चेला पर गुरु भारी या चेला मारेगा बाजी चर्चा गरम विधानसभा नवागढ़ का है मामला
चेला पर गुरु भारी या चेला मारेगा बाजी चर्चा गरम विधानसभा नवागढ़ का है मामला
नवागढ़ विधानसभा में मुद्दा स्थापित बनाम प्रवासी
साहु वोटर बनाम सतनामी वोटर बड़ा फैक्टर
उमाशंकर दिवाकर गर्वित मातृभूमि बेमेतरा/नवागढ़ – आसन्न विधानसभा चुनाव में अब रोटी कपड़ा मकान से उपर कर्ज माफी और स्थानीय बनाम प्रवासी का है क्षेत्र की जनता ने पिछले चुनाव में प्रवासी प्रत्याशी गुरुदयाल सिंह बंजारे को उतार कर विजय हासिल किया था जो जीतने के बाद क्षेत्र की जनता से मुंह मोड़ लिया था ।भाजपा के दिग्गज दयालदास बघेल तीन बार विधायक रहे और दो हार के बाद 6वी बार मैदान में हैं उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को प्रवासी प्रत्याशी बताकर जनता से स्वयं को स्थानीय प्रत्याशी बताकर साधने में लगा है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतनामी समाज के गुरु हैं और कांग्रेस के कर्ज माफी को मुद्दा बनाया है और स्वयं को सामाजिक बंधुओं से गुरु होने का भावनात्मक कार्ड खेला है। दोनों ही पार्टियां अपने लोकलुभावन घोषणा पत्र के माध्यम से प्रत्याशी को विजय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन सुत्रो की मानें तो जनता के बिच तीन बार के विधायक बनाम नये प्रवासी प्रत्याशी की चर्चा गर्म है मतदाता चुनाव किसे जिताएगा चर्चा गरम है जनता परिवर्तन तो चाहती है लेकिन परिवर्तन में पुराने स्थापित प्रत्याशी दयालदास बघेल को वोट करेंगे या नया चेहरा को अवसर देंगे कहना मुश्किल है रणनीति में दोनों ही प्रत्याशी माहिर है लेकिन माहौल गर्म होने के बाद भी जनता एकदम शांत है रोटी कपड़ा मकान कभी चुनाव का मुद्दा हुआ करता था लेकिन अब उससे इतर नया नया लोकलुभावन घोषणा पत्र देखकर जनता उहापोह में है सामाजिक समीकरण के हिसाब से देखें तो रुद्र गुरु को सतनामी समाज का एकतरफा समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है वहीं भाजपा प्रत्याशी जिले के दोनों अनारक्षित सीटो पर साहु समाज से प्रत्याशी घोषित करने पर साहु समाज को एकजुट करने एवं वोट बैंक तैयार कर सतनामी समाज से मिलने वाले खाई को भरने का जी तोड प्रयास में लगा है क्षेत्र में तीसरे चौथे नंबर पर लोधी और यादव समाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो अभी मौन है खुलकर सामने नहीं है भाजपा प्रत्याशी भीतर घातियों से भयभीत हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रवासी प्रत्याशी होने से भयभीत हैं माहौल गरम जरुर है लेकिन किस ओर रुझान है कहना मुश्किल है भाजपा एवं कांग्रेस पार्टी के बीच सिधा टक्कर दिखाई दे रहा है बहुजन समाज पार्टी और जनता जोगी कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में अपनी अहम् भूमिका में नजर आता इसलिए नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि इस एस सी आरक्षित सीट में अन्य समाज के प्रत्याशी नहीं है और सामाजिक गुरु का मैदान में कूदते ही सामाजिक समीकरण बदल गया है अन्य समाज के लोगों का रुझान बहुजन समाज पार्टी एवं जोगी कांग्रेस पार्टी की तरफ नग्नय है सिधा मुकाबले में भाजपा कांग्रेस दिखाई दे रहा है दयालदास बघेल साहु समाज के भरोसे है वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतनामी समाज में खासा लोकप्रिय है यह कहना गलत नहीं होगा कि सतनामी समाज और साहु समाज जो लगभग-लगभग बराबर है और चुनाव में अहम् भूमिका निभाएगा जो जिस समाज को एकजुट कर अपने पक्ष में वोटिंग कराएंगे जीत हासिल कर सकते है।