December 23, 2024

अमरटापू धाम मुंगेली में पुस्तकों का विमोचन एवं कवि-सम्मेलन सम्पन्न

गर्वित मातृभूमि (बिनोद कुमार) छत्तीसगढ़:- छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर डिवीजन के जिला मुख्यालय मुंगेली से 7 मील दूर स्थित हरीतिमा से भरा-पूरा सुरम्य स्थल एवं जन-जन की आस्था के केन्द्र आगर नदी के तट पर स्थित सतनाम धाम-अमर टापू में संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर 2023 को राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान प्राप्त समिति “छत्तीसगढ़ कलमकार मंच” के तत्वावधान में पुस्तकों का विमोचन एवं भव्य कवि सम्मेलन असीम हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। छत्तीसगढ़ के दर्जन भर जिलों से पधारे साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति से शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित कार्यक्रम सफलता के शिखर को स्पर्श कर गया।

       सर्व प्रथम अमर टापू के भव्य विशाल प्रांगण में स्थित जोड़ा जैतखाम की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात गुरुगद्दी में माथा टेककर अखण्ड सतनाम ज्योति का दर्शन लाभ प्राप्त किया गया। इस दौरान सस्वर गुरु वन्दना की गई। विशाल मंच में अतिथियों के विराजमान होने पर उनका माल्यार्पण एवं गुलदस्ता भेंटकर सम्मान किया गया। पश्चात कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री जुगेश बंजारे ‘धीरज’ द्वारा समस्त उपस्थितों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया गया।

       कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए वरिष्ठ साहित्यकारों, राज महन्तों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों एवं दर्शनार्थियों की उपस्थिति में करतल ध्वनि के बीच पुस्तकों का विमोचन सम्पन्न हुआ। इन पुस्तकों में साहित्य वाचस्पति डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा सम्पादित राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह- “कलम की अभिलाषा”, उनकी एकल 51वीं काव्य कृति- “मसीहा” तथा भारत यात्री श्री चीनू टण्डन ‘सिकन्दर’ का काव्यसंग्रह- जीने की राह शामिल हैं।

       पुस्तक विमोचन के पूर्व कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति ने कहा कि सतनाम धामों की यात्रा, गुरुजी से आशीष प्राप्ति और यहाँ की पावन माटी हमें शक्ति प्रदान करती है। नमन् सतनाम धाम यात्रा एक अनूठा आयोजन है, क्योंकि मेजबान और मेहमान दोनों हम ही होते हैं। कलमकारों की गरिमामयी उपस्थिति और उत्साह हमें प्रेरणा प्रदान करता है तथा यह बताता है कि छत्तीसगढ़ कलमकार मंच सही दिशा में बढ़ रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को एकता के सूत्र पिरोने वाले ग्रन्थ को समर्पित संविधान दिवस के उपलक्ष्य में यह अवगत कराते हुए हर्षित हैं कि पावन धाम अमर टापू की यात्रा 11वें धाम की यात्रा है। यहाँ 3 पुस्तकों के विमोचन पश्चात मंच के बैनर तले विमोचित पुस्तकों की संख्या 39 हो जाएगी। आज 51 साहित्यकारों को “कलमकार साहित्य सौरभ सम्मान-2023” प्रदान किया जाएगा। इसे शामिल कर मंच द्वारा सम्मानित साहित्यकारों की संख्या 667 हो जाएगी। इस पवित्रधाम में जोड़ा जैतखाम के समक्ष आप सबकी गरिमामयी उपस्थिति में इन ग्यारह धामों की यात्रा पर आधारित “सत्यपथ पर” यात्रा संस्मरण लिखने का संकल्प लेता हूँ।

       कार्यक्रम के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट के बीच 51 साहित्यकारों को *‘कलमकार साहित्य सौरभ सम्मान-2023’* के सम्मानपत्र, मेडल और पुस्तकें प्रदान की गईं।

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और अमरटापू ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री दुर्गा बघेल ने कहा कि साहित्य के उत्थान और लोक कल्याणकारी सतनाम संस्कृति के विकास में छत्तीसगढ़ कलमकार मंच का कार्य अत्यन्त प्रशंसनीय है। यह नवोदित कलमकारों को एक मंच प्रदान कर रहा है। डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की तरह जो रूटीन से हटकर कार्य करते हैं, वही इतिहास में अमर होते हैं। मेरी दिली इच्छा है कि यहाँ पर छत्तीसगढ़ कलमकार मंच का कार्यक्रम प्रतिवर्ष हों।

       इस अवसर पर जे.बी.डी. कॉलेज कटघोरा के प्राचार्य डॉ. प्यारेलाल आदिले ने अपने प्रभावशाली एवं प्रेरक उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान की उद्देशिका के प्रथम शब्द ‘हम’ विश्व का सबसे खूबसूरत शब्द है, क्योंकि जहाँ हम की भावना विद्यमान होती है, वहीं कल्याण और विकास निहित होता है। भूख से बड़ा मसला दुनिया में कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए किसान व्यवस्था में सर्वाधिक पूज्य व्यक्ति होता है।

       इसके बाद कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कविता और गीतों की स्वर लहरियाँ सुनकर दर्शक और स्रोता गणों ने ताली बजा-बजा कर खूब आनन्द लिए। कवि सम्मेलन में बिलासपुर, रायपुर, बेमेतरा, कवर्धा, बलौदाबाजार, जांजगीर, कोरबा, मुंगेली, उत्तर बस्तर कांकेर, सरगुजा इत्यादि जिलों से बड़ी संख्या में जाने माने कवियों एवं साहित्यकारों ने शिरकत की और अपनी मनभावन कविताओं से समा बांधा। इसमें सुखदेव सिंह अहिलेश्वर, अश्वनी कोसरे प्रेरक, डी. पी. लहरे ‘मौज’ जुगेश बंजारे धीरज, बेदराम जाटवर वेदांज, मणिशंकर दिवाकर गदगद, राजेन्द्र गेंदले, अशोक कुमार बंजारे, नवीन कुमार कुर्रे, श्रीमती उषा पाटले, श्रीमती सुनीता जांगड़े, उपेन्द्र सिंह पैकरा, मोहन षत्ऋषु, सशक्त हस्ताक्षर के प्रधान सम्पादक मनोज जायसवाल, कमलेश ढिंढे कमल, सुरजीत क्रान्ति, श्रीमती वसुंधरा कुर्रे, श्रीमती सुरजा खाण्डे, चीनू टण्डन सिकन्दर, टेकराम टोडर, इत्यादि साहित्यकारों के अलावा सरपंच संघ अध्यक्ष रेखचन्द कोशले, सरपंच अमरचंद नवरंग, सरपंच रेश कुमार दिवाकर, रामाधार, धनेश्वरी जायसवाल, डॉ. परसराम कुर्रे, हेतराम खाण्डे इत्यादि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सर्वत्र सराहना मिली। ग्रामवासी बच्चे, बूढ़े, जवान एवं नारी शक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर कार्यक्रम का भरपूर आनन्द लिए।

       कार्यक्रम के दौरान श्री दुर्गा बघेल एवं राजेन्द्र गेंदले द्वारा जलपान एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी। उपस्थित साहित्यकारों एवं गणमान्य नागरिकों को डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति द्वारा रचित पुस्तकों- सतरंगी बस्तर, मसीहा, उड़ रहा गॉंव का निःशुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम का शानदार संचालन गायक-कवि जुगेश बंजारे धीरज द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।  यह जानकारी छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के मीडिया प्रभारी एवं प्रचार सचिव श्री मणिशंकर दिवाकर गदगद ने दी है।

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