जांच स्थल पर ही लिखित बयान को फाड़ा गया
जांच स्थल पर ही लिखित बयान को फाड़ा गया
जिला ब्यूरो प्रदीप तिवारी
गर्वित मातृभूमि/झारखंड/गढ़वा
उक्त मामला गढ़वा जिला अंतर्गत बरडीहा प्रखंड मुख्यालय का है जहां बरडीहा मुख्य बाजार के उत्तर दिशा में आंगनबाड़ी केंद्र के पास पुराने पंचायत भवन में लगभग 15 वर्षों से रह रहे कृष्णा डोम और उसके परिवार के 10 से अधिक सदस्यों को ग्रामीणों के द्वारा जबरन हटाने का प्रयास का मामला सामने आया है। दिनांक 26 अक्टूबर,2023 दिन गुरुवार को मुख्य बाजार स्थित बच्चा साह के घर के पास बरडीहा प्रखंड उप प्रमुख सकेंद्र पासवान, मुखिया पति वशिष्ठ पासवान, पूर्व मुखिया रामदेव विश्वकर्मा एवं ग्रामीणों के बीच सुबह लगभग 8 बजे से बैठक प्रारंभ किया गया जिसमें कृष्णा डोम और उसके परिवार वालों को सरकारी भवन खाली कराने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक अनुरोध पत्र लिखा गया जिसमें कुल 131 ग्रामीणों ने अपना हस्ताक्षर किए । कृष्णा डोम और उसके परिवार वालों ने बताया कि उसी दिन लगभग 12 बजे बरडीहा प्रखंड की जिला परिषद सदस्या अर्चना प्रकाश भी उपस्थित हुईं। हमलोग जब घर में ताला बंद कर अपने अपने काम में चले गए तो हमलोग के अनुपस्थिति में जिला परिषद प्रतिनिधि सुरजीत साह उर्फ सोनू साह, अरुण विश्वकर्मा, शिव नाथ साह और उसके सहयोगियों ने मिलकर ताला तोड़ा और घर का समान ट्रैक्टर पर चढ़ाने लगे।खबर सुनते ही मेरे घर की महिलाएं आई और घर में बेटी की शादी है दो महीने और रहने दीजिए कहकर गिड़गिड़ाने लगी पर किसी ने नहीं सुना।हम सभी अंचलाधिकारी से गुहार लगाई।खबर मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सीओ सुश्री निधि रजवार के द्वारा उक्त मामला की जांच के लिए अंचल कर्मचारी आलोक कुमार दास एवं अंचल निरीक्षक राज कुमार गुप्ता को नियुक्त कर दिनांक 28 अक्टूबर,2023 दिन शनिवार को भेजा गया जहां ग्रामीणों ने अपने बयान में बताया कि हमलोग गांव से नहीं हटा रहे थे बल्कि बिजली ग्रिड के पास जहां पूर्व बीडीओ नन्दजी राम के द्वारा कृष्णा डोम और उसके परिवार वालों को रहने के लिए कहा गया था उसी के नजदीक निर्मित दुध केंद्र भवन में जाने के लिए कहा जा रहा है साथ ही ग्रामीणों ने ताला तोड़ने की बात को साफ इंकार कर दिया परंतु कृष्णा डोम के घर का चाभी अभी तक ग्रामीणो के पास ही पाया गया और समान घर के बाहर बिखरा हुआ नजर आया। वहीं ट्रैक्टर के मालिक ने बताया कि गाड़ी ग्रामीणों के द्वारा मंगवाया गया था परन्तु मुझे जैसे हीं पता चला कि मामला एकतरफा है मैंने अपना गाड़ी वापस मंगवा लिया। जांच में लिखे गए दोनों पक्षों के बयान को अचानक बिरेंद्र विश्वकर्मा, पिता गोरख विश्वकर्मा के द्वारा उठाकर फाड़ दिया गया और कहा गया कि पीड़ित परिवार को यहां से हटाकर जहां भेजने की बात की जा रही है वह मेरा जमीन है। मौके पर शशिभूषण प्रसाद सोनी, अवधेश यादव, शशीकांत गुप्ता,अमर कुमार, महेंद्र यादव, आंगनबाड़ी सेविका पुनम देवी, आंगनबाड़ी सहायिका,कर्ण प्रसाद, राकेश विश्वकर्मा, सुरेंद्र विश्वकर्मा, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।पत्रकारों को इन सभी बातों की जानकारी अंचल निरीक्षक राज कुमार गुप्ता एवं कर्मचारी आलोक कुमार दास के द्वारा दिया गया।