वत्सला संस्था की सराहनीय पहल आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहाल बच्चों को बाल भोज की सौभाग्य….
वत्सला संस्था की सराहनीय पहल आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहाल बच्चों को बाल भोज की सौभाग्य….
पितृपक्ष” बाल देवो भव:” वत्सलासेवा 2023 में अब तक विभिन्न जिले के 1380 बच्चो को बालभोज के साथ बौद्धिक गतिविधियों की मिल रही सेवा
उमाशंकर दिवाकर गर्वित मातृभूमि (रायपुर) – शनिवार_ 11:30 सनातन धर्म में पितृपक्ष में परिजन जहां अनेक आयामों से भोजन , तर्पण विधि से अपने पूर्वजों को प्रसन्न करते है,वही महिलाओं की एक मात्र वत्सला संस्था नन्हे नन्हे जरूरतमंद,गरीब बच्चो को ये सेवा उपहार देकर अपनी सामाजिक मातृत्व की जिम्मेदारी निभा रही है ,आज मोहभट्टा आ बा क्रमांक 1और 2 में वत्सला कार्यकारिणी टीम उपास्थित हो सभी बच्चों, शाला त्यागी बालिकाओं को खीर ,पूरी,और पकवान के साथ नए कपडे और केक परोसा गया,,जिसे पाकर सभी खुशी से उछल पड़े ,साथ ही इन बच्चो के बौद्धिक विकाश के लिए कई नवाचार शिक्षणिक गतिविधि के माध्यम से उन्हें खेल खेल में नई चीजों से अवगत कराया, । राष्ट्रीय प्रमुख श्रीमती ज्योति सिंघानिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये पितृपक्ष बाल सेवा, संस्था द्वारा प्रतिवर्ष पितृपक्ष में आ बा., स्कूलों,स्लम बस्तियों के बच्चों को अनवरत 16 दिनों तक दी जाती है, जिसका का इंतजार जिले के सभी बालवाड़ी बच्चो को साल भर रहता है । उनका मानना है की ,जावत्सला संस्था बेमेतरा ईकाई अध्यक्ष स्वीटी सलूजा कीर्ति सिंघानिया, मंजू मोटवानी ,पूर्णिमा पटेल , अनिता साहू ,विजया लाखोटिया ने बच्चो को प्रेम से भोजन की सेवा दी और बताया कि ये सेवा अमावस्या तक अलग अलग केंद्रों,प्रायमरी स्कूल्स और स्लम बस्ती में यूं ही चलेगा, अभी तक बेमेतरा ,गुनरबोर्ड, चुहका ,घोटमार्रा ताला, कोदवा,जामगाँव, राका ,नवागांव ,और खामडीह , लगभग 1380बच्चों तक ये सेवा पहुंच पाई है , आगामी पितृमाह अमावस्या तक ये सेवा निरंतर चलेगी