साथी परियोजना अंतर्गत जिला प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित
साथी परियोजना अंतर्गत जिला प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर/01 सितम्बर 2023/ इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बिकापुर राज्य के स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठनों को उनके फसलों के उत्पादन से लेकर विपणन तक सहयोग प्रदान करने की दृष्टिकोण से भारत सरकार की एजेंसी नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित) द्वारा साथी परियोजना तैयार की गई है। उक्त योजना को प्रदेश में संचालित करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय को लीड एजेंसी एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को सहायक एजेंसी बनाया गया है। योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त, कृषि विभाग की अध्यक्षता में राज्य शासन द्वारा राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जिले में योजना अंतर्गत मिलेट कैफे एवं साथी बाजार स्थापना के लिए आवश्यक बजट, स्थल चयन, एफ.पी.ओ. एवं स्वयं सहायता समूह एवं उनके व्यवसाय का चयन, कार्य की समीक्षा एवं मार्गदर्शन हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला प्रबंधन समिति का गठन किया गया है।
विगत दिवस अपराह्न 4ः00 बजे कलेक्टर की अध्यक्षता समिति के सचिव मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की उपस्थिति में जिला प्रबंधन समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में फीफा नाफेड से श्री मनीष साहू, इं.गां.कृ.वि, रायपुर से स्टेट साथी परियोजना नोडल अधिकारी डॉ. गजेन्द्र चंद्राकर, रा.मो.दे.कृ.महा.वि एवं अनु.केन्द्र, अम्बिकापुर के अधिष्ठाता डॉ. संतोष सिन्हा, कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगुजा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्री राजेश चौकसे, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, आजीविका मिशन, महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में विश्रामपुर के समीप ग्राम केनापारा में स्थित पर्यटन स्थल को साथी परियोजना के रूप में विकसित करने के लिए निर्णय लिया गया। योजना अंतर्गत साथी परियोजना के संचालन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा पूर्व में महिलाओं के द्वारा स्थापित कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) का चयन किया गया। समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि उक्त संगठन को मजबूत करने के लिए 10000 महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जावेगी। समिति द्वारा योजनान्तर्गत विभिन्न संसाधनों को स्थापित करने लिए जिला खनिज न्यास निधि से इं.गां.कृ.वि. को सत्तर लाख रु. दिया जाना प्रस्तावित है।