बिना बीमा फिटनेस के दौड़ रहे हैं सूरजपुर वन विभाग के वाहन। वन परिक्षेत्र सूरजपुर में कई वाहन चल रहे हैं जिनका बीमा फिटनेस पॉल्यूशन सार्टिफिकेट है ही नही।दुर्घटना होने पर कौन देगा क्लेम जिम्मेदार मौन।
बिना बीमा फिटनेस के दौड़ रहे हैं सूरजपुर वन विभाग के वाहन।
वन परिक्षेत्र सूरजपुर में कई वाहन चल रहे हैं जिनका बीमा फिटनेस पॉल्यूशन सार्टिफिकेट है ही नही।
दुर्घटना होने पर कौन देगा क्लेम जिम्मेदार मौन।
सूरजपुर/:– सड़क पर चल रहे वाहनों के लिए कई कानून बनाए गए हैं इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना का प्रावधान है सरकारी विभाग होने के कारण बीमा फिटनेस कराने के नाम पर विभाग के द्वारा पूरी तरह से उदासीनता बरती जाती है वही सरकारी नंबर होने के कारण इन वाहनों की बीमा फिटनेस आदि की जांच भी नहीं की जाती है। सरकारी गाड़ियों के लिए सारे कायदे कानून को ताक पर रख दिया जाता है।
नहीं है बीमा फिटनेस के डाक्यूमेंट्स
वन परिक्षेत्र सूरजपुर के रेंजर जिस वाहन में चलते हैं उसका इंश्योरेंस भी फेल है ना ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है। इसी तरह कई वाहन चल रहे हैं लेकिन उनके भी बीमा फिटनेस पॉल्यूशन सार्टिफिकेट कुछ भी नहीं है। उड़नदस्ता वाहन के सारे कागज फेल है फिर भी क्षेत्र में घूमती रहती है बेरोकटोक वन विभाग की गाड़ियां।
कैसे मिलेगा क्लेम
वन विभाग के इन वाहनों से कभी कोई दुघर्टना घटती है और जिससे किसी प्रकार का नुकसान होने पर छतीपूर्ति के रूप में क्लेम कौन देगा और कैसे देगा। इसका जवाब सूरजपुर आरटीओ के पास भी नहीं है।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर चलने वाले वाहनों के लिए कई नियम-कानून बनाए गए है वन क्षेत्र में प्रवेश करने वाले वाहनों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अगर नहीं है तो जुर्माना का प्रावधान है लेकिन वन विभाग के अधिकारी स्वयं इस कानून का उल्लंघन करेंगे तो आम जनता से कैसे कानून पालन करवाएंगे।
बयान देने से पल्ला झाड़ते नजर आया परिवहन विभाग
इस मामले में सूरजपुर आरटीओ ने बयान देने से मना कर दिया और कहा जिस विभाग का मामला है वही जवाब देंगे यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया।
फोन रिसीव नहीं किए वन परिक्षेत्र अधिकारी
सूरजपुर रेंजर से फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा हो सकता है उनके नजर में परिवहन विभाग के नियम कानून का पालन करना सही ना हो।