संस्कृति मंत्रालय रीजनल सेंटर में आयोजित शिक्षा में पुतली कला की भूमिका “विषय पर कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के 7 शिक्षक हुए शामिल ।
संस्कृति मंत्रालय रीजनल सेंटर में आयोजित शिक्षा में पुतली कला की भूमिका “विषय पर कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के 7 शिक्षक हुए शामिल ।
सूरजपुर/भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के अंतर्गत सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सी.सी. सर टी) गोवाहाटी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में “एनईपी 2020 के अनुरूप शिक्षा में पुतली कला की भूमिका विषय पर छ.ग. राज्य के अलग- अलग जिलों से सात शिक्षकों का चयन किया गया, जिसमे से सूरजपुर जिले के शासकीय प्राथमिक शाला पाठकपुर से -धर्मानंद गोजे ने प्रतिनिधित्व किया। इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में समूचे देश के 12 राज्यों के 62 शिक्षक शामिल हुए। इनमें छ.ग. के जांजगीर-चांपा के नवागढ़ वि.ख. से शासकीय नवीन प्राथमिक शाला पठारी पारा महंत से प्रमोद कुमार टंडन, कबीर धाम जिले से जगदीश प्रसाद विद्रोहिया, मुंगेली जिले से श्रीमती सुधारानी शर्मा कांकेर से शेख इमरान उल्लाह एवं बीजापुर जिले से शांतिलाल वर्मा एवं जरासन सोनवानी का चयन राज्य दवारा किया गया था। इस कार्यशाला में कठपुतली कला के विविध आयाम के अंतर्गत ग्लोब्स पपेट, रॉड पपेट, स्टिंग पपेट और सेड़ो पंपेड़ तथा मुक अभिनय कला (mime) शिक्षा में इसकी उपयोगिता, विद्यालय में सांस्कृतिक क्लब की स्थापना तथा शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत कामख्या मंदिर, बालाजी मंदिर एवं चिड़िया घर को दिखाया गया है दिनांक 11/10/2023 को 6 वे दिन में छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने राज्य की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें शिक्षको ने राज्य की संस्कृति सभ्यता, समरसता तथा लोक नृत्य को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ और जिले का प्रतिनिधित्व कर नाम रोशन किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावा जम्मू कश्मीर, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पुद्दूचेरी, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल के प्रतिभागी शामिल होकर अपनी संस्कृति साझा की |