अचानक ट्रेड मनमाने तरीके से खदान बंदी का फरमान जारी कर देना मजदूरों के साथ अन्याय है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रबंधन को हर हाल में खदान को चालू करना होगा। अन्य बक्ताओं ने भी कहा कि अगर डीजीएमएस के अनुसार खदान में कुछ मानकों में कमी है तो प्रबंधन ने उस कमी को दूर करने के बजाय खदानबंदी का नोटिस जारी कर दिया। एचएमएस संगठन के प्रतिनिधियों ने प्रबंधन को एक ज्ञापन सौंपा है। प्रतिवेदन में कहा गया है कि बगैर किसी यूनियन के साथ वार्ता के एकाएक खदान में उत्पादन बंद करना नियम के विरुद्ध है।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से अख्तर जावेद उस्मानी उप महामंत्री कोयला मजदूर सभा, तेज बहादुर सिंह महामंत्री भटगांव क्षेत्र, सतीश तिवारी अध्यक्ष, सूर्यबली सिंह, विष्णु साहू, जगन्नाथ पांडे, नीरू श्रीवास्तव, अश्विनी सिंह, सुनील लकड़ा, नरेंद्र सिंह, भूप साय राजवाड़े, शिवमंगल सिंह, गोविंद राजवाड़े, भागीरथ बीपी, सुनील मंडल, सचिन, रंजीत, मिथिलेश सिंह, कुलमीत सिंह, मनीष सिंह, अबू सनेह, उमाकांत पांडे, सत्यम सिंह, अनिल सिंह, अजय प्रसाद मौजूद रहे।