बेजुबान मवेशीयों के मौत का सौदागर बन गए गौठान समिति के अध्यक्ष
बेजुबान मवेशीयों के मौत का सौदागर बन गए गौठान समिति के अध्यक्ष
उमाशंकर दिवाकर गर्वित मातृभूमि (बेमेतरा/ बेरला/ सरदा) – गौ माता के नाम पर लोग किस कदर पाप की कमाई कर रहे हैं जिनकी सच्ची तस्वीर यदि देखना हो तो बिरला ब्लॉक के शारदा गांव पर बने गौशाला पर देखा जा सकता है जिनकी स्थिति इतनी देनी है कि 1 साल में 20 मवेशियों की मौत और उनको सिर्फ दिखावे के नाम पर उनका संवर्धन करने की बात और सुरक्षा करने की बात करते हैं या पूरा वाक्य यदि उच्च जांच हो जाए तो विभागीय अधिकारी अपनी साफ नियत से वहां की जीओवी वंश की यदि रक्षा के संबंध में या उनके बातों को उठाएं तो बहुत सारे मामले उजागर हो सकते हैं किंतु किसको क्या पड़ी है यहां तो सब लूट कर खाने वाले लोग हैं उसे बेजुबानों की सुनने वाला कोई नहीं उनके दर्द को आखिर कौन है यहां सुनने वाला सिर्फ और सिर्फ लोग गौ माता कहकर उनका शोषण कर रहे हैं उनका शिकार कर रहे हैं उनके मरने पर उनकी खाल खींचकर उनके खाल का कारोबार करने वाले लोग हैं इस दुनिया में सिर्फ और सिर्फ स्वार्थी बन गए हैं और इनका पूरा जिमेदार इंसान के अलावा कोई नहीं और जिम्मेदार जो वे लोग हैं जिनको यह जिम्मेदारी दिया गया है प्रशासन भी ऐसे लोगों को बेधड़क छूट देकर रखी हुई है इनका पूरा जिम्मा प्रशासन को भी जाता है जिनको देखरेख करने के लिए जो जिम्मेदारी दी गई है वह जिम्मेदार लोग दलाल बन बैठे हैं। या कोई मनगढ़ंत नहीं बल्कि सच्ची घटना है जिसे देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे खुली आसमान के नीचे जब लोग अपने घरों पर ठंड से बचने के लिए क्या-क्या जतन और उपाय नहीं करते वही उसे बेजुबान मवेशियों उनके बच्चों और कमजोर गोवंश की देखरेख के नाम पर सिर्फ खुली आसमान के नीचे रहने के लिए बेबस और लाचार छोड़ दिया जाता है खाने के लिए सिर्फ खानाबदोश की जिंदगी के बाद और पहले दिया जाता है और सिर्फ पानी के भरोसे आखिर कब तक गौ वंश अपना जीवन जीन सकते हैं।
समिति में गांव के किसानों के द्वारा जब वह मवेशी कोई काम का नहीं रहता है तब लावारिस की तरह छोड़ देते हैं वह मवेशी बेहद कमजोर किस्म के होते हैं और यहां आने के बाद में उनकी मृत्यु हो जाती है और जिनके वजह से हमारे ऊपर आरोप लगता है। हमारे द्वारा मृत मवेशी को खुला मैदान में छोड़ दिए जाते हैं कुत्ता खो जाता है। साथी डॉक्टर के द्वारा पशु चिकित्सा के द्वारा किसी प्रकार से पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता क्योंकि गांव में मवेशी खत्म होता है तो उसको ऐसे ही बाहर फेंक दिया जाता है और उसी तरीके से हमारे द्वारा जब भी मैं इस खत्म होता है उसको उसी तरीके से बाहर निकाल करके रख दिया जाता है जिससे कुत्ता बिल्ली या जो लोग हैं उनका ख्याल हड्डी निकाल कर ले जाते हैं।
चिंता राम कोशले ,अध्यक्ष,गौठान समिति सरदार,बेरला, बेमेतरा
सरदा में कितने मवेशी खत्म हुआ उनकी जानकारी नहीं है जब कोई मवेशी की मृत्यु उपरांत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही सूचना मिलता है। अभी मुझे कोई जानकारी नहीं कहते हुए फोन काट दिया।
वेंटनेंरी डाक्टर शुक्ला
हाल ही में पंचायत आया हुए कुछ माह ही हुआ है और मेरे आने के बाद में मेरे जानकारी के अनुसार एक वर्ष में लगभग 10-12 मावशी खत्म हुआ होगा। अभी मरम्मत कार्य करवाए हैं साथ मुरूम डलवाये हैं तथा लगभग 40-50 हजार का पैरा खरीदी हो चूका हैं । यह सब की जानकारी गौठान समिति के अध्यक्ष ही जानकारी आपको दे सकते हैं कितने में विश्व मृत्यु हुआ है कितने वहां उस गौठन में है।
अनिल टंडन पंचायत सचिव सरदा