व्यास कश्यप तो केवल नाम का है असल मे नारायण चंदेल का टक्कर भूपेश बघेल और डा .महंत से है भाजपा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चंदेल को छाया मुख्यमंत्री नहीं, वास्तविक मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है ।
व्यास कश्यप तो केवल नाम का है असल मे नारायण चंदेल का टक्कर भूपेश बघेल और डा .महंत से है भाजपा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चंदेल को छाया मुख्यमंत्री नहीं, वास्तविक मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है ।
जांजगीर चांपा से शुभम सिंह राजपूत (गर्वित मातृभूमि)
गुलाबी सर्द मौसम मे इन दिनों राजनीतिक गर्मी दिनों दिन बढ़ती जा रही है और इस राजनीतिक गर्मी की आंच स्थानीय स्तर से उठते हुए शीर्ष नेताओं तक पहुंच रही है । लोकतंत्र के महापर्व पर वैसे तो हर स्थान का चुनाव अहम होता है लेकिन चुनाव मे जब प्रत्याशी बदलने की मांग के बीच कोई अपने दम पर टिकट लाए और किसी को शीर्ष नेतृत्व द्वारा टिकट दे दिया जाए तो स्थानीय कार्यकर्ताओं मे असंतोष के बीच चुनाव लड़ना और भी अहम हो जाता है। इसी लिहाज से देखा जाए तो जांजगीर-चांपा विधान सभा क्षेत्र का चुनाव प्रदेश मे अहम हो चला है ।
एक ओर नारायण चंदेल अपनी पिछली जीत और अपने आत्मविश्वास के सहारे फिर से जीत सुनिश्चित का दावा करते हुए भाजपा से टिकट पाने मे सफल हुए है तो दूसरी और पिछले चुनाव मे बसपा प्रत्याशी के रूप में तीसरी शक्ति बनकर उभरने वाले व्यास कश्यप इस बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान मे है ।
चंदेल का टक्कर सीधे भूपेश बघेल और डा महंत से …
कांग्रेस मे दर्जनों दावेदारों को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस अंदाज मे व्यास कश्यप को टिकट दिया है उससे कांग्रेसी खेमे मे आश्चर्य व्याप्त है । चूंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यास कश्यप पर भरोसा जताया है तो निश्चित रूप से वे चाहेंगे कि व्यास कश्यप चुनाव जीते। दूसरी और क्षेत्र मे राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले डा.चरणदास महंत के प्रभाव क्षेत्र होने के नाते भी पुराने कांग्रेसियों के बजाय व्यास कश्यप को टिकट मिलने से भी नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे रहा है।
पिछले दिनों शक्ति मे भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान नारायण चंदेल ने डा.चरणदास महंत को पर्मानेंट रिटायर किए जाने का आव्हान करते हुए महंत को केवल गुड़ाखू घिसने वाला नेता कहा । पहली बार नारायण चंदेल द्वारा सार्वजनिक मंच से महंत पर व्यक्तिगत हमला बोलना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। खैर… ।
चुनावी मैदान मे अभी सभी प्रत्याशियों के मुख से शब्द बाण निकलेंगे और इसकी चुभन कब किसको लग जाए कहा नहीं जा सकता। बात करे भाजपा कार्यकर्ताओं की तो इन दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश हाई है क्योंकि राजनीतिक समीकरण को देखते हुए कहा जा सकता है कि नारायण चंदेल का टक्कर सीधे सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डा चरणदास महंत से है। यही कारण है नारायण चंदेल के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश हाई है और वे ज्यादा से ज्यादा वोटों से नारायण चंदेल को विजय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं । आम तौर पर नेता प्रतिपक्ष को छाया मुख्यमंत्री कहा जाता है इस लिहाज से भी भाजपा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग नारायण चंदेल को छाया मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि भाजपा सरकार में वास्तविक मुख्यमंत्री के रूप मे देखना चाहता है।