December 23, 2024

किशोर राजपूत ने देशी धान संरक्षण प्रशिक्षण में भाग लिया

गर्वित मातृभूमि (बिनोद कुमार)बेमेतरा/नवागढ़:- देश के सबसे बड़ा और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम जैविक जिला दंतेवाड़ा मे देशी धान बीज संरक्षण एवं चरित्र विश्लेषण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। क्रिस्टोन फाऊंडेशन, निर्माण, भूमगादी जैविक किसान उत्पादक संगठन दंतेवाड़ा तथा भारत एग्रो फंड आयोजक थे । प्रशिक्षण का शुभारंभ दिनांक 6 दिसंबर 2030 को दंतेवाड़ा जिला संसाधन केंद्र भवन में सुबह 10:00 बजे से हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आकाश जी ने निर्माण और भूमिगत जैविक किसान उत्पादक संगठन तथा जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं किसानों के सहयोग से आज देश का सबसे बड़ा और प्रदेश का पहला संपूर्ण जैविक जिला का निर्माण के बारे में सविस्तर से बताया। भूमगादी जैविक किसान उत्पादक संगठन के ट्रेनर सुरेश कुमार नाग और मार्केटिंग मैनेजर भैरव ने भी अपने विचार रखें।

    प्रथम सत्र में देश भर से आए किसानों ने अपनी परिचय के साथ साथ-अपने क्षेत्रों में देसी धान बीज संरक्षण के दिशा में किए जा रहे कार्यों को बताया।

तत्पश्चात मुख्य प्रशिक्षक सौमिक बनर्जी ने देशी धान बीज संरक्षण और चरित्र विश्लेषण के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि धान बीज उपचार किस तरह से करना चाहिए, बुवाई के लिए बीज का चयन, जैव विविधता डायग्राम,फील्ड नक्शा,पहचान के लिए नाम पट्टीका ,फसल अवधि के अनुरूप बीज की नर्सरी, धान की रोपाई, रजिस्टर,अंक तालिका विवरण, बीज अंकुरण के बाद जड़ के रंग को देखकर रजिस्टर में किस प्रकार अंकित करना है, रोपाई के बाद धान की पासपोर्ट डाटा जिसमें धान का आईडी नंबर, किस्म का नाम, उत्पत्ति, दाता का नाम,अधिग्रहण की तारीख, अंतिम पुनर्जनन की तिथि, भूमि का प्रकार, मिट्टी का प्रकार, बुवाई की तारीख, रोपाई की तिथि,अवधि, ऋतु लगभग 50% फूल आने की तिथि, सिंचाई, रोपण का तरीका, फसल प्रणाली, विशेष गुण, बीज लेने के वाले का नाम और पता अंकित करना है। धान के गर्भावस्था से दाने भरने तक ध्वज पत्ता आने के बाद पत्ती रंग की तीव्रता, ऐंथरोसानिन रंग पत्ते के आरिकल्स, कॉलर,पत्ती आकार, पत्ती की लंबाई,चौड़ाई, ध्वज का आकार, फूल आने के बाद कैसा रहता है, इंटर्न नोट, तना शक्ति , सूंड का आकार, बाली की गिनती किस तरह से करना चाहिए बताया गया।

दूसरे दिन 7 दिसंबर 2023 को पुनः मास्टर ट्रेनर सौमिक बनर्जी ने सुबह 10:00 बजे से प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ किया जिसमें बाली का निकलने का तरीका, दाने झड़ने की स्थिति,बाली की लंबाई, मीसाई, सुंगा का रंग, दाने के ऊपर बाल, धान दाने का रंग, औसत दाने की लंबाई,चौड़ाई, 100 सूखे हुए दाने का वजन, चावल की लंबाई,चौड़ाई के बारे में विस्तार से बताया ।

तत्पश्चात देशी धान बीज फसल प्रदर्शनी स्थल का अवलोकन किया उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों ने  प्रथम और द्वितीय दिवस में सीखें सभी तरीकों का प्रैक्टिकल  किया। उसके बाद भूमगादी जैविक किसान उत्पादक संगठन के प्रसंस्करण यूनिट का अवलोकन कर देसी धन से पोहा निर्माण, चावल निर्माण,पैकिंग, ग्रेडिंग, मार्केटिंग, जैविक बाजार, मिनिट्स उत्पादन देखा। अंतिम सत्र में क्रि स्टोन फाउंडेशन की विधि सलाहकार ज्योति ने फाउंडेशन के उद्देश्य और भी देसी धान बीज संरक्षण कार्यक्रम के बारे में बताया इस अवसर पर देश भर के देशी धान बीज संरक्षण संवर्धन कर रहे किसानों ने देशी धान बीज संरक्षण और चरित्र निर्माण की बारीकियां को सिखा ।

इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ राज्य से किशोर राजपूत नवागढ़, गोपीकांत मंडल नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल , सजल वैद्य सुंदर वन प ब, भैरव सैनी बांकुरा पश्चिम बंगाल ,सौरभ मोटा मुंबई,सूरज दहिया पिथौरागढ़ मध्य प्रदेश,प्रहलाद साहू दुर्ग , नकछेडा राम कश्यप नगरी, कोलिका सिंह सांडे सूरजपुर, जयदेव मोहरले अंबागढ़ चौकी, नरेश कुमार बुनकर लोरमी, राजकुमार चौधरी बालाघाट मध्य प्रदेश, जयलाल नाग दंतेवाड़ा, अमेश यादव दंतेवाड़ा, शिवनाथ यादव कोंडागांव,सुरेश कुमार नाग दंतेवाड़ा, सौमिक बनर्जी बालाघाट के कृषकों ने भाग लिया।

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