बंद पड़ी कोयला खदानों में धड़ल्ले से हो रही है कोयले की चोरी जिम्मेदार गायब
बंद पड़ी कोयला खदानों में धड़ल्ले से हो रही है कोयले की चोरी जिम्मेदार गायब।
सूरजपुर/एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में बंद पड़े कोयला खदानों से कोयले की चोरी चरम सीमा पर है जहां इस धंधे से कोल माफिया मालामाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को रोजाना लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अवैध खनन को रोक पाने में खनन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन पूरी तरह फेल हो चुका है। यहां दो पालियों में कोयले की अवैध खुदाई होती है। बताया जाता है कि प्रतिदिन सैकड़ों मीट्रिक टन कोयले की निकासी की जाती है वही जिस प्रकार कंपनी के द्वारा अंडरग्राउंड कोयला खदान खोला जाता है उसी प्रकार से चोरों के द्वारा भटगांव स्थित ओसिएम बंद खदान में चट्टान के नीचे सुरंग बनाकर अंदर ही अंदर चोरों के द्वारा अंडरग्राउंड खदान खोलकर सैकड़ो पिलर के साथ दर्जनों सुरंग के रूप में कई किलोमीटर की एरिया को गोलाकार में लेकर कूपनुमा गढा खोदकर कोयला निकाला जाता है। जिस कारण खदान बने गड्ढे में कभी भी जान माल की क्षति हो सकती है। हालांकि समय-समय पर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस अभियान चलाती रही है। मगर आजतक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से बिना डर-भय के यह कार्य धड़ल्ले से चलते आ रहता है।
बता दें कि इस खदान से निकाले गए कोयले को साइकिल व बाइक पर लाद कर दूरदराज के इलाकों में बेचा जाता है। राहगीरों का कहना है कि अवैध कोयले की ढुलाई इस कदर बढ़ गई है सड़कों पर दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। वहीं जानकारों की माने तो इस धंधे में पुलिस प्रशासन से लेकर छोटे मोटे कई हस्तियां भी शामिल हैं। जिस कारण कोयला माफिया धड़ल्ले से कोयले की चोरी कर मालामाल हो रहे हैं।
यह बताना होगा कि एसईसीएल की खदानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ और एसईसीएल के सुरक्षा गार्ड के जवानों को भी तैनात किया गया है। इसके बाद भी खदानों में चोरी की घटनाएं नहीं रुक रही है। जहा बंद पड़े ओसिएम कोयला खदान के चट्टानों में चोरों के द्वारा एक बड़ी सुरंग बनाकर कोयला का अवैध उत्खनन किया जा रहा है उस स्थान से चंद कदमों की दूरी पर सीआईएसएफ कैंप बना हुआ है जहां कोयला कंपनी के द्वारा करोड़ों रुपए इन जवानों पर खर्च किया जा रहा है लेकिन चंद कदमों की दूरी पर बनाए गए अवैध सुरंग की जानकारी इन जवानों को नहीं और बेधड़क कोयले की चोरी हो रही है जिससे कोयला कंपनी को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
भटगांव क्षेत्र के बंद पड़ी कोयला खदान में जिस तरीके से सुरंग बनाकर कोयला निकाला जा रहा है ग्रामीणों के द्वारा जहां कोयला निकालते समय मजदूरों पर कोयला का भारी टुकड़ा गिरने का भी डर बना रहता है। बता दें कि पूर्व में बंद खदान से कोयला निकालने के दौरान ऐसी घटना घट चुकी है जिसमें कई ग्रामीणों ने अपनी जान गवाई हैं।
एसईसीएल की बंद ओपन कास्ट खदानों से कोयले का अवैध उत्खनन कर चोरी करने तथा चालू ओपन कास्ट खदानों में अनाधिकृत प्रवेश कर कोयला चोरी किए जाने से दर्जनों ग्रामीणों को मौत का शिकार होना पड़ा है। बावजूद कोयला तस्करी के धंधे से पुलिसिया छवि के साथ राज्य सरकार की छवि पर भी सवालिया निशान लग रहा है जिस प्रकार से भटगांव के एसईसीएल ओसिएम के बंद पड़ी खदान में चोरों के द्वारा सुरंग बनाकर कोयला निकाला जा रहा है अगर उस सुरंग के बीच एक भी पिलर धस जाती है चट्टान गिर जाती है तो लगभग दर्शनों की संख्या में मृत्यु होना कोई बड़ी बात नहीं होगी।
पुलिस प्रशासन के द्वारा ऐसे कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार रात में पेट्रोलिंग की जाती है, जिसका दिशा-नर्देश लगातार बीच-बीच में जिला प्रशासन के द्वारा संबंधित क्षेत्राधिकारियों को दिया जाता है। लगातार पुलिस पेट्रोलिंग के बाद भी ऐसे कार्यों पर अंकुश न लगना सवालिया निशान खड़ा करता है। ऐसे कार्यों को संरक्षण किसका प्राप्त है इसे लेकर कई प्रकार की चर्चा हो रही है। विभाग सहित कंपनियों को सालाना करोड़ों का चूना लग जा रहा है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों कर्मचारी चुप्पी साधे हुए हैं चोर कोयला चोरी को बेख़ौफ़ अंजाम देने में लगे हैं।
इस संबंध में हमें जानकारी है जिसको लेकर एसईसीएल के महाप्रबंधक भटगांव व अन्य अधिकारी सहित सुरक्षा प्रभारी कोयला चोरों के द्वारा जहां सुरंग बनाई गई है वहां 8 दिन पहले जाकर निरीक्षण किए हैं और उस सुरंग को ब्लास्टिंग करने का बात कहा जा रहा था लेकिन अब तक नहीं हो पाया है।
एस जी लोकनाथ डेक्सेना, सुरक्षा प्रभारी ओसियम, एसईसीएल भटगांव, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।