सावन के अंतिम सोमवार पर नर्मदेश्वर महाशिव मंदिर रुनियाडीह में उमड़ी भक्तों की भीड़, भगवान शिव का किया जलाभिषेक
सावन के अंतिम सोमवार पर नर्मदेश्वर महाशिव मंदिर रुनियाडीह में उमड़ी भक्तों की भीड़, भगवान शिव का किया जलाभिषेक
मो0 सुल्तान सूरजपुर
सूरजपुर: सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत रुनियाडीह में सावन के आठवें सोमवार को हर-हर शम्भु, हर-हर महादेव के जयकारे से सोमवार को पूरा गांव गुंजायमान हो उठा। मंदिर में जलाभिषेक एवं पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी। सुबह से ही सुबह से हर-हर महादेव, बम-बम के जयकारे से भक्तिमय में हो गया।
दरअसल आपको बता दें कि नर्मदेश्वर महाशिव मंदिर के प्रति रुनियाडीह ग्राम वासी सहित आसपास के लोगों का विशेष आस्था है, इसलिए यहां लोगों की भीड़ रहती है।इस बार सावन का आठ सोमवार होने के चलते भक्त शंकर का जलाभिषेक करने के लिए आतुर नजर आ रहे थे। इस दौरान भक्तों में उत्सुकता भी थे।
कांवड़ यात्रा ले कर पहुंचे भक्त
सावन के अंतिम सोमवार को भक्तो ने सूरजपुर छट घाट से जल उठाकर कावड़ यात्रा के साथ डीजे के साथ कांवड़ लेकर भगवान शंकर के जयकारे लगाते हुए नर्मदेश्वर महा शिव मंदिर रुनियाडीह मंदिर पहुंचे और कावड़ के जल से महाकाल का जलाभिषेक किया.।
सावन में जलाभिषेक का विशेष है महत्व
भगवान शिव पर सावन में जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस माह में विष के प्रभाव और शरीर में जलन को कम करने के लिए सभी देवताओं ने शिव जी पर शीतल जल डाला और इसके बाद विष का प्रभाव और शरीर का ताप कम हुआ. यहीं कारण है कि अन्य माह के मुकाबले सावन महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व अधिक बढ़ जाता है. इसके साथ ही यह भी माना जाता है भगवान शिव को सावन महीना अति प्रिय होता है. वह एक लोटे जल से प्रसन्न हो जाते है. भगवान शिव अपने भक्तो को हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
इस दौरान मुख्य रूप से जनपद सदस्य बाबूलाल राजवाड़े, बोधन राम राजवाड़े,राजवंश राजवाड़े,रितेश राजवाड़े,सरवन सरपंच, बालेश्वर, रामकेश्वर राजवाड़े जी, तुलेश्वर, मोतीलाल,विनोद, रामसाय, ओमप्रकाश, परमेश्वर राजवाड़े,दीपेश कुशवाहा, कमलेश प्रजापति,राजेंद्र राजवाड़े,नंदलाल राजवाड़े, रामचरण राजवाड़े ,केवल साय, कामेश्वर राजवाड़े, हेमंत, नवीन राजवाड़े,व समस्त नर्मदेश्वर महादेव सेवा समिति रुनियाडीह सहित सैकड़ो श्रद्धालु करंजी चौकी प्रभारी सहित पुलिस स्टाफ सुरक्षा के लिए उपस्थित थे।